-महापौर के सम्मेलन में बनारस के मेयर रामगोपाल मोहले ने बयां की समस्या

-आर्थिक समस्या से जूझ रहे नगर निगम

VARANASI : चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों के तहत नगर निगम को आवंटित धनराशि में पांच फीसद की कटौती के बाद नगर निगम कर्मचारियों व अधिकारियों को वेतन और पेंशन देने के लाले पड़ जाएंगे। उत्तर प्रदेश महापौर परिषद के सम्मेलन में बनारस के मेयर और परिषद के सचिव रामगोपाल मोहले ने कही। महमूरगंज स्थित एक होटल में आयोजित सम्मेलन में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का निर्णय भारतीय संविधान के निर्देशों एवं मूल भावना को आघात पहुंचाने वाला है। नगर निगम में वेतन व पेंशन के रूप में प्रति माह करीब नौ करोड़ म्0 लाख रुपये खर्च होता है। वित्तीय वर्ष ख्0क्भ्-क्म् में इस मद में करीब सात करोड़ म्9 लाख भ्9 हजार रुपये अवमुक्त किया गया है। जितनी धनराशि की कमी हो रही है उसे नगर निगम अपने आय स्रोतों से पूरा कर रहा है। आने वाले वर्षो में यह भी संभव नहीं होगा क्योंकि विकास कार्यो में प्रति माह करीब क्ख् करोड़ ब्फ् लाख 7म् हजार रुपये खर्च होता है।

परेशानी का करना पड़ता है सामना

नगर निगम सीमा में जेएनएनयूआरएम और जायका के तहत जो काम हो रहे हैं उसके मद में निर्धारित देयकों की अदायगी आने वाले दिनों में नगर निगम को करनी होगी। दूसरी ओर महानगरों में जन सुविधाओं जैसे, साफ-सफाई, कूड़ा प्रबंधन, सड़क, गलियां, स्ट्रीट लाइट के अलावा स्वास्थ्य और शिक्षा के कार्य भी काफी हद तक नगर निगमों के जिम्मे हैं। केंद्र सरकार ने क्ब्वें वित्त आयोग की संस्तुतियों को स्वीकार करते हुए राज्य सरकारों को आवंटित की जाने वाली धनराशि में क्0 फीसद की वृद्धि की है। प्रदेश सरकार को भी आर्थिक विकेंद्रीकरण की प्रक्रिया को विस्तार देते हुए नगर निकायों की हिस्सेदारी बढ़ानी चाहिए। इस निर्णय से पूर्व में नगर निगमों और नगर पालिका परिषदों को क्रमश: ब्0-ब्0 फीसद धनराशि और नगर पंचायतों को ख्भ् फीसद धनराशि मिलती थी लेकिन अब यह अनुपात क्रमश: फ्भ्-फ्भ् व फ्0 फीसद कर दिया गया है। सम्मेलन में सिर्फ छह महापौरों ने शिरकत की। इलाहाबाद के निर्दल महापौर को छोड़ सभी भाजपा के थे। इसमें भी महापौर झांसी व मुरादाबाद के प्रतिनिधि आए थे। सम्मेलन में गोरखपुर की डॉ। सत्या पांडेय, मेरठ के श्रीहरिकांत अहलूवालिया, इलाहाबाद की अभिलाष गुप्ता के महापौर मौजूद थे। अध्यक्षता वाराणसी के महापौर रामगोपाल मोहले ने की। कानपुर, गाजियाबाद व अलीगढ़ के महापौरों ने पत्र भेजा था।

लखनऊ में प्रदर्शन

सम्मेलन के बाद करते हुए महापौरों ने निर्णय लिया कि राज्य वित्त आयोग की ओर से नगर निगमों को आवंटित धनराशि में प्रदेश सरकार द्वारा जो पांच फीसद की कटौती की गई है उसका विरोध करेंगे। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोई रास्ता नहीं निकला तो महापौरों के नेतृत्व में प्रदेश के पार्षद लखनऊ में प्रदर्शन करेंगे। इस संबंध में प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री एवं राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष से उप्र महापौर परिषद शिष्टमंडल मुलाकात कर मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपेगा।

Posted By: Inextlive