हॉलीवुड की ऑल टाइम हिट ‘ग्लेडिएटर’ का मेरठ कनेक्शन आपको पता है? रोमन सिविलाइजेशन के हथियारों का मेरठ से क्या संबंध हो सकता है?


- हॉलीवुड की कई मूवीज में मेरठ से सप्लाई किया गया वारक्राफ्ट- पाइरेट्स ऑफ कैरेबियन, स्पार्टाकस भी इस फेहरिस्त में शामिलहॉलीवुड की ऑल टाइम हिट ‘ग्लेडिएटर’ का मेरठ कनेक्शन आपको पता है? रोमन सिविलाइजेशन के हथियारों का मेरठ से क्या संबंध हो सकता है? संबंध है और बहुत पुख्ता है। हॉलीवुड में जब भी कोई पीरियड मूवी बनती है तो उन्हें मेरठ की याद सबसे पहले आती है। वो इसलिए क्योंकि एंटीक हथियारों के मामले में मेरठ का झंडा बुलंद है


अपना शहर कैंची, स्पोट्र्स गुड्स और गजक के लिए मशहूर है, ये सबको पता है। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि अपने मेरठ में बनी एंटीक हथियारों की हूबहू नकल विश्व विख्यात है। हॉलीवुड की बड़ी मूवीज में जहां भी इस तरह के प्रॉप्स की जरूरत होती है, मेरठ को याद किया जाता है। ग्लेडिएटर के स्टार रसेल क्रो ने फिल्म में जो ड्रेस पहनी वो मेरठ में बनी। सैनिकों ने जो हथियार इस्तेमाल किए वो मेरठ में तैयार हुए थे। सिर्फ ग्लेडिएटर ही नहीं पाइरेट्स ऑफ कैरेबियन, 300 और आरनोल्ड स्टारर ‘कोनान’ मूवी में जितने भी एंटीक हथियार और ड्रेसेस इस्तेमाल हुए वो मेरठ में ही बने। वॉर स्पेशलिस्ट

सिटी की दीपिका एक्सपोट्र्स ग्रीक, रोमन, मिडिवयल टाइम्स, जर्मन वॉर पर आधारित मूवीज में एंटीक हथियारों और ड्रेसेस के रेप्लीका सप्लाई करने के लिए वल्र्ड फेमस हैं। हिस्ट्री चैनल, बीबीसी, नेशनल ज्योग्राफिक पर प्रसारित होने वाले कई कार्यक्रमों में मेरठ की इसी कंपनी से प्रॉप्स सप्लाई किए गए। कंपनी के डायरेक्टर गगन अग्रवाल बताते हैं कि उनका हंड्रेड परसेंट एक्सपोर्ट बिजनेस है। इंडियन पीरियड मूवीज या ड्रामा में उनके प्रोडक्ट इस्तेमाल नहीं होते हैं। मेरठ में कंपनी का हेड ऑफिस है और दुनियाभर में 14 वेयरहाउस हैं। गगन गर्व से बताते हैं कि यूके की प्रतिष्ठित रॉयल आरमरीज के अंदर दीपिका एक्सपोट्र्स की रिटेल शॉप अभी खुली है। यह एक मील का पत्थर है। आजकलहॉलीवुड की कई पीरियड मूवीज में वेपंस, एम्यूनिशन, ड्रेसेस, फर्नीचर, किताबें, लेदर के उत्पाद सप्लाई करने के बाद अब एक और हॉलीवुड मूवी के लिए यहां हथियार तैयार हो रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में बन रही फिल्म ‘सिंगुलैरिटी’ में इंग्लिश आर्मी की ड्रेसेज, हथियार मेरठ में तैयार किए जा रहे हैं। इस मूवी में हॉलीवुड स्टार जोश हरनेट के साथ बॉलीवुड हार्टथ्रॉब बिपाशा बसु और अभय देओल भी हैं। इसके साथ ही ‘स्पार्टाकास’ सीरीज के लिए वारक्राफ्ट भी दीपिका एक्सपोट्र्स ने ही तैयार किया है। बहुत बड़ा मार्केट

