उत्तर कोरिया ने गुरुवार को दूसरे मिसाइल का परीक्षण किया। इससे संकेत मिलता है कि यह नए मिसाइल बनाने को लेकर गंभीर है।


सिओल (रॉयटर्स)। उत्तर कोरिया ने गुरुवार को दूसरे मिसाइल परीक्षण को अंजाम दिया। विश्लेषकों का मानना है कि यह नया परीक्षण यह साकेत देता है कि उत्तर कोरिया शॉर्ट रेंज वाले हथियारों को विकसित करने को लेकर गंभीर है, जिन्हें साउथ कोरिया और अमेरिका के साथ किसी भी युद्ध में जल्दी और प्रभावी रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है। स्थानीय मीडिया द्वारा शुक्रवार को जारी की गई तस्वीरों में दिखाया गया है कि गुरुवार के परीक्षण में एक ही हथियार शामिल था। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने गुरुवार देर रात कहा कि यह परीक्षण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन के बीच फरवरी में हनोई में हुए विफल शिखर सम्मेलन के विरोध प्रदर्शन की तरह लग रहा है, जबकि उत्तर कोरिया ने परीक्षणों को नियमित और आत्म रक्षात्मक बताया है। हनोई में विफल हुए वार्ता के बाद अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। बातचीत के मूड में नहीं लगते किम जोंग


कुछ विश्लेषकों का कहना है कि कई परीक्षण यह संकेत देते हैं कि मिसाइल केवल राजनीतिक शो के लिए नहीं हैं। कैलिफोर्निया में जेम्स मार्टिन सेंटर फॉर नॉनप्रोलिफेरेशन स्टडीज (सीएनएस) के मिसाइल विशेषज्ञों की एक टीम में सदस्य ग्रेस लिउ ने कहा, 'यह दूसरा परीक्षण इस बात को पुख्ता करता है कि ये लॉन्च सिर्फ दुनिया में हलचल पैदा करने के लिए नहीं है, इस तरह के परीक्षण से यह नहीं लगता कि किम जोंग फिर से अमेरिका के साथ वार्ता करने के लिए तैयार हैं। वे एक विश्वसनीय, ऑपरेटेबल मिसाइल विकसित कर रहे हैं जो मिसाइल सिक्योरिटी को हरा सकती है और दक्षिण कोरिया में एक सटीक स्ट्राइक कर सकती है।किम और ट्रंप की बैठक से पहले अमेरिकी कमांडर ने कहा, उत्तर कोरिया अपने सभी परमाणु हथियारों को नहीं करेगा नष्टअमेरिकी विदेश मंत्री पोंपियो ने कहा, फरवरी के अंत तक एशिया में ही कहीं ट्रंप और किम की हो सकती है दूसरी मुलाकातकार्गो जहाज को अमेरिका ने किया जब्त

इसी बीच अमेरिका ने कोयले की अवैध खेप ले जाने वाले उत्तर कोरिया के एक बड़े कार्गो जहाज को जब्त कर लिया है। अमेरिका के इस कदम के बाद उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन ने अपनी सेना को अपनी स्ट्राइक क्षमता बढ़ाने और उसके साथ एक और मिसाइल लॉन्च करने का आदेश दिया है। ट्रंप और मून दोनों ने कहा कि यह नया मिसाइल परीक्षण सहायक नहीं है लेकिन उन्होंने सुझाव दिया कि वे वार्ता को विफल नहीं करेंगे। ट्रंप ने कहा, 'मुझे पता है कि वे बातचीत करना चाहते हैं लेकिन मुझे नहीं लगता कि वे बातचीत के लिए किसी भी शर्तों को मानेंगे। वे छोटी और कम दूरी की मिसाइलें थीं, कोई भी इसको लेकर खुश नहीं है लेकिन हम इसपर नजर रख रहे हैं।'

Posted By: Mukul Kumar