Patna: एक और दामिनी जिंदगी और मौत से जूझ रही है. जिसके साथ जिंदगी भर जीने का सपना देख रही थी उसी ने दगा दे दिया. सरेआम उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी. इस दामिनी काल्पनिक नाम का दोस्त रूपेश सिंह ही भेडिय़ा निकला.


चारों ने उसे अधनंगा ही ट्रेन से फेंक दियाअपने चार दोस्तों के साथ मिलकर उसने पहले दामिनी का रेप किया और फिर उसे जान से मारने की कोशिश की। मरा हुआ समझकर चारों ने उसे अधनंगा ही ट्रेन से फेंक दिया, जिससे उसके कंधे का ज्वाइंट टूट गया। उसके सिर में गहरी चोट आई है। हालत गंभीर होने पर समस्तीपुर सदर हॉस्पीटल ने उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया। अब वह पीएमसीएच में जिंदगी और मौत से जूझ रही है। उसका जुर्म सिर्फ इतना है कि उसने अपने दोस्त पर भरोसा किया। प्यार किया और उसके साथ चलने को तैयार हो गई। रूपेश ने न सिर्फ उसके भरोसे का रेप किया, बल्कि उसके शरीर को भी तोड़ दिया। उसे मानसिक तौर पर इतना गहरा जख्म दिया है कि वह होश में आते ही बेहोश हो जा रही है।मैंने बहन को कहां-कहां नहीं ढूंढ़ा


दामिनी के भाई विजय ने बताया कि 25 मार्च को उसका लास्ट एग्जाम था, पर एग्जाम देने के बाद वह घर नहीं लौटी। हमलोगों ने उसे सारे रिलेटिव के यहां तलाश किया, लेकिन कहीं नहीं मिली। लास्ट में हमलोगों ने गोपालगंज के मोहम्मदपुर थाना में मामला दर्ज करवाया। इसके अलावा दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता सहित कई शहरों में अपनी बहन को तलाश करवाया। 12 अप्रैल को हमें समस्तीपुर सदर हॉस्पीटल से डॉक्टर का फोन आया। डॉक्टर ने सारी जानकारी दी और पीएमसीएच जाने को कहा और हमलोग पीएमसीएच आ गए। उसने बताया कि मेरी बहन कुछ भी नहीं बोल पा रही है। उसकी स्थिति बहुत खराब है। दरिंदों ने मासूम बच्ची की जिंदगी बर्बाद कर दी। उसे जल्द से जल्द गिरफ्तार कर फांसी की सजा दी जाए, तभी मेरी बहन को इंसाफ मिलेगा। इतना कहते ही विजय फफक कर रोने लगता है। उसके साथ पिता नंद किशोर प्रसाद और भाई राजू प्रसाद भी रोने लगे।मेरे घर आता-जाता था रूपेश

विजय ने बताया कि रूपेश मेरे फुफेरे भाई विशाल का दोस्त है। विशाल के साथ वह भी मेरे घर आता था, पर तब हमलोगों को कहां पता था कि मेरे ही घर आकर मेरी फूल सी बहन को अपने नापाक करतूतों से रौंद देगा। मैं बनारस में रहकर फल बेचता हूं और मेरा छोटा भाई दिल्ली के यमुना नगर में प्लाइवुड की फैक्ट्री में काम करता है। घर में बहन के साथ मां-पापा रहते थे। रूपेश ने अकेली होने का फायदा उठाया। मेरी नाबालिग बहन को बहला-फुसलाकर ले गया। उसने तो मेरी बहन को मार ही दिया था, पर भगवान ने उसकी जान बचा ली। मरा हुआ समझकर ही उसने दलसिंह सराय जीआरपी को सूचना दी। सदर हॉस्पीटल में उसी ने डॉक्टर को हमलोगों का नंबर बताया था। उसके बाद जब उसे पता चला कि मेरी बहन जिंदा बच गई, तो वहां से फरार हो गया। हमलोग उससे कांटैक्ट करने की कोशिश कर रहे हैं, पर उसका कुछ पता नहीं चल पा रहा है।Devil's den on move

ट्रेन में रेप व छेड़खानी की यह पहली घटना नहीं है। अभी तीन महीने भी नहीं हुए हैं कि चौथा मामला सामने आ गसा। कुछ दिन पहले कोलकाता जा रही एक लड़की खुद को दरिंदों से बचाने के लिए बक्सर के पास ट्रेन से छलांग लगाकर कूद गई थी, जिसमें उसे काफी चोट लगी थी। एक दूसरी घटना में ट्रेन में ही रेलवे कर्मचारियों ने शराब पीकर एमएलए के साथ मारपीट की और उनकी पत्नी को छेड़ा भी। ये दोनों मामले थमे भी नहीं थे कि बेंगलुरु से पटना आ रही मां-बेटी को आधा दर्जन से अधिक लफुओं ने रात भर परेशान किया था। लड़कों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि कोई भी पैसेंंजर अपोज नहीं कर पाया। अब चलती ट्रेन में रेप के बाद दलसिंह सराय के पास लड़की को नीचे फेंक दिया गया। चारों मामलों में रेलवे की सिक्योरिटी पर सवाल उठ रहे हैं। बक्सर वाले मामले में तो रेलवे ने कई स्टॉफ्स को निलंबित कर दिया था, पर अन्य में अबतक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।सरेआम हो रहा रिश्तों का खून

Posted By: Inextlive