- विधायक ने अपने ही अधिकारियों के खिलाफ खोला मोर्चा

- विधायक योगेंद्र उपाध्याय ने नगर निगम और जलकल विभाग पर लगाए आरोप

आगरा. भाजपा विधायक योगेंद्र उपाध्याय ने भागीरथी प्रयास कर दशकों से चली आ रही आगरा की पेयजल समस्या का समाधान तो कर दिया, लेकिन नगर निगम और जलकल विभाग की लापरवाही के कारण शहरवासियों के कंठ तर नहीं कर पाए. इससे नाराज भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर शिकायती पत्र थमा दिया. और लापरवाह विभागों के बारे में विस्तार से अवगत भी कराया. जलकल विभाग को पालड़ाझाल से पर्याप्त गंगाजल की सप्लाई तो मिल रही है. लेकिन जलकल विभाग और स्थानीय ठेकेदारों की घोर लापरवाही के कारण शहरवासियों को गंगाजल नहीं मिल पा रहा है. व्यर्थ में ही यमुना में बह रहा है.

जरूरत है 425 की और मिल रहा है 575 एमएलडी

भाजपा विधायक योगेंद्र उपाध्याय ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि आगरा शहर को 425 एमएलडी की प्रतिदिन आवश्यकता है. जबकि हमें प्रतिदिन 375 एमएडी गंगाजल पालड़ाझाल (बुलंदशहर) से मिल रहा है. इसके अलावा यमुना से कम से कम 200 एमएलडी प्रतिदिन उपलब्ध हो सकता है. इस प्रकार कुल 575 एमएलडी मिल रहा है. इस प्रकार करीब 150 एमएलडी पानी अधिक है. बावजूद इसके शहरवासियों को पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. शहर में कहीं पर भी पानी की समस्या को लेकर हंगामा और धरना प्रदर्शन देखने को मिल जाता है. इससे प्रदेश सरकार की किरकिरी हो रही है. समय समय पर जनप्रतिनिधि जलकल के अधिकारियों को समस्याओं से अवगत कराते रहते हैं. बावजूद इसके ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. शहरवासियों को मिलने के बजाय गंगाजल यमुना में और रोड़ पर बहता हुआ दिखाई दे जाता है. इसके पीछे नगर निगम और जलकल विभाग की स्वार्थपूर्ण लापरवाही है.

वर्ष 2016 से कराता आ रहा हूं अवगत

विधायक योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि वे वर्ष 2016 से तत्कालीन मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और कमिश्नर आगरा को अवगत कराता रहा हूं कि दिसंबर वर्ष 2018 तक गंगाजल जल संस्थान को उपलब्ध हो जाएगा. जिसके वितरण की समुचित तैयारी कर ली जाए. अन्यथा गंगाजल व्यर्थ में यमुना में बहेगा. जिसका दायित्व जल कल विभाग का होगा. ठीक वैसा ही हो रहा है. शहर की जनता पानी के लिए हाहाकार कर रही है. बावजूद इसके नगर निगम और जलकल के अधिकारियों कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.

तीन भागों में किया जाए वितरित

- उन्होंने मांग रखी है कि वितरण प्रणाली को तीन भागों में विभाजित किया जाए

- आधी अधूरी पड़ी वितरण प्रणाली को पूर्ण किया जाए

- शहर के जिन हिस्सों में जल वितरण की व्यवस्था नहीं है, वहां के लिए तैयार डीपीआर को कार्यरूम में लाया जाए

ये थे मौजूद

इस मौके महानगर अध्यक्ष विजय शिवहरे, मीडिया प्रभारी केके भारद्वाज,सोनू कर्मचंदानी मौजूद थे.

ये है व्यवस्था

- 425 एमएलडी की है जरूरत

- 375 एमएलडी मिल रहा है प्रतिदिन गंगाजल

- 200 एमएलडी यमुना से मिल सकता है प्रतिदिन

Posted By: Vintee Sharma