- होली के दिन एक्सीडेंट के बाद केजीएमयू के डॉक्टर्स ने ब्रेन डेड घोषित किया था

-- किडनी, लिवर तीन लोगों में किया गया प्रत्यारोपित

LUCKNOW: सिटी के रहने वाले बृज बिहारी सिंह मृत्यु के बाद भी तीन लोगों को जिंदगी दे गए। बृज बिहारी सिंह (फ्ख्) की होली के दिन सिर में गम्भीर चोट लगने के बाद ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान सोमवार को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। डॉक्टर्स ने परिजनों से बात की तो वह ऑर्गन डोनेशन के लिए तैयार हो गए। जिसके बाद उनकी दो किडनी और लिवर तीन मरीजों को प्रत्यारोपित किए गए। वहीं कार्निया भी सुरक्षित कर लिया गया। जिनसे दो लोगों की जिंदगी में उजाला आएगा।

एक्सीडेंट के बाद हुआ ब्रेन डेड

केजीएमयू के डॉक्टर एसएन शंखवार ने बताया कि आशियाना निवासी बृज बिहारी को एक्सीडेंट के बाद ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। एक्सीडेंट में उसके सिर में गम्भीर चोट लगी थी। इलाज के दौरान सोमवार को उनका ब्रेन डेड हो गया। वह वेंटीलेटर पर थे और उनकी किडनी, लीवर और कार्निया ठीक थे। परिजनों से बात की गई तो आर्गन डोनेशन के लिए राजी हो गए। जिसके बाद ही मंगलवार ने तैयारी की और उनके अंगों को निकाला गया। दोपहर में उनके अंगों को निकाला गया। जिसमें लगभग चार घंटों का समय लगा। डॉ। एसएन शंखवार, डॉ। मनमीत सिंह, डॉ। संत कुमार पांडेय, डॉ। अभिजीत चन्द्रा, डॉ। विवेक गुप्ता की टीम ने अंगों को निकाला। इन्ही डॉक्टर्स की टीम ने इसमें से एक किडनी को केजीएमयू में ही एक फ्भ् वर्षीय पेशेंट को किडनी का ट्रांसप्लांट किया। इसमें डॉ। जय श्री बोगरा, डॉ। तूलिका चन्द्रा, डॉ। परवेज, डॉ। अतिन, डॉ। मोनिका ने भी अहम योगदान दिया।

कार्निया भी की गई सुरक्षित

दूसरी किडनी को संजय गांधी पीजीआई ले जाया गया। जहां पर डॉ। राकेश कपूर, डॉ। आरके शर्मा, डॉ। सुरक्षा ने प्रापर मैचिंग के बाद किडनी एक पेशेंट को ट्रांसप्लांट की। लिवर के लिए डॉ। जीबी पंत हॉस्पिटल नई दिल्ली को भेज दिया। जहां लिवर को ट्रांसप्लांट कर दिया गया है। इसके अलावा पेशेंट की कार्निया भी सुरक्षित कर ली गई हैं। इससे दो लोगों की जिंदगी में उजाला आ सकेगा। केजीएमयू के पीआरओ के अनुसार तीनों मरीजों की हालत में सुधार हो रहा है।

केजीएमयू में हुआ तीसरा ट्रांसप्लांट

यह कैडेवर से तीसरा किडनी ट्रांसप्लांट है जिसे केजीएमयू में पेशेंट को प्रत्यारोपित किया गया। साथ यह क्0 वां पेशेंट था जिसके अंग केजीएमयू में निकाल कर केजीएमयू या पीजीआई में मरीजों को प्रत्यारोपित किए गए।

Posted By: Inextlive