RANCHI: नवजात की बिक्री व डोरंडा निर्मल हृदय शिशु सदन से रेस्क्यू बच्चे सागर कांडिर को घर भेजने के बाद उसकी मौत ने खूंटी व रांची सीडब्ल्यूसी को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। इससे लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। एक बार फिर से लोग सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि बच्चे की अदला-बदली मामले में 28 नवंबर को सीडब्ल्यूसी चेयरमैन व बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।

करुणाश्रम में बच्ची को टीबी

करुणाश्रम में रह रही एक बच्ची राहिल टीबी रोग से ग्रस्त हो गई है। उसका इलाज रानी चिल्ड्रेन अस्पताल में दस दिनों से किया जा रहा है। उसे सरकार के संरक्षण में बरियातू के करुणाश्रम में रखा गया था। इधर, मेरी तिर्की ने बताया कि बच्ची की मौत के मामले में खूंटी सहयोग विलेज समेत अन्य आश्रमों में रखे गए बच्चों को वापस निर्मल शिशु सदन में रखने की मांग की है। मेरी तिर्की ने कहा कि बिन मां के बच्चे का ठीक से लालन-पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे बच्चे कुपोषण के शिकार हो रहे हैं।

बच्चा अदला-बदली पर कोर्ट गंभीर

गौरतलब हो कि खूंटी के सहयोग विलेज से जबरन सिंगल पैरेंट्स के बच्चे को अदला-बदली करने के मामले में हाईकोर्ट के एचसी मिश्रा व रत्‍‌नाकर भेंगरा के डिवीजन में सुनवाई हुई थी। अदालत ने कहा था कि जब बच्चा करुणा आश्रम में था तो किस आधार पर भादवि 247/18 के तहत बच्चा छीनने संबंधी प्राथमिकी दर्ज की गई। मामले में बुधु कांडिर के बच्चे सागर कांडिर को न देकर बुधू नाग के बेटे मंगरा नाग को खूंटी सीडब्ल्यूसी ने उसे सौंप दिया था। मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि कैसे दूसरे के बच्चे मंगरा नाग को बुधू कांडिर को सौंप दिया गया था।

हुई थी हैबियस कॉपस फाइल

गौरतलब हो कि छह सितंबर को हाईकोर्ट में बुधू कांडिर ने हैबियस कॉपस फाइल किया था। इसमें कहा गया है कि जबरन उन्हें सागर कांडिर की जगह मंगरा नाग के बच्चे को सौंप दिया गया है। बताया जाता है कि अदालत में प्रार्थी की ओर से इंटर लोकलिटी अप्लीकेशन दायर किया गया है। इस अप्लीकेशन पर एडवोकेट अमित अग्रवाल ने बहस की थी।

Posted By: Inextlive