-जांच के बाद तीन साल तक रखा जाता है सहेजकर, रिजल्ट से पहले ही बेच दी मैट्रिक की कॉपियां

-कबाड़ी दुकानदार ने उगला राज़, कॉपियां नहीं हुई बरामद

द्दह्रक्कन्रुद्दन्हृछ्व/क्कन्ञ्जहृन्: रुपए की लालच में लोग पद की गरिमा को भूलकर कुछ भी करने पर उतारू हो जाते हैं। यही घटना गोपालगंज में देखने को मिली है। बोर्ड की जिन कॉपियों को 3 साल तक सहेजकर रखना होता है, उसे महज कुछ रुपए के लिए रिजल्ट आने से पहले ही कबाड़ बाजार में बेच दिया गया। एसएस बालिका विद्यालय में नवादा से मूल्यांकन के लिए आई मैट्रिक की 42 हजार कॉपियां गायब होने का राज तो शनिवार को खुल गया, लेकिन ये कॉपियां कबाड़ी के यहां से कहां चली गई, उसे ढूंढ़ने में पुलिस लगी है। कबाड़ दुकानदार और कॉपियां ढोने वाले ऑटो चालक जेल भेज दिए गए हैं।

हो रही कॉपियों की तलाश

पांच दिन बाद इसका भंडाफोड़ नगर थाना क्षेत्र के हजियापुर निवासी कबाड़ दुकानदार पप्पू गुप्ता की गिरफ्तारी से हुआ है। विद्यालय के आदेशपाल छठू सिंह ने उसे मैट्रिक की कॉपियों को साढ़े आठ हजार रुपए में बेचा था। रात में स्कूल से कॉपियों को ऑटो पर लादकर ले जाया गया। पुलिस ने ऑटो चालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। एसआइटी कॉपियों की बरामदगी के लिए गोपालगंज के अलावा यूपी के देवरिया में कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है।

रात में कबाड़ी के पास पहुंचाया

बताया गया कि कबाड़ी दुकानदार ने रात में ही ऑटो चालक संतोष कुमार के सहयोग से कॉपियों को ऑटो में लादकर ले गया। जिसके आधार पर एसआइटी ने ऑटो चालक को गिरफ्तार कर लिया। एसआइटी अब तक चार लोगों को जेल भेज चुकी है। जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि स्कूल में 2016 और 2017 की कॉपियां भी रखी हुई हैं।

एसआईटी ने ऐसे किया खुलासा

ज्ञात हो कि 16 जून को कॉपियां गायब होने का मामला सामने आने पर एसआइटी गठित की गई। टीम ने जांच के दौरान करीब तीस लोगों से गहन पूछताछ की। स्कूल के प्रिंसिपल प्रमोद कुमार श्रीवास्तव भी पटना में बोर्ड कार्यालय में गिरफ्तार होने के बाद हिरासत में हैं। विद्यालय के आदेशपाल छठू सिंह और नाइट गार्ड पहले ही जेल भेजा जा चुका है। कॉलेज कर्मियों से लगातार पूछताछ के आधार पर एसआइटी ने नगर कबाड़ दुकानदार पप्पू गुप्ता को हिरासत में लिया। जब पप्पू से पूछताछ की गई तो उसने स्वीकार कर लिया कि आदेशपाल छठू सिंह ने सौदा तय किया था।

जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि मूल्यांकन के तत्काल बाद ही कॉपियों को कबाड़ी के हाथ बेच दिया गया।

-राशिद जमा, एसपी, गोपालगंज

Posted By: Inextlive