चुनाव आने के साथ ही देश की पार्टियां जनता के प्रमुख मुद्दों को भूल जाती हैं.

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PRAYAGRAJ: चुनाव आने के साथ ही देश की पार्टियां जनता के प्रमुख मुद्दों को भूल जाती हैं. वास्तव में देश में लगातार बढ़ती बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है. हर पार्टी दूसरी पार्टी पर बेरोजगारी खत्म करने के फॉर्मूला में फेल होने की बात भले ही कहती है, लेकिन खुद को नहीं देखती. अगर पिछले पांच साल की बात करें तो बेरोजगारी कम नहीं हुई है. बेरोजगारी एक ऐसा मुद्दा है जो सीधे तौर पर युवाओं का प्रभावित करता है. ऐसे में सभी पार्टियों को यह समझना होगा कि युवाओं के मुद्दों को दरकिनार करके कोई भी पार्टी सत्ता में नहीं आ सकती है.

करप्शन पर काफी हद तक लगा है ब्रेक
करप्शन के मुद्दे पर जनता ने अपनी राय खुलकर रखी. एजी ऑफिस के पास स्थित टी-स्टाल पर दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के मिलेनियल्स स्पीक के दौरान लोगों ने कहा कि पिछले पांच साल में काफी हद तक करप्शन कम हुआ है. हालांकि कुछ काम अभी होना है. इसी बीच राफेल के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. कुछ लोग राफेल में धांधली की बात करते रहे. जबकि ज्यादातर संख्या में लोगों की राय थी कि राफेल पर किसी भी प्रकार की धांधली नहीं की गई है. सुप्रीम कोर्ट से लेकर कैग की रिपोर्ट तक में कहीं भी धांधली या घोटाला होने की बात सामने नहीं आई. असल में विपक्षी पार्टियों के पास कोई मुद्दा नहीं है. इसलिए वह लगातार इस मुद्दे को उठाने में लगी हैं.

डिजिटल इंडिया के चक्कर में पब्लिक पर बढ़ा बोझ
नोटबंदी और डिजिटल इंडिया के मुद्दे पर लोगों का कहना था कि नोटबंदी में सबसे ज्यादा दिक्कत आम लोगों को उठानी पड़ी. जहां तक केन्द्र सरकार के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की बात है तो बैंकों की मनमानी के कारण पब्लिक पर लगातार बोझ बढ़ता जा रहा है. आज भी ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग हैं, जिन्हें डिजिटल इंडिया को अपनाने के लिए ट्रेंड नहीं किया गया है. इतना ही नहीं डिजिटल इंडिया के जरिए जहां पीएम लोगों को इसे अपनाने की सलाह दे रहे है. वहीं बैंक मनमाने ढंग से ई-ट्रांजैक्शन या पेमेंट पर टैक्स बढ़ा रहे हैं. ऐसे में सीधे तौर पर पब्लिक पर ही बोझ बढ़ रहा है. सरकार को इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है.

स्किल इंडिया का फ्यूचर में दिखेगा लाभ
स्किल इंडिया प्रोग्राम पर लोगों की राय थी कि इसका फायदा आने वाले सालों में दिखेगा. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि सरकार सड़क किनारे बिजनेस करने वालों पर भी ध्यान दे. अगर कोई अपना पैसा लगाकर रोजगार शुरू करता है तो उसे प्रोत्साहित करना चाहिए. लेकिन आए दिन पुलिस तो कभी प्रशासनिक लोग परेशान करते रहते हैं. जनसंख्या कंट्रोल करने के लिए भी सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए. इससे आने वाले समय में कई तरह की समस्याओं पर ब्रेक लगाई जा सकेगी.

पिछले पांच साल में करप्शन के मुद्दे पर काफी बे्रक लगा है. लेकिन अभी इसमें और काम करने की जरूरत है.
- राजू मिश्रा

ऐसा नहीं है कि बदलाव नहीं हुआ है. लेकिन कर्मचारियों के कई मुद्दे आज भी उसी स्थिति में है. खासतौर पर पुरानी पेंशन बहाली और मृतक आश्रित व पे कमीशन का मुद्दा. जरूरी है कि सरकार इन मुद्दों पर भी विचार करे.
- सुनील पाण्डेय

करप्शन से लेकर नोटबंदी या फिर राफेल का मुद्दा हो. हर कदम पर सरकार सही दिशा में कदम उठा रही है. राफेल के मुद्दे पर किसी को भी कोई ऐसा साक्ष्य नहीं मिला, जिसको वह कोर्ट या पब्लिक के सामने रख सके.
- डॉ. शैलेश पाण्डेय

सड़क पर बिजनेस करने वालों पर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए. उनका शोषण करने के स्थान पर सरकार को उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए. अगर कोई दिक्कत है तो उन्हें सही जगह पर सेटल करने की व्यवस्था होनी चाहिए.
- हरि शंकर गोस्वामी

एयर स्ट्राइक पर जो भी सवाल उठा रहे हैं, उनको जवाब जनता खुद देगी. सेना की कार्यशैली पर सवाल उठाने वाले अपना राजनैतिक फायदा देख रही है. जनता सब जानती है.
- संजीव कुमार

आज के समय में राजनीति का स्तर लगातार गिर रहा है. मुख्य मुद्दों को छोड़कर पार्टियां एक दूसरे पर व्यक्तिगत कटाक्ष करने में जुटी है. जो वाकई देश में गिरती राजनीति को दर्शाता है. ऐसे में जरूरी है कि जनता के मुद्दों पर चर्चा करने वालों को ही जनता अपना नेता चुने.

Posted By: Vijay Pandey