Patna: पुरानी कहावत है डिसिप्लीन आदमी को महान बनाता है. जिसने भी डिसिप्लीन मेंटन किया उसे सक्सेस मिली. टाइम टू टाइम इसके एग्जाम्पल मिलते रहे हैं. करेंट एग्जाम्पल है सीबीएसई 12वीं टॉपर अविनाश मोहक.

स्कूल हो या घर डिसिप्लीन मेंटेन
अविनाश को ज्वाइंटली ऑल इंडिया टॉपर बताया जा रहा है। सेंट माइकल स्कूल के अविनाश को साइंस में 98.4 परसेंट माक्र्स आए हैं। स्कूल हो या घर वह पूरी तरह से डिसिप्लीन मेंटेन करता था। मंडे को रिजल्ट आने पर उसे स्कूल बुलाया गया। उसे ड्रेस में देखकर प्रिंसिपल ने अविनाश को पीठ ठोककर शाबाशी दी। उन्होंने कहा कि आज भी इसने डिसिप्लीन मेंटेन किया। उसका मानना है कि बस टाइम पर वर्क पूरा करो फिर कोई प्रॉब्लम नहीं रहेगी. 

उम्मीद थी कि टॉपर बनोगे?
इतना यकीन था कि अच्छा रिजल्ट आएगा। इतना अच्छा आएगा नहीं सोचा था।
तैयारी कैसे की?
मैंने हर काम के लिए टाइम फिक्स किया। टाइम पर हर हाल में वर्क पूरा किया। हर दिन टाइम पर काम खत्म किया तैयारी अपने आप हो गई।

सक्सेस का श्रेय किसे दोगे?
मैं अपने सक्सेस का श्रेय पैरेंट्स और टीचर्स को दूंगा।

एंटरटेनमेंट के लिए क्या करते थे?
मुझे मूवी पसंद नहीं है। थोड़ा बहुत सांग्स सुन लेता हूं। खाली टाइम होने पर टीवी पर क्रिकेट देखता हूं।

डेली रूटीन क्या है?
सुबह 5 बजे उठ जाता हूं। फ्रेश होने के बाद पेपर पढ़ता हूं। स्कूल डे होने पर 9.30 बजे स्कूल जाता हूं। स्कूल डे नहीं होने पर एक दो घंटे का ब्रेक लेकर स्टडी करता हूं। स्कूल से 1.30 बजे लौटने के बाद वीक में तीन दिन कोचिंग जाता हूं। बाकी दिन कोचिंग टाइम के बराबर उतना ही समय घर पर स्टडी करता हूं। शाम को 3 से 10 बजे तक स्टडी करता हूं। इस बीच यदि मन ऊब गया तो 10 से 30 मिनट का ब्रेक लेते रहता हूं. 

स्टडी में कौन हेल्प करता है?
मां बाकी चीजों में हेल्प करती है। दीदी अंशु प्रिया स्टडी में गाइड करती है। वह खुद भी मेडिकल की तैयारी करती है. 

अविनाश मोहक
पिता : विपिन बिहारी
मम्मी : विभा कुमारी सिन्हा
पता : कंकड़बाग
10वीं : इंटरनेशनल स्कूल।
12वीं : सेंट माइकल स्कूल।
फेवरेट फूड : चाइनीज
फेवरेट ड्रेस : जींस-टीशर्ट
एम : कंप्यूटर इंजीनियर बनना।

अविनाश को किसी भी काम के लिए मुझे कुछ भी कहने की जरूरत नहीं पड़ी। शुरू से ही वह कांसस है। स्टडी हो या दूसरे वर्क सभी के लिए उसने टाइम फिक्स किया हुआ है। स्टडी के टाइम स्टडी, खाने के टाइम में खाना, टाइम पर स्कूल व कोचिंग जाने से लेकर हर काम इसमें शामिल है। कभी मैं उसे टोकती हूं तो मुझे प्यार से कहता है कि मम्मी ये डिसिप्लीन है इसे ठीक किए बिना आदमी कामयाब नहीं हो सकता है।
विभा कुमारी सिन्हा। मम्मी, अविनाश मोहक. 

Posted By: Inextlive