- उत्तराखंड में मेट्रो को कई संभावनाओं के बावजूद नहीं लग पा रहे पंख

- अब मेट्री टीम रोप-वे में सबसे आगे रहे लावाज सिटी जाएगी अध्ययन को टीम

देहरादून, दून मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर स्थितियां साफ नहीं हो पा रही हैं. पिछले तीन वर्षो से मेट्रो की पॉसिबिलिटीज पर मंथन दर मंथन हो रहा है. पहले मेट्रो फिर एलआरटी, उसके बाद पॉड टैक्सी और अब रोपवे के विकल्प पर विचार किया जा रहा है. इसके लिए जल्द ही स्टेट की एक टीम स्टडी के लिए दोबारा विदेशी दौरा करेगी. इससे पहले मेट्रो का विकल्प तलाशने के लिए शासन की टीम ने 2 देशों का दौरा किया था.

तो रोपवे होगा मेट्रो का ऑप्शन

3 वर्ष पहले दून-हरिद्वार-ऋषिकेश ट्राइजंक्शन में मेट्रो संचालन की स्कीम तैयार की गई थी. स्टडी की गई तो मेट्रो प्रोजेक्ट काफी खर्चीला विकल्प साबित हुआ. इसके बाद से मेट्रो के विकल्पों की पड़ताल शुरू हुई. पिछले वर्ष विधायक और अफसरों की एक टीम मेट्रो का विकल्प तलाशने और उसकी स्टडी के लिए लंदन और जर्मनी गई. टीम ने मेट्रो के विकल्प के रूम में लाइट रेल ट्रांजिट (एलआरटी) को मुफीद पाया. अब रोपवे के विकल्प पर मंथन किया जा रहा है.

इलेक्शन के बाद मैक्सिको दौरा

चीफ सेक्रेटरी द्वारा मेट्रो कॉर्पोरेशन को रोपवे की स्टडी करने के निर्देश दिए गए हैं. अब कॉर्पोरेशन रोपवे की स्टडी में जुट गया है. बताया जा रहा है कि रोपवे टेक्नीक को स्टडी करने के लिए उत्तराखंड से फिर एक टीम विदेशी दौरे पर मैक्सिको जाएगी, वहां की लिवाज सिटी में रोपवे प्रोजेक्ट को स्टडी करेगी. कॉर्पोरेशन का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा विकल्पों को इसलिए स्टडी किया जा रहा है ताकि सस्ते में मेट्रो का कारगर विकल्प मिल सके.

फंडिंग के लिए जर्मन बैंक सहमत

इससे पहले ही मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत बनाए जाने वाले दो कॉरीडोर के लिए जर्मनी के केएफडब्ल्यू बैंक ने फंडिंग को लेकर अपनी सहमति दी है. मेट्रो कॉर्पोरेशन के अफसरों ने बताया कि जर्मन बैंक प्रोजेक्ट का 80 परसेंट तक फंडिंग करने को तैयार है.

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मेट्रो के हर पॉसिबल ऑप्शन पर विचार किया जा रहा है. शासन की तरफ से रोपवे की संभावनाएं टटोले जाने की बात कही गई थी. ऐसे में कोशिश की जा रही है कि दुनिया के बेहतरीन रोपवे प्रोजेक्ट का विजिट किया जाए और उसे स्टडी किया जाए. सीएम की तरफ से इसे लेकर पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. विजिट की प्लानिंग की जा रही है.

जीतेंद्र त्यागी, एमडी, उत्तराखंड मेट्रो कॉर्पोरेशन.

Posted By: Ravi Pal