- 400 करोड़ रुपये सालाना फुटबॉल का कारोबार है मेरठ में

- 200 से अधिक दुकानें है मेरठ में फुटबॉल की

-भूटान, यूरोप, आस्ट्रेलिया, स्पेन, ब्राजील आदि देशों में जाती है फुटबॉल

Meerut । फीफा व‌र्ल्ड कप में भले ही पाकिस्तान में बनी फुटबॉल का प्रयोग हो रहा हो, लेकिन मेरठ में बनी फुटबॉल भी विदेशों के मैदानों में धूम मचा रही है। यही नहीं, कई चर्चित खिलाड़ी भी मेरठ में बनी फुटबॉल का तरजीह देते हैं। इस कारण मेरठ के फुटबॉल कारोबार में बढ़ोत्तरी हो रही हैं। मेरठ के फुटबॉल कारोबारियों की मानें तो मेरठ की फुटबॉल की मांग एशियाई देशों से लेकर यूरोपियन देशों में है। आंकड़ों के मुताबिक मेरठ में फुटबॉल का कारोबार हर साल 400 करोड़ रुपये से अधिक का है।

देश में भी काफी मांग

शहर में बनी फुटबॉल की मांग देश के हर हिस्से में है। कारोबारी विपिन मनोठिया बताते हैं कि मेरठ में बनी अच्छी क्वालिटी की फुटबॉल की मांग देशभर में है, मेरठ से बनी फुटबॉल सबसे अधिक लुधियाना में जाती है। इसके अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, बिहार, झारखंड सहित लगभग हर देश के हर राज्य में फुटबॉल जाती है।

विदेशों में भी मांग

मेरठ में बनी खास क्वालिटी की फुटबॉल की मांग एशियाई देशों के साथ साथ यूरोपीय देशों में सबसे ज्यादा है। मेरठ से यूरोप, आस्ट्रेलिया, भूटान, नेपाल, स्पेन सहित एक दर्जन से अधिक देशों में फुटबॉल का निर्यात होता है।

कच्चे माल का हब है मेरठ

मेरठ में क्रिकेट बैट के अलावा फुटबॉल बनाने का काम भी थोक में होता है। मेरठ की बनी फुटबॉल विदेश ही नहीं देश के लगभग हर हिस्से में जाती है। खेल के सामान का सबसे बड़ा हब माने जाने वाला लुधियाना में भी यहां से तैयार हुई फुटबॉल जाती है। क्योंकि मेरठ फुटबॉल के कच्चे माल का हब है। यहां पर आर्डर पर कच्चे माल से फुटबॉल तैयार की जाती है।

हजारों रुपये की कीमत

फुटबॉल की कीमत की बात करें तो सबसे छोटी फुटबॉल की कीमत 50 रुपये से शुरू होकर हजार रुपये से अधिक है। इसके अलावा वैरायटी व साइज के हिसाब से फुटबॉल की कीमत होती है।

कारोबारियों की टीस

फीफा व‌र्ल्ड कप के खुमार में मेरठ के फुटबॉल कारोबारियों का दर्द नए सिरे से उभर आया है। खेल की गुणवत्ता के दम पर दुनियाभर में साख जमाने वाले मेरठ एआइएफएफ (अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ) की किक से आउट हो जाता है। विदेशों में फुटबाल की धमक के बावजूद भारतीय फुटबाल संघ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता के लिए फीफा से अनुमोदित कराने में दिलचस्पी नही दिखाई। आस्ट्रेलिया एवं बांग्लादेशी मैदानों पर मेरठ की फुटबाल नजर आ रही है। जबकि महासंघ का सपोर्ट होता तो, फीफा की स्पर्धाओं में भी नजर आती। हालांकि विश्व कप की वजह से देशभर में फुटबाल का कारोबार कई गुना बढ गया है।

हमारे यहां आर्डर पर फुटबॉल बनाने का काम किया जाता है। हमारी बनी फुटबॉल पूरे देश ही नहीं विदेशों तक में जाती है। वैसे ही मेरठ में फुटबॉल ही नहीं अन्य खेल के सामान भी विदेशों में जाता है।

गौरव कटारिया, एमआर,

कच्चे माल का आर्डर सबसे ज्यादा है। शहर के कुछ ही व्यापारी के पास ही यह आर्डर आता है। हमारे यहां की माल की गुणवत्ता लुधियाना के माल सी थोड़ी हल्की है। जिस कारण से यहां की फुटबाल फीफा में कम होता है।

-विपिन मनोठिया, स्पो‌र्ट्स कारोबारी

फुटबाल की मान्यता के लिए कई बार महासंघ के अधिकारी से मिल कर बातचीत की है। परंतु वे लोग आगे मेरठ के लिए बातचीत ही नही करते है। -पुनीत खन्ना, फुटबाल कारोबारी

Posted By: Inextlive