सिंधुरक्षक हादसे ने भारतीय नौसेना के साथ ही उन परिवारों को भी गहरे दुख व निराशा के सागर में डुबो दिया है जिनके परिजन इस नौसैनिक पनडुब्बी में सवार थे. परिजनों के सकुशल होने की आस लिए तमाम परिवार मुंबई पहुंच गए हैं. नम आंखें लिए केरल से आए थॉमस ने कहा वह अपने बेटे लीजू लारेंस के जीवित होने की आस लेकर आए हैं जो हादसे के वक्त पनडुब्बी पर सवार था. थॉमस का कहना है कि हादसे से एक दिन पहले ही लिजू ने अपनी मां से ओणम पर घर आने की बात कही थी. इसी तरह की बातें अन्य परिजन भी कह रहे हैं.


एक दिन पहले ही हुई थी फोन पर बातकेरल के तिरुवनंतपुरम जिले के निवासी थॉमस अपने छोटे बेटे वीजू (27) के साथ मुंबई पहुंचे हैं. उन्होंने कहा, 28 अगस्त 2003 को नौसेना में शामिल होने वाले उनके पुत्र लीजू (29)की पांच जून 2013 को तिरुवनंतपुरम में शादी हुई थी. अगले ही दिन वह बहू को साथ लेकर मुंबई चला आया था. नए नेवी नगर में रहने वाले लीजू ने हादसे के एक दिन पहले ही अपनी मां विमला से फोन पर बात की थी. उसने कहा था कि मेरी 15 दिनों की छुïट्टी मंजूर हो गई हैं, पत्नी के साथ ओणम पर घर आऊंगा और खूब मजा करूंगा.पूछने पर कहते हैं बचाव अभियान जारी
बेटे के बारे में पूछने पर नौसेना के अधिकारी सिर्फ इतना ही कह रहे हैं कि बचाव अभियान जारी है, जैसे ही कुछ पता लगेगा हम आपको सूचना देंगे. उम्मीद करता हूं कि पनडुब्बी में सवार सभी लोग सुरक्षित होंगे. हम शुक्रवार को वापस केरल लौटेंगे क्योंकि पत्नी घर में अकेली है और बहुत ज्यादा चिंतित है. बेटा वीजू मुंबई में रुकेगा. तिरुवनंतपुरम के पूजाप्पुरा से आए जयशंकर ने रुंधे गले से बताया कि हादसे के बाद से उनका भतीजा लेफ्टीनेंट कमांडर वेंकट राज भी लापता है. उन्होंने कहा,17 साल पहले नौसैनिक के रूप में नौकरी शुरू करने वाला वेंकट (35) कुछ माह पूर्व ही रूस से स्वेदश लौटा था. नए पत्नी हरानी और तीन वर्षीय बेटी के साथ नेवी नगर में रहने वाले उनके भतीजे ने 2 अगस्त को अपने परिजनों से कहा था कि वह छुट्टी पर घर आने वाला है.ऑटो चालक का बेटा नेवी मेंकेरल के ही अलपुझा जिले के हरिपद इलाके के निवासी और रेडिया आपरेटर के पद पर तैनात विष्णु विशंभरम भी हादसे के बाद से लापता हैं. चचेरे भाई आर राजेश ने बताया कि विष्णु का बचपन से नेवी में जाने का सपना था. मां के विरोध के बावजूद उसने नौसेना की नौकरी चुनी. साथ ही वह बीटेक कर रहा था. केरल के कोल्लासरी थल्लासरी निवासी नौसैनिक विकास विकास ई का भी कोई पता नहीं चल रहा है. आटो रिक्शा चालक कृष्णादास के पुत्र विकास चार साल पहले ही नौसेना में भर्ती हुआ था. पड़ोसी के मुताबिक, आर्थिक संकट से जूझते परिवार का वह ही सहारा है. 

Posted By: Satyendra Kumar Singh