- एमएलएन मेडिकल कॉलेज ने शासन को भेजा प्रस्ताव

- सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर आप्थाल्मिक साइंसेज बनाए की कवायद शुरू

ALLAHABAD: अब वह दिन दूर नहीं जब इलाहाबाद सहित आसपास के जिलों के मरीजों को आंखों के बेहतर इलाज के लिए मेट्रो सिटीज नहीं जाना पड़ेगा। इस दिशा में एमएलएन मेडिकल कॉलेज ने एक कदम बढ़ाते हुए एमडीआई रीजनल हॉस्पिटल के अपग्रेडेशन की कवायद शुरू कर दी है। कॉलेज ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। जिसके तहत इस हॉस्पिटल को सुपर स्पेशियलिटी सेंटर बनाने की परमिशन मांगी गई है। उम्मीद की जा रही है जल्द इस प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश सरकार की सहमति भी मिल जाएगी। इसके बाद हॉस्पिटल की सूरत बदलने में ज्यादा देर नहीं लगेगी।

हर स्पेशियलिटी की होगी स्पेशल विंग

शासन को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि मनोहर दास क्षेत्रीय नेत्र चिकित्सालय आसपास के जिलों में एकमात्र आंखों का सुविधायुक्त हॉस्पिटल है। लोगों को इससे ज्यादा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें इसके लिए इस हॉस्पिटल को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाने की जरूरत है। प्रस्ताव में सेंटर के लिए यूपी सरकार से सैद्धांतिक तौर पर सहमति मांगी गई है। जिसमें कहा गया है कि हॉस्पिटल में इलाज की हर विधा की स्पेशल विंग बनाई जाए। जिसमें रेटिना, स्किन, कार्निया, पीडियाट्रिक, आप्थाल्मालॉजी, आक्लोप्लास्टी, ग्लूकोमा, इविया आदि की अलग-अलग क्लीनिक होगी। इससे मरीजों को भटकना नहीं होगा और वह अपनी बीमारी के हिसाब से सेपरेट विंग में जाकर जल्द से जल्द बेहतर इलाज करवा सकेंगे।

अभी जाते हैं चेन्नई और दिल्ली

फिलहाल पूरे यूपी में आंखों का कोई भी ऐसा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस नहीं है। ऐसे में यहां के मरीजों को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली या चेन्नई के शंकर नेत्रालय जाना पड़ता है। जिसमें उनके हजारों रुपए और समय खर्च होता है। प्रस्ताव में यह सभी तर्क दिए गए हैं। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। एसपी सिंह का कहना है कि सैद्धांतिक तौर पर सहमति मिल जाने के बाद शासन से बजट की मांग की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव में हॉस्पिटल की मौजूदा बिल्डिंग की जगह मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाए जाने की बात भी कही गई है, जिससे संसाधनों को बढ़ाने के लिए जगह की उपलब्धता बनी रहे।

हर साल होती है 80 हजार सर्जरी

फिलहाल एमडीआई हॉस्पिटल में आसपास के दस जिलों के मरीजों का आना होता है। इस तरह से यहां सालाना 70 से 80 हजार आंखों की सर्जरी की जाती है। यहां से रिफर केसेज सीधे मेट्रो सिटीज ही जाते हैं। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज का पार्ट होने की वजह से यहां पर आप्थाल्मालॉजी का कोर्स भी संचालित होता है। अगर इसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाने की परमिशन मिल गई तो मेडिकल स्टूडेंट्स को भी काफी फायदा होगा। उन्हें डिग्री के साथ सीखने के लिए दूसरे शहर नहीं जाना पड़ेगा।

Posted By: Inextlive