BAREILLY: शहर में महिला वोटर्स हो या फिर पुरुष वोटर्स दोनों की थिंकिंग अब पूरी तरह से चेंज हो चुकी है. सभी जानते हैं कि कौन सा नेता देश और समाज के विकास के बारे में सोचता है. खासकर महिलाओं को इस बात की जानकारी बहुत अच्छी है कि वो किसकी सत्ता में वो ज्यादा सेफ रह सकती हैं और उन्हें किसकी सत्ता में जॉब के ज्यादा चांस मिल सकते है. अब नेता कोई भी हो वो अपने झूठे वादों, झूठी सरकार और लोगों के साथ धोखा और फरेब करके नहीं जीत सकता. क्योंकि इस बार महिलाएं सिर्फ उसी को वोट करेंगी जो उनके भविष्य को सिक्योर कर सके. लोकसभा 2019 के इलेक्शन में युवा और महिलाएं अपने वोट की ताकत को हर नेता को दिखा देना चाहती है.मंडे को राजेंद्र नगर स्थित एक उम्मीद संस्था में महिलाओं ने दैनिक जागरण और रेडियो सिटी के कार्यक्रम मिलेनियल्स स्पीक राजनी-टी में खुल कर अपनी बात रखी और बताया कि वो इस बार किस तरह की सरकार चाहती हैं.

जनसंख्या को रोकने के लिए बने रूल
डिबेट में राधा सिंह ने कहा कि देश तब तक तरक्की नहीं कर सकता जब तक देश में पॉपुलेशन पर कंट्रोल नहीं होगा. क्योंकि जितनी ज्यादा जनसंख्या होगी उतने ही विकास के अवसर कम होंगे. यही वजह है कि लोगों को जॉब नहीं मिल पाती है और बेरोजगारी बढ़ रही है. इसके लिए सरकार को देश में पॉपुलेशन कंट्राल के लिए हम दो हमारे दो का कानून बना देना चाहिए. जो भी इसका उल्लंघन करके उससे सारी सरकारी सुविधाओं से वंचित कर देना चाहिए. इस पर रेनू महाजन ने भी सहमति जताते हुए कहा कि जब तक पॉपुलेशन कंट्रोल नहीं होगा तब तक कॉम्पिटीशन बढ़ता चला जाएगा. यदि कॉम्पटीशन को कम करना है तो पॉपुलेशन को कम करना होगा.

तीन तलाक पर तुरंत सुनवाई
तुलिका गोयल ने कहा कि तीन तलाक पर सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए. क्योंकि इस तीन तलाक से किसी भी महिला की जिंदगी बस दो मिनट में तबाह हो जाती है, जिसके बाद उसके पास सिर्फ जलालत भरी जिंदगी के अलावा कुछ और नहीं बचता है. मंजीत बिग ने कहा कि तीन तलाक को रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि महिला और पुरुष दोनों की काउंसलिंग हो. क्योंकि काउंसलिंग होने से कपल्स पर काफी हद तक फर्क पड़ता है.

सभी को करना चाहिए वोट
डिबेट चल ही रही थी कि तभी पारूल अग्रवाल ने कहा था कि पहले तो लोग वोट करते नहीं है. उसके बाद यदि कोई और सरकार आ जाती है तो लोग बिलेम करने लगते हैं कि सरकार गलत है. अच्छी नहीं है. लेकिन यह नहीं सोचते कि क्या उन्होंने उसके लिए वोट किया जिसे वो लाना चाहते थे. अगर नहीं किया तो उन्हें बिलेम करने का भी कोई हक नहीं है. जिसके बाद राधा सिंह ने कहा कि किसकी सरकार चुननी है यह अधिकार सिर्फ वोटर का ही है. यदि हम वोट ही नहीं करेंगे तो कैसी भी सरकार बने हमे उसके लिए कुछ भी नहीं कहना चाहिए.

कड़क मुद्दा
आने वाली सरकार को महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर रोक लगानी होगी. क्योंकि कुछ अत्याचार ऐसे होते है जो न तो महिलाएं किसी को दिखा सकती है और नही किसी से कह सकती हैं. ऐसे में जो नेता महिलाओं के दर्द को समझे आज के लोगो को वो ही सरकार चाहिए. ऐसी कोई सरकार नही चाहिए जो लोगों के लिए नहीं बल्कि खुद के लिए काम करे.

मेरी बात
बेसिक स्कूलों में जितनी लापरवाही होती है. उतनी किसी स्कूल में नहीं होती है. टीचर्स स्कूल में जाना ही नहीं चाहते हैं. अपनी जगह किसी दूसरे को सैलरी का कुछ हिस्सा देकर पढ़वाते रहते हैं. इस पर कार्रवाई होनी चाहिए.

