JAMSHEDPUR : एलपीजी सब्सिडी का सीधा संबंध घर के किचन से है। गैस पर मिल रही सब्सिडी से कॉमन मैन को राहत मिल रही है? क्या यह लोकसभा चुनाव में अहम मुद्दा बन सकता है? इस बाबत मिलेनियल्स का नब्ज टटोलने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट का मिलेनियल्स स्पीक जेनरल इलेक्शन-2019 का कारवां बुधवार को टेल्को स्थित आजाद मार्केट में पहुंचा। यहां युवाओं ने चुनाव, राजनी'टी' और गैस सब्सिडी पर खुलकर रखी अपनी बात।

पूरी तरह हटे सब्सिडी
विजेंद्र साहू ने सब्सिडी को पूरी तरह से हटा देना चाहिए, क्योंकि सब्सिडी का पैसा अकाउंट में आने में काफी समय लगता है, गैस लेने समय इतने ज्यादा पैसे गरीब जनता नही दे सकती है। वही गैस सब्सिडी आने पर उपभोक्ता आसानी से गैस सिलेंडर भरवा लेती है, जो पहले संभव नही था, लोगो को अपनी मर्जी से सब्सिडी छोड़ी जिससे आज करोड़ों गरीब लोगो के घर में गैस सिलेंडर पर खाना बन रहा है।

काट रहे बैंक, एजेंसी के चक्कर
पीएम मोदी ने आम आदमी को बिचौलियों से बचाने और उसका हक सीधे खाते में पहुंचाने के लिए रसोई गैस तक पर सब्सिडी सीधे खाते में भेजने की व्यवस्था की है, लेकिन आज यही व्यवस्था आम आदमी के लिए मुसीबत बन गयी है। जिले में 15 से 20 प्रतिशत ऐसे उपभोक्ता हैं जिनकी गैस सब्सिडी खाते में पहुंच ही नहीं रही है। सब्सिडी के लिए वे अपने डिस्ट्रीब्यूटर व बैंकों का चक्कर लगा रहें हैं। खाते से आधार लिंक होने के बाद भी बार-बार आधार लिंक करवाने की बात कहकर डिस्ट्रीब्यूटरों द्वारा दौड़ाया जा रहा है। । गैस एजेंसी संचालक बैंक को जिम्मेदार ठहराकर मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं, और बैंक एजेंसी को। ऐसे में कंज्यूमर्स दर दर भटक रहे है।

डिस्ट्रीब्यूटर झाड़ते है पल्ला
राकेश सिंह ने कहा गैस वितरक एजेंसियों पर तैनात कर्मचारी कहते है कि हमारी कंपनी सब्सिडी नही देती है सब्सिडी एनपीसीआई (नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन ऑफ इंडिया ) देती है। एजेंसियां कहती है बैंक में तो आपका आधार कार्ड सक्रिय बता रहा है लेकिन एनपीसीआई में आपका आधार कार्ड डिएक्टिव बता रहा है। जिसके कारण आपके खाते में सब्सिडी नही भेजी जा रही है। इस समस्या का समाधान कहां से होगा इसकी भी विरतको को सही जानकारी नही है। जिसके कारण आम जनता सब्सिडी के लिए दर-दर भटक रही है।

नही करना पड़ता इंतजार
पप्पू ने कहा यह सरकार का सबसे अच्छा फैसला माना है। इससे लोगों को एक तो समय से गैस मिल जा रही है तो सब्सिडी की राशि भी खाते में आ जा रही है। पहले गैस एजेंसी संचालक जो कनेक्शन देने के नाम पर चूल्हा आदि खरीदनें के लिए बाध्य कर प्रति कनेक्शन 6000 से 6500 रूपये लेते थे, मोदी सरकार द्वारा सब्सिडी की व्यवस्था लागू करने तथा वर्ष में 12 सब्सिडी सिलेंडर फिक्स करने के बाद कनेक्शन का रेट 2500 से 2700 रूपये हो गया है। साथ ही अब सिलेंडर के लिए 21 दिन इंतजार नहीं करना पड़ता। बुकिंग के दो तीन बाद ही सब्सिडी का पैसा आता है।

सब्सिडी छोड़ने वालों की संख्या एक करोड़ से अधिक
अमीर अली ने कहा केन्द्र सरकार की ओर से अपनी स्वेच्छा से घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) पर सब्सिडी छोड़ने के लिए गिव इट अप के तहत एक करोड़ लोगो ने सब्सिडी छोड़ दी, इस योजना के तहत गरीबों को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन और गैस चूल्हा उपलब्ध कराया गया। जिससे आज देश करोड़ो गरीब लोगो जहरीला धुंआ खाए बगैर गैस बना भोजन कर पा रहे है, इस योजना में देशभर में 1.3 करोड़ उपभोक्ताओं द्वारा अपनी स्वेच्छा से एलपीजी सब्सिडी छोड़ने से हुई बचत का किया गया,

मेरी बात
गीव इट सब्सिडी के तहत लाखों लोगो ने अपनी सब्सिडी छोड़ दी थी, लेकिन अभी भी कई गरीब लोगो को गैस कनेक्शन नही मिला है, इस योजना को लेकर सरकार विफल रही है, वही लोगो कई लोगो के सब्सिडी का पैसा उनके खाते में नही आ रहा है, लोग दफ्तरों को चक्कर लगा रहे है। एलपीजी सब्सिडी योजना में कई तरह की खामियां है, जिसे सरकार को समझना चाहिए। अगर हमें इन योजनाओं में आ रही कमी दूर करना है तो अपने मतों का अधिकार करना होगा।

