जाने वालों की याद आती है जाने वाले वापस नहीं आते अगर ये सच है तो फिर वो क्‍या था जो पिछले दिनों मैक्‍सिको के एक परिवार के साथ हुआ। मरने वाला अंतिम संस्‍कार के बाद लौट आए तो दहशत साथ आती है पर मैक्‍सिको में एक बुजुर्गवार अपने फ्यूनरल के दो महीने बाद लौटे तो दर्द भरी एक कहानी साथ लाये। आइये जानें कि आखिर क्‍या हुआ था।

पुलिस ने दिखायी लाश
74 साल के मिग्युल एंजिल गोमार डी लूना को उनके परिवार ने मैक्सिको के चिनहुआहुआ में एक नर्सिंग होम में एडमिट कराया था। जहां से वे भाग गए। उनके परिवार ने पुलिस में रिपोर्ट करायी पर काफी दिनों तक गोमार का कोई पता नहीं चला। परिवार ने उन्हें लगभग मृत मान लिया तभी एक दिन पुलिस को एक आदमी की सड़ी गली हालत में लाश मिली। ये डैडबॉडी मिग्युल की उम्र और लंबाई के विवरण से काफी मिलती जुलती थी। उन्होंने परिवार को शिनाख्त के लिए बुलाया। हालाकि परिवार के लोगों को लाश से कुछ समझ नहीं आया पर पुलिस के दवाब में उन्होंने मान लिया कि वो मिग्युल की लाश है। उन्होंने मिग्युल का अंतिम संस्कार कर उस लाश को दफना दिया।
हो रही थी अंतिम संस्कार की तैयारी तभी मुर्दा उठा और मुस्कुराने लगा

दो महीने बाद बूरी हालात में घर लौटे
करीब दो महीने बाद अचानक घर वाले हैरान रह गए जब मिग्युल काफी दयनीय हालत में घर वापस लौटे। उन्होंने परिवार को बताया कि वे नशे के लिए नर्सिंग होम से भाग गए थे और सड़क पर भीख मांग कर अपने लिए नशे का जुगाड़ कर रहे थे। वो पागलों की तरह सड़कों पर भटक रहे थे। गोमार का कहना है कि परिवार वालों ने उन्हें मृत मान कर अंतिम संस्कार कर दिया जबकि वो सबसे अंजान सड़क पर घूम रहे थे। जब तक कि आखिर पुलिस ने उन्हें पकड़ा और परिवार को उनके बारे में खबर की। वहीं उनके परिवार का कहना है कि वो पुलिस के द्वारा उनके जीवित होने की खबर पा कर हैरान हो गए क्योंकि पुलिस ने ही तो उन्हें मिग्युल की लाश की शिनाख्त करवाई थी।
'मृत' व्यक्ति तीन दिन बाद जिंदा निकला..

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Posted By: Molly Seth