मेहमान परिदें घर आ जा...
कांके डैम में आए ये प्रवासी पक्षी हजारों की संख्या में यहां आए हैं। एन्वायरमेंटलिस्ट डॉ नीतीश प्रियदर्शी बताते हैं कि सर्दियों में साइबेरिया बर्फ से ढंक जाता है, इसलिए वहां खाने को इन पक्षियों को कुछ नहीं मिलता इसलिए वे माइग्रेट करके इधर आते हैं।कम हो गया है आनानीतीश प्रियदर्शी ने बताया कि साइबेरियन डक और क्रेन पहले बड़ी संख्या में यहां आते थे, पर हाल के वर्षों में इनका आना कम हुआ है। इसकी वजह कांके डैम के आस-पास आबादी का बढऩा है। ये एकांतप्रिय पक्षी होते हैं। कांके डैम के पास आबादी बढऩे से इनका नेचुरल हैबिटेट नष्ट हो रहा है और पॉल्यूशन भी इनपर असर डाल रहा है, जिससे इनका आना कम हुआ है। कांके डैम में इनका शिकार भी इनके यहां कम आने की बड़ी वजह है।
नीतीश प्रियदर्शी ने बताया कि साइबेरियन पक्षी साइबेरिया से 10,000 किमी का सफर तय करके यहां आते हैं। 10,000 किमी का लंबा सफर तय करने के बाद भी ये अपने रास्ते से भटकते नहीं हैं। इसकी वजह यह है कि इनके सबसे आगे सीनियर पक्षी इनको लीड करता है। वो इस मार्ग का एक्सपर्ट होता है। जिससे ये अपना रास्ता नहीं भूलते।