पारूल अग्रवाल

- ऐसा नहीं है कि गलती सिर्फ सरकार की है. लोगों को भी अपनी रेस्पॉन्सिबिलिटी नहीं पता है. जो लोग गलत काम करते हैं उन लोगों की काउंसंिलग होनी चाहिए. जिससे उनके दिमाग से गंदगी को निकाला जा सके.

कुलजीत बासू

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- सरकार को पॉपुलेशन पर कंट्रोल करना चाहिए. क्योंकि हमारे देश में पॉपुलेशन इतनी है कि लोगों को रोजगार के भी लाले पड़ चुके हैं. सरकार को दूसरे देशों की तरह पॉपुलेशन कंट्रोल के लिए कानून लागू करना चाहिए.

राधा सिंह

 

इस बार उस नेता को किसी हाल में वोट नहीं देना है जो जनता को लालच देकर वोट खरीदता है. सबसे पहले ईमानदार नेता को एग्जामिन किया जाएगा. उसी के बाद हमारा वोट होगा.

अंबुज गुप्ता

 

- किसी भी व्यक्ति को सरकार पर आरोप लगाने से पहले यह सोचना चाहिए कि क्या उसने वोट किया था. यदि उसने वोट नहीं किया तो उसे सरकार पर आरोप लगाने को कोई दायित्व नही बनता है. इसलिए पहले वोट करें.

सोनिया सेठी

 

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- सरकार जो भी कानून बनाती है वो कभी भी पूरे लागू नहीं होते हैं. सरकार निजी स्कूलों के खिलाफ भी कई रूल बनाती है लेकिन क्या अभी तक कोई भी इम्पलीमेंट हो सका.

डॉ. नीलिमा गौड़

 

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-आज के हर युवा को अपने सपनों की सरकार पाने का हक है. लेकिन उसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि वो सरकार बनाने के लिए वोट करे. लेकिन ज्यादातर युवा वोट करना ही नहीें चाहते हैं.

तुलिका गोयल

 

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-सरकार की योजनाओं का गांव के लोगों को पता ही नहीं चल पाता है. सरकार को समय5समय पर गांव में लोगों को अपनी योजनाओं के बारे में अवेयर करना चाहिए.

सुधा गोयल

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-नेता सिर्फ अपना भला चाहते हैं, लेकिन इस बार हम लोग ऐसा नहीं होने देंगे. हमारा कीमती वोट सिर्फ उसी के लिए जाएगा जो हमारे लिए काम करे.

मीनाक्षी टंडन

 

सतमोला खाओ कुछ भी पचाओ

आज की महिलाएं पहले के मुकाबले काफी सशक्त हैं. वो अच्छे से जानती हैं कि उन्हें किस तरह का नेता चाहिए. इस बार महिलाओं के वोट की ताकत सभी नेताओं को पता लगने वाली है. क्योंकि जो नेता अभी तक सिर्फ झूठ और फरेब के दम पर चुनाव जीतते आए हैं वो इस बार अपने जीतने के सिर्फ सपने देख सकते हैं. अब जनता जागरूक हो चुकी है.

 

सरकारी स्कूलों में इस तरह का बिहेव करने वाले लोगो पर कार्रवाई के लिए सरकार को कड़े रूल बनाने चाहिए और समय-समय पर जाकर निरीक्षण भी करना चाहिए. जिससे इस तरह के टीचर्स में कार्रवाई का भय बना रहे.

रेनू अग्रवाल

 

-सरकार जब बैकेंसी निकालती है तो उसे पूरा भी करे. ऐसा नहीं हो कि बैकेंसी निकलने के बाद अभ्यर्थियों को कोर्ट कचहरी की शरण में जाना पड़े, सरकार को उन अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेना चाहिए जो ऐसे प्रकरण में लिप्त होते हैं.

ज्ञानेश्वरी

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हमारे देश में बेरोजगारों की संख्या इतनी बढ़ी हुई है कि एक बैकेंसी निकलने पर हजारों बेरोजगार उसके लिए दावेदार बन जाते हैं. ऐसे में सरकार को यह देखना होगा कि कौन उसके लिए सही दावेदार है. बिना नॉलेज के सिर्फ पैसों पर किसी का सिलेक्शन नहीं करना चाहिए.

शिखा

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-सरकार को बेसिक शिक्षा में सुधार करना चाहिए. क्योंकि जब तक बेसिक शिक्षा नहीं सुधरेगी तब तक शिक्षा में क्वालिटी नहीं आ सकती है. क्योंकि कम आमदनी वाला व्यक्ति अपने बच्चों को निजी स्कूल में नहीं पढ़ा सकता है.

नेहा

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Posted By: Radhika Lala