- साडा के 12 सेक्टर्स में शामिल नहीं है शिमला बाईपास रोड

- इस वक्त करीब 70 बड़ी प्लॉटिंग चल रही है इस रोड पर

- यहां आवास के लिए इंवेस्ट करने वालों को लग सकता है झटका

DEHRADUN : दून घाटी विशेष क्षेत्र प्राधिकरण (साडा) के नए मास्टर प्लान में भी शिमला बाईपास रोड आवासीय नहीं होगी, बल्कि इसका अधिकांश हिस्सा पहले की तरह कृषि ही रहेगा। ऐसे में इस क्षेत्र में हो रही 'अवैध' प्लॉटिंग में इंवेस्ट करने वालों को भविष्य में तगड़ा झटका लगना तय है।

क्या होगा इन 70 प्लॉटिंग का

साडा के नए प्रस्तावित मास्टर प्लान में शिमला बाईपास रोड के लैंडयूज को कृषि से आवासीय होने की संभावना के चलते यहां बीते कुछ सालों में बड़ी संख्या में प्रॉपर्टी कारोबारियों ने इंवेस्ट किया है। यही वजह है कि इस वक्त प्रॉपर्टी के कारोबार में शिमला बाईपास रोड सबसे चर्चित हैं। इस रोड पर करीब 70 छोटी-बड़ी प्लॉटिंग चल रही हैं, लेकिन अब साडा के मास्टर प्लान के 12 जोन में इस एरिया के नहीं आने के कारण प्रॉपर्टी डीलरों के साथ ही यहां अब तक अपने आशियाने के लिए प्लाट खरीद चुके या उसकी किश्त दे चुके लोगों को भी बड़ा झटका लग सकता है। क्योंकि इस क्षेत्र की भूमि का लैंडयूज कृषि ही रहने के कारण वह भूखंड खरीदने के बाद उस पर निर्माण नहीं कर सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने के लिए एमडीडीए अनुमति नहीं देगा। ऐसे में यह प्लॉटिंग अभी भी अवैध हैं।

बड़ी मात्रा में लैंडयूज बदला

साडा ने इस बार जिले के 12 सेक्टर्स में 9,749 हेक्टेयर भूमि को लैंडयूज पहले से बदलकर आवासीय या कामर्शियल कर दिया है। इतने बड़े स्तर पर भूमि का लैंडयूज बदलने के बावजूद शिमला बाईपास रोड साडा की पहुंच से दूर रही है। इसलिए इस एरिया के लोगों को इस बार बड़ा झटका साडा ने दिया है।

अब भी है मौका

साडा के प्रस्तावित मास्टर प्लान पर अगर किसी भी क्षेत्र के लोगों को आपत्ति है, तो वह साडा के इस मैप की जानकारी लेने के बाद उस पर 21 मई तक आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। साडा अधिकारियों के मुताबिक नए मास्टर प्लान की आपत्तियों पर सुनवाई के बाद ही उसे फाइनल किया जाएगा।

प्रदेश बनने के बाद लैंड कितनी घटी (क्षेत्रफल हेक्टेअर में)

कृषि - फ्0क्ख्.क्

जल- क्भ्8ख्

भविष्य में इतना बदलेगा भू- भाग

भू- उपयोग प्रखंड मौजूदा क्षेत्रफल(हे.में) प्रस्तावित

कृषि फ्ख्क्7ख् ख्ख्ब्ख्फ्

जलाशय क्ब्88म् क्ब्88म्

वन क्0ब्787 क्0ब्79ख्

औद्योगिक फ्ख्फ् 8म्म्

आवासीय शहरी क्क्फ्भ् 9000

ग्रामीण ख्899 ब्8क्7

साडा ने यह बारह सेक्टर्स बनाए हैं

भाऊवाला, थानों, भानियावाला, विकासनगर, डाकपत्थर, हरबर्टपुर, सहसपुर-छारवा, सेलाकुई, डोईवाला, माजरीग्रांट, रानीपोखरी और सिया-कैंपटी।

साडा के क्ख् सेक्टर के बाहर भी डेवलपमेंट प्रक्रिया लाई गई है, लेकिन मैप बहुत छोटा होने के कारण सेक्टर्स प्लान के बाहर इसका पता नहीं लग पा रहा है। अगर किसी भी क्षेत्र को लेकर लोगों को आपत्ति है तो वह ख्क् मई से पहले अपनी आपत्ति साडा को दे सकते हैं।

- जीसी गुणवंत, सचिव, साडा

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एमडीडीए ने सील किए दो निर्माण

आवासीय लैंडयूज न होने पर भी निर्माण करने या निर्माण से पहले नक्शा पास कराए कंस्ट्रक्शन करने वालों के विरुद्ध अब मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने नजर टेढ़ी कर ली है। एमडीडीए अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक बड़ोवाला में प्रेमनगर रोड पर राम खिलावन पाल ने अवैध तरीके से पांच दुकानें बनाई थी। एमडीडीए ने सभी दुकान सील कर कर दी है। वहीं सहस्त्रधारा रोड स्थित गोविंद नगर में भी एमडीडीए ने संजय भसीन के निर्माण को सील किया है। यहां भी अवैध तरीके से निर्माण किया जा रहा है। एमडीडीए सचिव पीसी दुमका का कहना है कि अवैध निर्माण पर किसी भी हाल में ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

Posted By: Inextlive