-1857 के महान क्रांतिकारी बंधू सिंह की स्मारक सब्जी मंडी से पटी

-अतिक्रमणकर्ताओं के विरोध के कारण पार्क का नहीं हो पाया जीर्णोद्धार

GORAKHPUR:

महानगर के घंटाघर के समीप 1857 के महान क्रांतिकारी शहीद बंधू सिंह की याद में स्थापित पार्क है। पर शहीद की स्मृतियों को संजोने के लिए यहां कुछ भी नहीं है। पूरा पार्क मिनी सब्जी मंडी है। शहीद की स्मारक सब्जियों के ठेलों के बीच छिप जाती है। हाल्सीगंज स्थित यह शहीद पार्क अतिक्रमण का दंश झेल रहा है। पार्क के जीर्णोद्धार के लिए नगर निगम ने कई बार पहल की लेकिन वहां की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया। अंग्रेजों से लोहा लेने वाले शहीद की स्मारक अतिक्रमण के कारण अपना अस्तित्व खो रही है।

दो पूर्व मेयर ने पार्क से अतिक्रमण हटवाने का किया था प्रयास

एक मार्च 1993 को नगर प्रमुख रहे पवन बथवाल द्वारा शहीद बंधू सिंह स्मारक का शिलान्यास किया गया था। तब से अब तक इस स्थान का कोई विकास नहीं हो पाया। निगम इस पार्क को नया जीवन देने के लिए 2009 से प्रयास कर रहा है। भूतपूर्व मेयर अंजू चौधरी के कार्यकाल के दौरान यहां भीड़ को देखते हुए इस रोड पर पार्किंग बनाने की पहल की गई लेकिन इस योजना को मूर्त रूप नहीं दिया जा सका। इसके उपरांत मेयर चुनी गई डॉ। सत्या पांडेय के कार्यकाल के दौरान यहां पर बेसमेंट में पार्किंग, पार्क व दुकान बनाने की योजना बनाई गई। लेकिन अफसरों की रूचि न लेने और अतिक्रमणकर्ताओं के विरोध के कारण शहीद बंधू सिंह पार्क का विकास नहीं हो पाया।

कौन है शहीद बंधू सिंह

पूर्वी यूपी खासकर गोरखपुर का 1857 की क्रांति में अहम रोल रहा है। इस क्रांति के गरम दल के क्रांतिकारियों में चौरीचौरा के डुमरी बाबू गांव निवासी बंधू सिंह का अंग्रेजों में बेहद खौफ था। अंग्रेजों ने बंधू सिंह को अलीनगर स्थित एक पेड़ पर फांसी देने का छह बार प्रयास किया लेकिन हर बार फांसी का फंदा टूट जाता था। सातवीं बार उन्होंने खुद मां जगतजननी का ध्यान कर फांसी के फंदे को चूमते हुए कहा कि मां अब मुझे मुक्ति दो। एक तरफ अलीनगर स्थित पेड़ पर 12 अगस्त 1857 को क्रांतिकारी बंधु सिंह को फांसी के फंदे पर लटकाया गया। उसी वक्त यहां से 25 किमी दूर देवीपुर के जंगल में उनके द्वारा स्थापित मां की पिंडी के बगल में खड़ा तरकुल के पेड़ से रक्त धारा निकल पड़ी, यहीं से इस देवी का नाम माता तरकुलहा के नाम से प्रसिद्ध हो गया। मंदिर भक्तों द्वारा सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। यहां हमेशा श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। चैत्र नवरात्र में यहां लगने वाला मेला काफी लोकप्रिय है।

वर्जन

पार्क की भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराके जल्द से जल्द सीमांकन कराने का आदेश दिया है।

सीताराम जायसवाल, मेयर

Posted By: Inextlive