-मेयर ने अपनी आंखों से देखी एसटीपी के लापरवाही की हकीकत

-रिंग बंधे के निर्माण में इस्तेमाल हो रहा था लोकल बॉलू

-बंद मिला सलोरी एसटीपी, गंगा में गिर रहा था नालों का गंदा पानी

ALLAHABAD: मौसम ने दगा दे दिया और बारिश समय से शुरू नही हुई। इससे थोड़ा टाइम और मिल गया। इसके बाद भी सलोरी एसटीपी के क्षतिग्रस्त रिंग बंधे के मरम्मत की स्पीड बेहद स्लो है। कोई आश्चर्य नहीं होगा कि नदियों में पानी अचानक बढ़े तो बंधे के साथ इससे लग इलाकों में रहने वाली आबादी एक फिर नरक झेलने पर मजबूर हो जाए। वेडनेसडे को नगर निगम की मेयर अभिलाषा गुप्ता सलोरी एसटीपी पर चल रहे काम को देखने पहुंची तो नाराज हो उठीं।

निर्माण कार्य पर उठाया सवाल

मेयर अभिलाषा गुप्ता पार्षद शिवसेवक सिंह और विनय मिश्रा के साथ बख्सी बांध एसटीपी पर पहुंची थी। यहां क्षतिग्रस्त बंधे की मरम्मत का कार्य चल रहा है। जून महीना बीतने के बाद भी अभी तक रिंग बंधे की मरम्मत का कार्य पूरा न होने पर मेयर ने सवाल उठाया। निर्माण में घटिया क्वालिटी का बालू इस्तेमाल होता देखकर उनका पारा चढ़ गया। पूछने पर बताया गया कि बालू करीब दो किलोमीटर दूर से मंगाया जा रहा है। जबकि, टेंडर में फाफामऊ का बालू इस्तेमाल किए जाने की शर्त थी।

गंगा प्रदूषण की शिकायत मिली सही

यहां निरीक्षक के दौरान मेयर का सामना एक और हकीकत से हुआ। उन्होंने भी देखा कि पब्लिक नाले का पानी सीधे गंगा में गिराए जाने की मेयर के साथ पहुंचे सभासदों ने भी उन्हें दिखाया कि कैसे नाले का पानी सीधे गंगा तक पहुंच रहा है। ऐसा इसलिए था क्योंकि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बंद मिला।

Posted By: Inextlive