कुछ ऐसी फिल्में होती हैं जो प्योर नास्टैल्जिया की वजह से मैजिकल हो जाती हैं। मैं अगर अस्सी नब्बे के दशक में होता तो स्कूल हमें ये फिल्म जरूर दिखाने ले जाता। हर क्लास के बच्चे लाइन लगा के सिनेमाहॉल ले जाया जाता और सब दोस्त मूवी में खो जाते।

रेटिंग : 4 STAR

कहानी :
कहानी वही पुरानी, परिवार को मुसीबतों से उबारने के लिए फिर से लौट आई मेरी पॉपिंस

समीक्षा :
म्यूजिकल्स में मेरी खासी रुचि है। इस फिल्म को एप्रीशिएट करने के लिए आपको संगीत में खासी रुचि होनी चाहिये, अगर ऐसा नहीं है तो आप फिल्म देखने मत जाइयेगा, चाहे मैं कितनी भी तारीफ कर दूं। अगर आपके अंदर का बच्चा बड़ा बूढ़ा हो गया हो तो भी आप इसके टिकट बुक मत कीजिएगा चाहे मैं कुछ भी बोल दूं।

 

There’s nowhere to go but up! #MaryPoppinsReturns pic.twitter.com/tTE95QuL6H

— Mary Poppins Returns (@MaryPoppins2018) December 31, 2018

अगर आप के घर मे बच्चे हैं और उनकी दादी और नानी तो ये फिल्म दिखाने उनको जरूर ले जाइएगा, उनको बड़ा मजा आएगा और उनको मजा करते देख कर टिकट के पैसे वसूल हो जाएंगे। देखिए मेरी पॉपिंस, यह एक लीजेंडरी किरदार रहा है और इस किरदार से ऋषिकेश दा को खास प्यार था, आनंद का आनंद, बावर्ची का रघु और खूबसूरत की मंजू का किरदार मेरी पॉपिंस के किरदार की झलक लिए हुए हैं। और इसी थीम पर और भी फिल्में बनी हैं, पर मैरी पॉपिंस की बात कुछ अलग ही है। म्यूजिक और लिरिक्स अमेजिंग हैं, कॉस्ट्यूम और सेट ऑन पॉइंट हैं और थोड़ा जादू थोड़ा मैजिक भी बढ़िया है

एक्टिंग
अकंप्लीशेड एक्टर्स की पूरी फौज है इसमें। एमिली ब्लंट से लेकर कोलिन फर्थ और मेरील स्ट्रीप तक सब लाजवाब हैं। जिसने 1964 की पुरानी मेरी पॉपिंस नहीं देखी उसको इसे समझने कोई परेशानी नहीं आएगी। अपना बचपना वापस लाइये और बच्चों समेत पूरे परिवार को दिखाइए मैरी पॉपिंस रिटर्न्स..

Review by : Yohaann Bhaargava
Twitter : @yohaannn

Posted By: Chandramohan Mishra