- मां के साथ रहते हैं जन्म से पांच साल तक के बच्चे

- जेल में उनके रहने-खाने की उचित व्यवस्था

- बच्चों के खेलने के लिए बनाया गया है प्ले स्कूल

निखिल शर्मा

मेरठ: सभी जानते हैं भगवान कृष्ण का जन्म कारागार में हुआ था। अब हम आपको बताएंगे के अपने मेरठ की जेल में कितने नंदलाल हैं, जो अपनी मां के साथ यहां पर रह रहे हैं। खुद जेल अधीक्षक उनके मामा बन गए हैं।

तो 6 नंदलाल

मेरठ की चौधरी चरण सिंह कारागार में 10 मां ऐसी हैं जो सजा काट रही हैं। इन सभी मां के बच्चे या तो कारावास में रहते हुए हैं या फिर सजा होने पर कोर्ट ने उनके बच्चों को भी उनके साथ रहने की इजाजत दी। इन बच्चों में 4 लड़की और 6 लड़के हैं। जिनके कपड़े, खाने की थाली सब कुछ अलग मौजूद है।

रखा जाता है पूरा ख्याल

जेल में रह रहे इन बच्चों का पूरा ख्याल रखा जाता है। इनके खाने के लिए उपयुक्त आहार, पीने के लिए दूध और शुद्ध पानी, तो वहीं इनके पहनने के लिए कपड़े भी जेल ही मुहैय्या कराता है।

तो ये है खास बात

इन बच्चों के लिए एक प्ले हॉल भी बनाया गया है। जिसमें बच्चों के खेलने के लिए खिलौने, पढ़ने के लिए ब्लैक बोर्ड की व्यवस्था की गई है। इसे प्ले स्कूल की तरह ही तैयार किया गया है। वहीं सजा काट रही दो युवतियों को भी इन बच्चों की देखभाल के लिए लगाया गया है। वहीं जेल में जन्म से लेकर पांच साल तक के बच्चों को उनकी मां के साथ रखा जाता है। तीन साल से अधिक उम्र के बच्चे कारागार के बाहर स्थित स्कूल में पढ़ने जाते हैं।

नहीं है कोई पाबंदी

बच्चों को परिसर में घूमने के लिए कोई पाबंदी नहीं है। लेकिन रात को उन्हें सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कारागार में उनकी मां के साथ छोड़ दिया जाता है।

एक बच्चा दादी के साथ

इन बच्चों में एक बच्चा ऐसा भी है जो अपनी दादी के साथ रह रहा है। क्योंकि उसकी मां की डेथ हो गई है और दादी दहेज के केस में सजा काट रही है।

इन बच्चों का जेल में पूरी तरह से ख्याल रखा जाता है। कई बार डिलीवरी जब होती है, तो यहां पर एम्बुलेंस की भी व्यवस्था है। इन बच्चों की पढ़ाई का भी यहां पर खास तौर पर ख्याल रखा जाता है।

- एसएचएम रिजवी, जेल अधीक्षक,

Posted By: Inextlive