- डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की चली पांच घंटे की मैराथन कार्रवाई

- पूर्व विधायक और पूर्व सांसद के मीट प्लांट मारे गए थे छापे

खरखौदा : डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने पूर्व विधायक के बेटे के मीट कंपनी अल-फहीम मीटैक्स प्रा। लि, पूर्व सांसद की अल-साकिब एक्सपोर्ट प्रा। लि। और तान्या मार्केटिंग में छापा मारा। एपीडा समेत आठ बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट व सैंपलिंग की गई। स्लॉटर हाउसों में दुधारू पशुओं का कटान, बालश्रम समेत भारी अनियमितता मिली।

पहुंचे अधिकारी

एसडीएम सदर रवीश गुप्ता की अगुवाई में कारखाना अपर निदेशक केके मिश्रा, प्रदूषण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी बीवी अवस्थी, अंकित सिंह, अग्निशमन अधिकारी एसके राय, पशुचिकित्सा अधिकारी संजय चतुर्वेदी, श्रम विभाग समेत अन्य का दल बुधवार सुबह दस बजे पूर्व विधायक हाजी याकूब कुरैशी के बेटे इमरान की अल-फहीम मीटैक्स प्रा.लि पहुंचे।

मिले दुधारू पशु

एपीडा समेत विभिन्न विभागों की एनओसी समेत पशुओं की एंटीमार्टम पोस्ट मार्टम, ईटीपी प्लांट, अमोनिया गैस प्लांट, बिजली आदि बिन्दुओं पर जांच की। स्लॉटर हाउस में 73 पशुओं में कई दुधारू पशु मिले तो पशुचिकित्सक जम्मू-कश्मीर निवासी मिले। मांस के सैंपल भी भरे गए। टीम फिर पूर्व सांसद हाजी शाहिद अखलाक की अल-साकिब एक्सपोर्ट प्रा.लि पहुंची। उक्त बिन्दुओं पर जांच करते हुए स्लॉटर हाउस देखा जहां मात्र 12 सौ पशु मिले। उसके बाद टीम हाजी शादाब की तान्या मार्केट प्रा.लि पहुंचे जहां एपीडा समेत अन्य बिन्दुओं पर जांच की। जबकि स्लॉटर हाउस में कटान के लिए 90 पशु मिले। पांच घंटे की मैराथन चेकिंग में बालश्रम, मजदूर सैलरी व संख्या रजिस्टर समेत स्टाक व पशुओं कटान और मीट स्टॉक व एक्सपोर्ट रजिस्टर आदि भी जांच की गयी।

मीडिया से रोका

एसडीएम सदर रवीश गुप्ता का व्यवहार मीडिया कर्मियों के प्रति अत्यंत रूखा रहा। मीट प्लांट संचालकों की तरह एसडीएम ने भी मीडिया कर्मियों को छापेमारी कार्रवाई के दौरान प्लांट में कवरेज को प्रवेश से रोक दिया। जबकि छापेमारी के दौरान अधिकारी मीट प्लांटों में ड्राइफ्रूट के साथ चाय की चुस्की ले रहे थे। कार्रवाई के दौरान मीडियाकर्मियों का प्रवेश तो वर्जित रहा ही, लेकिन दारोगा सतपाल सिंह को भी प्लांट में इस दौरान प्रवेश को जूझना पड़ा। तान्या मार्केटिंग में दारोगा को प्रवेश उनके हंगामा व धमकी देने के बाद ही मिला।

सात साल से भर रहा दम

जिला प्रशासन वर्ष 2007 से मीट प्लांटों पर जांच व कार्रवाई का दम भर रहा है। हर तीसरे महीने किसी न किसी रूप में जांच होती है और अनियमितता भी पकड़ी जाती है। इसके बावजूद प्लांटों पर न तो कोई कठोर कार्रवाई होती है और न ही उनमें व्यवस्था में कोई सुधार दिखाई देता है।

Posted By: Inextlive