संजीव रंजन

कड़क मुद्दा
केन्द्र सरकार की ओर से अपनी स्वेच्छा से घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) पर सब्सिडी छोड़ने के लिए गिव इट अप के तहत एक करोड़ लोगो ने सब्सिडी छोड़ दी, इस योजना के तहत गरीबों को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन और गैस चूल्हा उपलब्ध कराया गया। जिससे आज देश करोड़ो गरीब लोगो जहरीला धुंआ खाए बगैर गैस बना भोजन कर पा रहे है। इसका फायदा सरकार को इस चुनाव जरूर मिलेगा।

संजय बारिख

यह सरकार का एक अच्छा फैसला था, जो अवैध कार्ड बनाकर गैस उठाया करते थे ऐसे बिचौलियों की कमर टूटी है । ज्यादा गैस का मूल्य होने से आपके बैंक में सरकार सब्सिडी के रूप में पैसे पहुंचा देती है, इसका सरकार को फायदा मिलेगा। सब्सिडी से ब्लैक मार्केटिंग बिल्कुल खत्म हो गई है। अब गैस सिलेंडर के लिए ज्यादा इंतजार नही करना पड़ता है।

पप्पू मिश्रा

केंद्र में सराकर बनाने के बाद पीएम मोदी ने आम आदमी को बिचौलियों से बचाने और उसका हक सीधे खाते में पहुंचाने के लिए रसोई गैस तक पर सब्सिडी सीधे खाते में भेजने की व्यवस्था की लेकिन आज यही व्यवस्था आम आदमी के लिए मुसीबत बन गयी है। जिले में 15 से 20 प्रतिशत ऐसे उपभोक्ता हैं जिनकी गैस सब्सिडी खाते में पहुंच ही नहीं रही,

प्रदीप सिंह

ऐसे रसोई गैस उपभोक्ता है जिनके खाते में सब्सिडी नहीं पहुंच रही है। सब्सिडी के लिए वह अपने डिस्ट्रीब्यूटर व बैंकों का चक्कर लगा रहें हैं। खाते से आधार लिंक होने के बाद भी बार-बार आधार लिंक करवाने की बात कहकर डिस्ट्रीब्यूटरों द्वारा दौड़ाया जा रहा है। । गैस एजेंसी संचालक बैंक को जिम्मेदार ठहराकर मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं, और बैंक एजेंसी को, उपभोक्ता दर दर भटक रहे है। इसका सीधा असर सरकार की छवि पर पड़ रहा है।

अमीर अली अंसारी

गैस वितरक एजेंसियों पर तैनात कर्मचारी कहते है कि हमारी कंपनी सब्सिडी नही देती है सब्सिडी एनपीसीआई (नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन ऑफ इंडिया ) देती है। लोगो ने कहा एजेंसियां कहती है बैंक में तो आपका आधार कार्ड सक्रिय बता रहा है लेकिन एनपीसीआई में आपका आधार कार्ड डिएक्टिव बता रहा है। जिसके कारण आम जनता सब्सिडी के लिए दर-दर भटक रही है।

गौतम घोष

सरकार सब्सिडी तो दे रही है, गैस लेने के लिए इतने पैसे लाएगी कहां से, सब्सिडी के द्वारा हमारे ही पैसे हमें वापस कर दिए जा रहे है। और सब्सिडी के आड़ आए दिन सिलेंडर का दाम बढ़ाया जा रहा है। बुकिंग में भी लोगो को परेशानी होती है।

सानू कुमार सिंह

कई लोगो के सब्सिडी का पैसा उनके खाते में नही आ रहा है, लोग दफ्तरों को चक्कर लगा रहे है। खाते से आधार लिंक होने के बाद भी बार-बार आधार लिंक करवाने की बात कहकर डिस्ट्रीब्यूटरों द्वारा दौड़ाया जा रहा है।

नवीन कुमार

यह सरकार का सबसे अच्छा फैसला माना गया है, इससे लोगों को एक तो समय से गैस मिल जा रही है, दूसरे सब्सिडी भी खाते में आ जा रही थी। अब सिलेंडर के लिए 21 दिन इंतजार नहीं करना पड़ता। बुकिंग के दो तीन बाद ही सब्सिडी का पैसा आता है। तथा एजेंसियों की कालाबाजारी भी खत्म हुई है।

राकेश सिंह

एलपीजी सब्सिडी को जल्द खत्म किया जाना चाहिए, क्योंकि इसके कारण गैस सिलेंडर की रेट बढ़ा कर गरीबों से ज्यादा पैसे ले रही, इतने पैसे गरीब जनता कहां लाएगी, और सब्सिडी के माध्यम से जनता से लेकर पैसा जनता को दिया जा रहा है।

विजेंद्र साहू

पहले गैस एजेंसी संचालक जो कनेक्शन देने के नाम पर चुल्हा आदि खरीदनें के लिए बाध्य कर प्रति कनेक्शन 6000 से 6500 रूपये लेते थे, मोदी सरकार द्वारा सब्सिडी की व्यवस्था लागू करने तथा वर्ष में 12 सब्सिडी सिलेंडर फिक्स करने के बाद कनेक्शन का रेट 2500 से 2700 रूपये हो गया है। साथ ही अब सिलेंडर के लिए 21 दिन इंतजार नहीं करना पड़ता। बुकिंग के दो तीन बाद ही सब्सिडी का पैसा आता है।

प्रमोद कावड़ा

Posted By: Inextlive