Meerut : मिनी ओलंपिक के नाम पर सिटी के एक स्कूल ने खेल के साथ बड़ा खिलवाड़ किया. लुभावने सपने दिखाकर खिलाडिय़ों से एंट्री की मोटी फीस ऐंठी गई जबकि विजेताओं को बड़े पुरस्कार देने का वादा करके कोरे मेडल थमा दिए. खिलाडिय़ों ने आवाज उठाई तो उन पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज कराया गया.


ये है मामलाशांति निकेतन विद्यापीठ स्कूल ने 17 अक्टूबर से मिनी ओलंपिक नाम से फर्जी टूर्नामेंट आयोजित कराया। इसमें किसी भी खेल एसोसिएशन की मदद नहीं ली गई। ऐसे में शनिवार को स्टेडियम में एथलेटिक्स के इवेंट हुए। इवेंट के बीच में पक्षपात का आरोप लगाते हुए खिलाड़ी एथलेटिक्स कोच राजाराम से भिड़े। हंगामे के बाद शाम को शांति निकेतन विद्यापीठ में विजेता खिलाडिय़ों को पुरस्कार के लिए बुलाया गया। यहां मामला उस वक्त बिगड़ गया, जब विजेता खिलाडिय़ों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। विनर्स का कहना था कि टूर्नामेंट से पहले विजेता खिलाडिय़ों को कैमरा, टैबलेट जैसे गैजेट्स देने का वायदा किया गया, लेकिन उन्हें मेडल, टीशर्ट थमा दी गई। पुरस्कार में प्रथम विजेता को एक टीशर्ट सौ रुपए और मेडल, द्वितीय को 200 रुपए मेडल और तृतीय स्थान पाने वाले को एक मेडल थमा दिया गया। बिगड़ गया मामला
मामला इतना बिगड़ गया कि आयोजकों ने मवाना रोड स्थित शांति निकेतन विद्यापीठ में खिलाडिय़ों को बंधक बना लिया और उन पर लाठियां भांजी। चौकाने वाली बात ये है कि इनमें वो खिलाड़ी भी शामिल हैं जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीते हैं। खिलाडिय़ों ने शाम को स्टेडियम में हंगामा किया तो उन्हें पुरस्कार देने के बहाने शांति निकेतन बुला लिया गया। जहां सैकड़ों खिलाडिय़ों को बंधक बना लिया गया। खिलाडिय़ों के साथ मारपीट की गई, पुलिस से लाठियां भंजवाई गई। आयोजकों ने ये भी ध्यान नहीं रखा कि इनमें कई महिला खिलाड़ी भी हैं। इस बीच फायरिंग भी की गई।ऑफिशियल्स भी फर्जी सभी इवेंट्स के लिए आयोजकों ने ऑफिशियल्स बुलाने का दावा किया था। सूत्रों की मानें तो आयोजकों ने ऑफिशियल्स बुलाए ही नहीं, इनकी जगह एथलेटिक्स खेलने वाले लोकल खिलाडिय़ों को ही ऑफिशियल्स बना दिया गया। यही नहीं कुछ खिलाडिय़ों ने पक्षपात का भी आरोप लगाया। ऐंठी गई मोटी रकमटूर्नामेंट ओपन है। इसमें सभी खेल खेले जाने हैं, लेकिन आप अंदाजा लगा सकते हैं कि एंट्री के लिए एथलेटिक्स खिलाडिय़ों से प्रति इवेंट 250 रुपए एंट्री फीस ले ली गई। जबकि अकेले एथलेटिक्स खेल में 500 से अधिक खिलाडिय़ों ने प्रतिभाग किया है। 'खिलाडिय़ों के साथ धोखा किया गया है। खिलाड़ी खेल भावना से खेलता है, लेकिन उनकी खेल भावना के साथ खिलवाड़ किया गया है.'- गौरव त्यागी, एथलेटिक्स कोच 'मुझे इस घटना के बारे में जानकारी नहीं है। अगर कुछ हुआ होगा तो आगे देखा जाएगा.'- एलआर पटेल, आरएसओ


'इनाम के रूप में सौ-सौ रुपए मिले तो खिलाडिय़ों ने हंगामा किया। प्रबंधन और प्लेयर आमने-सामने आ गए तो पुलिस ने उन्हें अलग-अलग किया.'- एमएम बेग, एसपी देहात'किसी को भी बंधक नहीं बनाया गया है। पुरस्कार वितरण में कुछ आउट साइडर ने बद्तमीजी की, जिन्हें बाहर कर दिया गया। टूर्नामेंट का खर्च निकालने के लिए खिलाडिय़ों से एंट्री फीस ली गई। जहां तक कैमरा, टेबलेट जैसे पुरस्कारों की बात है तो वो मिनी ओलंपिक के समापन पर बेस्ट एथलीट को मिलेगा। लाठीचार्ज की सूचना गलत है। कोई लाठी चार्ज नहीं हुआ.'- विशाल जैन, मुख्य आयोजक

Posted By: Inextlive