GORAKHPUR : जॉब के लिए इंटरव्यू देना है. सेमेस्टर स्टार्ट हो रहे हैं एग्जाम की भी टेंशन है. दिन रात मेहनत करता हूं फिर भी अपने साथियों से पीछे रहे जाता हूं. इसका इलाज है मेमोरी बूस्टर मेडिसिंस. शायद आप कुछ ऐसा ही सोच रहे होंगे. मगर अब ये मेडिसिंस मेमोरी प्लस नहीं कर पाएंगी. ऐसा नहीं है कि इन मेडिसिंस पर रोक लगी है या इन्हें खाने पर बैन लग गया है. हकीकत ये है कि ये मेडिसिंस कभी मेमोरी प्लस नहीं करती थी. यह खुलासा हुआ है एक रिसर्च में. रिसर्च किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी और केजीएम यूनिवर्सिटी में हुई है.


दवा ली, नहीं इनक्रीज हुई मेमोरी


मेमोरी बढ़ाने के लिए सिटी में मेमोरी बूस्टर मेडिसिंस का बिजनेस बहुत अच्छा है। कभी-कभी एग्जाम के टाइम पैरेंट्स भी अपने बच्चों को मेमोरी बूस्टर मेडिसिंस को यूज करने के लिए प्रेरित करते हैं तो कभी यूथ जॉब की टेंशन में इसे लेने से भी नहीं कतराते हैं। मगर नई रिसर्च के मुताबिक ये मेडिसिंस सिर्फ बिजनेस बढ़ा रही है, माइंड नहीं। कुछ समय पहले किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के साइक्रेएटी डिपार्टमेंट ने कई फेमस ड्रग का ह्यïूमन ट्रायल किया था मगर उसका मेमोरी पर कोई खास इफेक्ट नहीं पड़ा। इसके बाद केजीएम यूनिवर्सिटी के जीरियट्रिक डिपार्टमेंट ने भी एक रिसर्च की। जिसके तहत मेमोरी बूस्टर मेडिसिंस का यूज उन लोगों पर किया गया, जिनकी याद्दाश्त काफी वीक थी। डिपार्टमेंट ने कुछ दिनों बाद दोबारा ट्रायल किया तो उनके माइंड में कोई इफेक्ट नजर नहीं आया। मेमोरी जैसी थी, वैसी ही दवा के यूज के बाद भी बरकरार थी। हाल में ही केजीएमयू के जीरियट्रिक मेंटल हेल्थ डिपार्टमेंट के हेड डॉ। एससी तिवारी ने यह कहा था कि याददाश्त बढ़ाने के नाम पर जो मेडिसिंस मार्केट में है, उनका मेमोरी बढ़ाने से कोई मतलब नहीं है। हालांकि इन मेडिसिंस के साइड इफेक्ट का पता नहीं चला। अभी इसकी रिसर्च होना बाकी है।

एक्सेस डोज करती है नुकसानमेमोरी बूस्टर मेडिसिंस का अधिकांश लोग वैसे तो साइक्लॉजिकल प्रॉब्लम के कारण करते हंै। मगर इसकी एक्सेस डोज बॉडी को नुकसान भी पहुंचा सकती है। एक्सपर्ट की माने तो इन दवाओं का यूज सीधे नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। इससे बॉडी के साथ बिहेवियर पर इफेक्ट पड़ता है। मगर अधिक जानकारी न होने के कारण मेट्रो सिटीज की तरह सिटी में भी मेमोरी बूस्टर मेडिसिंस का बिजनेस काफी अच्छा है। इन दवाओं का लंबे समय तक यूज और हैवी डोज नुकसान पहुंचा सकती है। लांग टाइम तक यूज करने से बच्चों में हाइपर एक्साइटेबिलिटी, रिटेबिलिटी, कंफ्यूजनल स्टेज नजर आने लगती है। ऐसी मेडिसिंस का यूज बिल्कुल नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसी कोई रिसर्च नहीं है, जिसके मुताबिक यह तय हुआ हो कि इन मेडिसिंस के यूज से मेमोरी प्लस होगी। डॉ। सुधांशु शंकर, फिजीशियनReport by : kumar.abhishel@inext.co.in

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