- आखिरी दौर में गर्माया पूर्वाचल राज्य का मुद्दा

- केंद्र सरकार ने किया यूपी को नजरअंदाज, मोदी नहीं बताते कैसे होगा विकास

GORAKHPUR : लोकसभा चुनावों में क्षेत्रीय क्षत्रप राजनीति की बिसात पर अपनी चालें चलने में लगे हुए हैं। उत्तर प्रदेश में आखिरी दो चरणों के तहत होने वाले चुनाव में ज्यादातर सीटें पूर्वी उत्तर प्रदेश में हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए पूर्वाचल राज्य के गठन का मुद्दा केंद्र में है। मंडे को गोरखपुर के खोराबार एरिया में जनसभा करने पहुंची बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्षा मायावती ने पूर्वाचल और विकास के मुद्दे को लेकर विरोधी दलों पर जमकर हमला बोला। गोरखपुर, संतकबीरनगर और बांसगांव सीट पर अपने कैंडिडेट के समर्थन में वोट मांगने पहुंची मायावती ने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और सीएम अखिलेश यादव पर भी कटाक्ष किया।

हमने पहल की, केंद्र ने अटकाया रोड़ा

मायावती ने पूर्वाचल के मुद्दे पर यूपीए सरकार स्पेशली कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पूर्वाचल को अलग राज्य बनाने का प्रपोजल सेंटर को भेजा था, लेकिन सरकार ने मंजूरी नहीं दी। विकास के लिए विशेष सहायता मांगने पर भी केंद्र ने मदद नहीं की। क्7 ओबीसी जातियों को एससी-एसटी कोटे में शामिल करने को लेकर भी केंद्र को पत्र लिखा गया, जिस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है।

यूपी ने दिए प्रधानमंत्री, लेकिन नहीं हुआ डेवलपमेंट

राजनीति में एक कहावत है कि केंद्र की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपी ने देश को कई पीएम दिए, उसके बावजूद राज्य का विकास नहीं हुआ। कांग्रेस सबसे ज्यादा वक्त तक सत्ता में रही, लेकिन यूपी को नजरअंदाज करती रही। बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि वे रैलियों में विकास का दावा तो जोर-शोर से कर रहे हैं, लेकिन ये नहीं बता रहे कि विकास करेंगे कैसे? बीजेपी की सरकार भी म् साल सत्ता में थी, इसके बाद भी यूपी का भला नहीं हुआ।

पिता से ज्यादा बेटा करता है नफरत

कई दिनों से चल रही जुबानी जंग को आगे बढ़ाते हुए मायावती ने मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि पिता-पुत्र राजनीति के जिस शिखर पर हैं, वो बाबा साहेब की देन है। हमारी सरकार में बनाए गए पार्को में टिकट लगाकर ही सपा सरकार की आय बढ़ी है। जिन लोगों का उत्थान बाबा साहेब ने संविधान के तहत सुनिश्चित किया, वहीं लोग आज दलित वर्ग के महापुरुषों, संतों की उपेक्षा कर रहे हैं।

मच्छर न काट ले मैडम को

मौसम के तेवर और स्टेज पर मौजूद लोगों की तादाद को देखते हुए उमस दूर करने के लिए भी इंतजाम किए गए थे। दोनों साइड में दो-दो विंडो एसी लगाए गए थे। एयरकंडीशंड मंच पर बसपा सुप्रीमो का सिंहासन सबसे आगे था, पार्टी कार्यकर्ता और प्रत्याशी उनके पीछे बैठे नजर आए। मैडम को मच्छर न काट ले, इसके लिए हर दस मिनट पर मच्छर मारने वाली मशीन पर सिंहासन के आसपास घुमाया जाता रहा। रैली में शामिल होने के लिए जैसे ही बसपा सुप्रीमो स्टेज पर पहुंची उन्हें तीन हाथियों की सलामी दी गई। अपना पर्स मेज पर रखने के बाद तीनों ही हाथियों को मायावती ने एक्सेप्ट किया।

Posted By: Inextlive