हॉलीवुड ही नहीं विदेश में कई और क्षेत्रों में कंपनी का अच्छा बिजनेस है। गगन बताते हैं कि फॉरेन के स्कूलों में प्रैक्टिकल एजुकेशन पर जोर दिया जाता है। बच्चों को इतिहास पढ़ाते वक्त पूरे सीन का नाटकीय रूपांतरण करके सिखाते हैं। इसके लिए दीपिका से ही वारक्राफ्ट की सप्लाई होती है। ये एक बड़ा मार्केट है। इसके साथ ही कंपनी ने फोम के वेपंस और आरमर बनाने शुरू किए हैं। इन्हें भी विदेश में बहुत पसंद किया जा रहा है। इसके साथ ही यूएसए में हर साल कार्नीवल होता है। इसमें हजारों लोग हिस्सा लेते हैं। इसके लिए पूरी ड्रेस, वेपंस, लेदर गुड्स मेरठ से ही बनकर जाते हैं.  कुछ और भीदीपिका ही नहीं मेरठ की कुछ और कंपनियां इस बिजनेस में उतर आई हैं। अल हमद ओर स्वर्ण इंटरनेशनल भी पीरियड प्रोग्राम्स के लिए वारक्राफ्ट तैयार कर रहे हैं। वैसे इस पूरे बिजनेस में मेरठ को देहरादून से टक्कर मिल रही है। देहरादून में भी वारक्राफ्ट तैयार करने का काम अच्छे पैमाने पर होता है।कैसे तैयार करते हैं
वारक्राफ्ट तैयार करने के लिए संबंधित देश के संग्रहालयों से मदद ली जाती है। हथियारों और अन्य चीजों के डिजाइन वहीं के एक्सपट्र्स द्वारा तैयार किए जाते हैं। कंपनी का कई संग्राहलयों से टाइअप है। इनमें क्रेफेल्ड म्यूजियम, जर्मनी, लीड्स म्यूजियम और टाउन ऑफ लंदन, यूके से एक्सपर्ट आकर डिजाइन तैयार करते हैं। दीपिका के गगन बताते हैं कि हर पीरियड की अपनी पहचान रही है। इस पहचान को बनाए रखना बहुत हुनर का काम है। इसीलिए डिजाइनिंग पार्ट पर जोर रहता है। इसके बाद बारीकी से डिजाइन का अध्ययन करने के बाद मेन्यूफेक्चरिंग की जाती है। एक-एक ड्रेस 15 किलो की होती है। तलवार, बंदूक, ड्रेस, प्रॉप्स सब एंटीक आइटम्स की हूबहू नकल होती है। खास बात ये कि हर चीज हैंडमेड है। कहां से आया आइडियादीपिका मेरठ की लीडिंग कंपनी है। इस कंपनी ने करीब 30 साल पहले मेरठ में शुरूआत की थी। गगन बताते हैं कि कुछ क्रिएटिव और इनोवेटिव करने का इरादा था। पिताजी डीपी अग्रवाल कुछ ऐसा काम शुरू करना चाहते थे जो किसी ने न किया हो। और कहां-कहां कई और फिल्मों और प्रोग्राम्स में मेरठ से वारक्राफ्ट भेजी गई। इनमें ब्रैड पिट स्टारर ‘सेवन ईयर्स इन तिब्ब्त’ भी शामिल है। इसके साथ ही डिजनी लैंड के लिए भी दीपिका से ही प्रॉप्स सप्लाई किए गए थे। मेरठ ही क्यों
सात समंदर पार से आखिर मेरठ को ही क्यों पसंद किया जाता है। इसका जवाब खुद यहां पर तैयार किए गए प्रोडक्ट्स में छिपा है। यहां बने वारक्राफ्ट विदेशों के मुकाबले सस्ते हैं लेकिन एक्यूरेसी के स्तर पर कहीं ज्यादा बेहतर हैं। अमेरिका में बनने वाले उत्पाद से यहां के उत्पाद सस्ते और कहीं ज्यादा अच्छे हैं।

Posted By: Inextlive