मेस पर बवाल, एफएसडीए की रिपोर्ट पर सवाल
- मेस विवाद में आमने-सामने आए एलयू और एफएसडीए
LUCKNOW : लखनऊ यूनिवर्सिटी की सेंट्रल मेस में अव्यवस्थाओं पर यूनिवर्सिटी प्रशासन और एफएसडीए आमने-सामने आ गए हैं। लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक बयान जारी कर एफएसडीए की जांच रिपोर्ट और उनकी मंशा पर सवाल खड़े किए थे। वीसी प्रो। एसपी सिंह का कहना है कि जांच टीम ने जिस रिपोर्ट पर शिक्षकों के हस्ताक्षर कराए और जो दी गई, उन दोनों में अंतर है। वहीं एफएसडीए ने साफ किया है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन अपनी कमियां छिपाने के लिए बहाने बना रहा है। 15 दिनों के बाद दोबारा होगी जांचएलयू की सेंट्रल मेस में करीब 750 छात्रों का खाना बनता है। बीते कुछ दिनों से यहां लगातार गुणवत्ता को लेकर शिकायतें सामने आ रही थीं। बीते सप्ताह सामने आई एफएसडीए की रिपोर्ट में सेंट्रल मेस में गंदगी और रखरखाव की कमी का खुलासा हुआ था। अभी तक यूनिवर्सिटी सेंट्रल मेस में अव्यवस्थाओं को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं था, लेकिन एफएसडीए की रिपोर्ट सामने आने पर स्थितियां पलट गई। एफएसडीए के अधिकारियों का कहना है कि मेस संचालक को 15 दिन में व्यवस्था सुधारने का समय दिया गया है, जिसकी रिपोर्ट यूनिवर्सिटी को दी गई है। निर्धारित समय सीमा के बाद दोबारा जांच की जाएगी। व्यवस्था में सुधार न होने की स्थिति में नियमानुसार आगे की कार्रवाई की होगी।
छात्रों के खिलाफ एफआईआर पर टकराव अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एबीवीपी ने सेंट्रल मेस में फैली अव्यवस्था और उसके खिलाफ आवाज उठाने वालों छात्रों पर एफआईआर की कार्रवाई को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन को घेरना शुरू कर दिया है। परिषद का कहना है कि इस पूरे मामले में प्रशासन के स्तर पर चूक हुई है। हंगामें और विवाद के बाद अब व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है। यह काम अगर समय रहते किया जाता तो विवाद की स्थितियां नहीं बनती।