Allahabad: इन दिनों बोर्ड एग्जाम का दौर शुरू हो चुका है. ऐसे में बच्चों से लेकर पैरेंट्स में भी अच्छे माक्र्स को लेकर कॉम्पिटिशन देखने को मिल रहा है. स्टूडेंट्स दिन-रात तैयारी में लगे हैं तो पैरेंट्स भी कुछ कम प्रेशर नहीं ले रहे. बोर्ड एग्जाम के चलते स्टूडेंट्स भी किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते. ऐसे में स्टूडेंट्स पढ़ा हुआ कहीं भूल न जाएं इसके लिए अब मेमोरी पॉवर मेडिसिन का सहारा ले रहे हैं. ये ही नहीं पैरेंट्स भी खुद शॉप में जाकर बेस्ट मेडिसीन की क्वेरीज कर रहे हैं ताकि उनका बच्चा पड़ोसी के बच्चे से टॉप कर जाए. इसकी पुष्टि की सिटी के कई मेडिकल शॉप ऑनर ने. वहीं एक्सपर्ट का मानना है कि ये दवाएं मेमोरी पॉवर तो नहीं बढ़ाती बल्कि स्टूडेंट्स व स्ट्रेस के चलते कई तरह की बीमारियां पैदा कर रही हैं.

 

कोई दवा नहीं memory की

एक्सपर्ट की मानें तो मेडिकल लिट्रेचर में इस तरह की मेडिसिन का जिक्र ही नहीं है। एक्सपर्ट की मानें तो अभी तक कोई ऐसी दवा ही नहीं बनी है जो मेमोरी को बढ़ा सके। इस तरह की दवाओं से मेमोरी तो नहीं बढ़ती बल्कि उल्टा साइड इफेक्ट ही होता है। बोर्ड एग्जाम के समय पैरेंट्स को तो इसका खास ख्याल रखना चाहिए कि बच्चे ऐसी दवाओं का यूज न करें। इन दवाओं से नशे की लत तक पड़ जाती है।

Exam में भी नहीं हो पाएंगे शामिल

पीडियाट्रिशन डॉ। एसके शुक्ला कहते हैं एग्जाम में स्ट्रेस व प्रेशर के चलते अक्सर बच्चे तो इन दवाओं का यूज करते ही है साथ ही पैरेंट्स भी इससे एग्री करते हैं। स्टूडेंट्स में इस तरह की दवाओं का सेवन का प्रभाव ज्यादातर एडवर्टीजमेंट को देखकर बढ़ता है। इससे मेमोरी पॉवर बढ़ाने की दवाओं का सेवन करने लगते हैं। वह यह नहीं जानते हैं कि इस तरह की दवाओं में हैवी मैटल होते हैं। इस वजह से उनमें अक्सर दूसरी प्रॉब्लम्स जनरेट हो जाती है। ऐसे में स्टूडेंट्स में खून का न बनना, एनीमिया, स्टडी करते समय सिर दर्द व कुछ भी खाने पर वॉमिटिंग हो जाने की शिकायत सामने आती है। ये ही नही इस तरह की दवाओं का सेवन करने से एसिडिटी की प्रॉब्लम भी हो जाती है. 

Parents को भी नहीं है जानकारी

साइकियाट्रिस्ट की मानें तो ये सब साइकोलॉजिकल इफेक्ट होता है। लोगों में मेमोरी टॉनिक व पिल्स को लेकर विश्वास होता है जिसे खाने के बाद उन्हें महसूस होता है कि उनमें मेमोरी पॉवर बढ़ गया है। साइकियाट्रिस्ट की मानें तो जबकि उनमें मिले इंग्रीडियंट्स में ऐसा कुछ भी नहीं होता जो ब्रेन में कोई ऐसा असर ड़ाल सके जिससे याद करते ही चीजें हमेशा के लिए याद हो जाएं। वहीं डॉक्टर्स की मानें तो मार्केट में जो ब्रेन टॉनिक है वह पूरी तरह से बेकार हैं। वाकई उसका कोई लाभ नहीं होता है। एक्सपर्ट की मानें तो ब्रेन मेमोरी केवल डाइट व ओवर आल ग्रोथ से ही पॉसिबल है। जिस तरह की दवाएं मेमोरी के लिए मार्केट में अवलेबल है इसके लिए मेडिकल लिट्रेचर भी रिकमंडेशन नहीं करता है।

तीन गुना हो गई बिक्री

सिविल लाइंस स्थित न्यू राज मेडिकल स्टोर के ऑनर अखिलेश का कहना है कि पूरे साल की अपेक्षा मार्च के महीने इस तरह की दवाओं की ब्रिकी तेजी से बढ़ी है। ऐसे में उन दवाओं के लिए तो एडवांस में डिमांड आ रही है जिनकी मार्केटिंग इन दिनों काफी तेजी से हो रही है। एग्जाम के दिनों में मेमोरी बढ़ाने की दवाओं की बिक्री ज्यादा हो जाती है। बोर्ड एग्जाम के दौरान पूरे साल की अपेक्षा मेमोरी से संबंधित दवाएओं की तीन गुना बिक्री बढ़ जाती है। अक्सर इस तरह की दवाएं लोग बिना डॉक्टर्स की सलाह के बगैर लेने आ जाते हैं।

ये दवाएं ठीक नहीं है। इसके लिए मेडिकल लिट्रेचर में भी कोई जगह नहीं है। इस तरह की दवाएं हेल्थ के लिए और भी डेंजर होती है। हालांकि ये सब दवाओं के कंटेंट पर भी डिपेंड करता है। इससे दूसरी बीमारियां अक्सर स्टूडेंट्स में हो जाती है।

-डॉ। एसके शुक्ला, पीडियाट्रिशन

मेमोरी पॉवर बढ़ाने की दवाएं जनवरी फरवरी के महीने से काफी बढ़ जाती है। वैसे मेमोरी बढ़ाने की दवा कोई नहीं होती बल्कि जो इस तरह की दवाएं है वह केवल बॉडी के कुछ कंपोनेंट को पूरा करते हैं। इससे एनर्जी मिलती है न कि मेमोरी बढ़ती है।

-अखिलेश, ऑनर, न्यू राज मेडिकल स्टोर

ये केवल एक साइकोलॉजिक्ल इफेक्ट है। अभी तक ऐसी कोई दवा मार्केट में नहीं है जो मेमोरी बढ़ा सके। केवल स्टूडेंट्स में एक मेंटली ये बैठ जाता है कि उसने मेमोरी की दवा खाई है और अब वह जो याद करेगा उसे याद हो जाएगा। ये सेल्फ कॉफिडेंस की कमी के चलते होता है।

-डॉ। कमलेश तिवारी, साइकॉट्रिस्ट

 

Posted By: Inextlive