आतंकी कैंपों में मेरठी हथियार

गिरफ्तार नईम सप्लाई कर चुका है 20 हजार पिस्टल

Meerut : पाकिस्तान के आतंकी कैंपों में सर्वाधिक मांग मेरठी हथियारों की है। आतंकियों को हथियार सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार हुए नईम ने एनआईए व एटीएस के सामने कई गंभीर राज खोले। उसने कई अन्य हथियार तस्करों के नाम भी बताए, जो आतंकियों को हथियार मुहैया करा रहे हैं। पूछताछ के दौरान नईम ने बताया कि आतंकी सबसे ज्यादा मुंगेरी पिस्टल की डिमांड करते हैं। एसएसपी अखिलेश कुमार का कहना है कि घने जंगलों में हथियार तस्कर चोरी छिपे हथियार बना लेते है। पिछले छह माह में 40 लोगों को अवैध हथियार के मामले में जेल भेजा जा चुका है।

क्या है मामला

26 दिसंबर 2018 को एनआईए व यूपी एटीएस ने दिल्ली और यूपी के 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें आतंकी संगठन आईएस के नए माड्यूल का खुलासा हुआ था। यूपी एटीएस ने दिल्ली के जाफराबाद, यूपी के हापुड़, लखनऊ, अमरोहा समेत कई ठिकानों पर कार्रवाई की थी। एटीएस व एनआईए को इनपुट मिला था कि आतंकी आरएसएस के बड़े नेता, रेलवे स्टेशन, धार्मिक स्थल, सार्वजनिक स्थल समेत सेना के मुख्यालय पर हमला कर सकते है।

सात दिन बाद गिरफ्त में

26 दिसंबर को एनआईए व एटीएस की टीम ने नईम की तलाश में रार्धना गांव में दबिश डाली थी, लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं लगा था। लेकिन सात दिन बाद एनआईए टीम ने गुरुवार की रात को दबिश डालकर उसे दबोच लिया। गिरफ्तार हुए नईम ने एनआईए व यूपी एटीएस के सामने कई गहरे राज खोले। उसने कबूल किया कि वह अब तक 20 हजार मुंगेरी पिस्टल (मेड इन मेरठ) आंतकियों व उनके एजेंटों को सप्लाई कर चुका है। मेरठ से 40 हथियार तस्कर आतंकियों को हथियारों की सप्लाई कर रहे हैं।

पाकिस्तान बाया पंजाब

आतंकियों को हथियार की तस्करी करने वाले नईम ने बताया कि आंतकी ज्यादातर मुंगेरी पिस्टल का इस्तेमाल करते हैं। मेरठ से खरीदकर उन्हें ट्रेनों के जरिए पंजाब बार्डर तक ले जाते हैं, इसके बाद वह हथियारों की खेप पाकिस्तान के आंतकी कैंपों तक पहुंचाई जाती है। मेड इन मेरठ की बनी मुंगेरी पिस्टल की खासियत यह है कि छोटे साइज में होती है। उससे आसान से छिपाया जाता है।

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यहां भी मेरठ कनेक्शन

ध्यान रहे कि डेढ़ साल पहले लुधियाना में आरएसएस नेता रविंद्र गुसाई की भी हत्या मेरठ के बने हथियार से हुई थी। एनआईए के तत्कालीन एएसपी अनुज गोयल ने हथियार की तस्करी करने वाले परवेज उर्फ पेरू को लिसाड़ी से दबोचा था। किठौर का रार्धना गांव हथियारों की तस्करी में पुलिस की लिस्ट में सबसे ऊपर है। यहां पर 40-50 लोग हथियार बनाने में एक्सपर्ट माने जाते हैं।

यहां बन रहे हथियार

मेरठ में किठौर, मुंडाली, लावड़, कोतवाली, लिसाड़ी गेट, खरखौदा, मवाना, सरधना, जानी, इंचौली व अन्य स्थानों में हथियारों की मैन्यूफैक्चरिंग फैक्ट्रियां चल रही है। पुलिस चाहकर भी हथियारों की तस्करी को रोक नहीं पा रहा है।

मुंगेर अा रहा सामान

बिहार के मुंगेर जिलों से हथियारों की सामान आता है। मेरठ में यहां पर उनकी असेंबली करके पिस्टल व तमंचा, बंदूक बनाई जाती है।

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54 फैक्ट्री चल रही है हथियारों की मेरठ में

24 फैक्ट्री पुलिस पकड़ चुकी है हथियारों की

522 लोगों को पिछले डेढ़ साल में पुलिस अवैध हथियार रखने में भेज चुकी है जेल

40 लोग पिछले छह माह में भेजे जा चुके हैं जेल

25 पुलिस कर्मचारियों को दिया गया है कि हथियार फैक्ट्री बंद कराने का टास्क

35 सालों से चल रही है मेरठ में अवैध हथियारों की फैक्ट्री

1200 रुपए से होती अवैध हथियारों की शुरुआत

40 हजार रुपये तक में बिकता है मेरठ का अवैध हथियार

40 हत्या के बहुचर्चित मामलों में इस्तेमाल हुए हैं मेरठी हथियार

Posted By: Inextlive