मेदांता के नेफ्रोलॉजी डॉ। श्याम बिहारी बंसल ने दी जानकारी

ALLAHABAD: जटिल मूत्र रोग के उपचार एवं किडनी ट्रांसप्लांट में आई नई तकनीकियों के संबंध में मेदांता-द-मेडिसिटी हॉस्पिटल गुड़गांव के डायरेक्टर नेफ्रोलॉजी विभाग डॉ। श्याम बिहारी बंसल ने कहा कि अनियमित जीवनशैली से किडनी फेल्योर के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। यह स्थिति भारत ही नहीं, दुनिया भर में है। वे वात्सल्य हॉस्पिटल सभागार में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

पेन किलर के इस्तेमाल से बचें

उन्होंने कहा कि राहत की बात ये है कि पहले जहां किडनी फेल्योर जैसे केस में इलाज संभव नहीं था, वहीं अब नए-नए प्रयोग की वजह से नई दवाओं और इलाज के तरीकों से किडनी फेल्योर पर काफी हद तक रोकथाम लगाइ जा सकती है। यहां तक कि मिसमैच्ड किडनी ट्रांसप्लांट व उमद्रराज लोगों में भी प्रत्यारोपण संभव हो चुका है। किडनी फेल्योर का एक प्रमुख कारण लंबे समय तक अनियमित शुगर एवं हाई ब्लड प्रेशर का होना है। किडनी की छलनियों में संक्रमण, पथरी का बनना और दर्द निवारक दवाओं का अत्यधिक सेवन करना भी इसके कारक हैं। वात्सल्य हॉस्पिटल के निदेशक डॉ। नीरज अग्रवाल ने कहा कहा कि किडनी ट्रांसप्लांट के रोगियों को उपचार के लिए नई तकनीकियों की पूरी जानकारी के लिए अब किसी अन्य शहर नहीं जाना पड़ेगा।

ऐसे पहचानें, किडनी फेल्योर?

शरीर में सूजन का होना

पेशाब की मात्रा में कमी होना

पेशाब में प्रोटीन या खून का आना

जलन होना, पेशाब बार-बार आना

शरीर में रक्त की कमी होना और ब्लड प्रेशर का बढ़ा होना

ऐसे करें बचाव

गुर्दे की बीमारी से बचें

ब्लड शुगर ज्यादा है तो कंट्रोल करें

ग्लाइकोसाइलेटेड हीमोग्लोबिन को 6 से सात प्रतिशत तक मैनेज करें।

ब्लड प्रेशर 120-80 के तक कंट्रोल करें

कडनी को खराब करने वाली दर्द निवारक दवाओं से बचें

किडनी संबंधी कोई बीमारी है तो तत्काल नेफ्रोलॉजिस्ट से परामर्श लें।

किडनी खराब हो तो ये करें

हीमोडायलिसिस

हफ्ते में तीन बार मशीन से खून साफ किया जाता है।

पेरिटोनियल डायलिसिस

इसमें पेट में एक कैथेटर लगा दिया जाता है। उसके द्वारा डायलिसिस फ्लूड को पेट में डाला व निकाला जाता है।

किडनी ट्रांसप्लांट

इसमें एक नए गुर्दे को दानदाता से लेकर मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है

Posted By: Inextlive