भ्रूण लिंग जांच प्रकरण

प्रेसवार्ता में सवालों में उलझी सपा नेत्री ने पुलिस अफसरों से वार्ता स्वीकारी

Meerut : भ्रूण लिंग जांच प्रकरण में फंसी डॉ। सविता गर्ग सूबे की सपा सरकार में एमएलसी डॉ। सरोजनी गर्ग की छोटी बहन है। इस प्रकरण में नाम जोड़े जाने पर सफाई देने के लिए बुलाई प्रेसवार्ता में शनिवार एमएलसी फंस गई और उन्होंने स्वीकार लिया कि एसएसपी और फिर डीआईजी को उन्होंने ही फोन किया था। कहा था कि मेरी बहन और बहनोई का अपहरण करके एचआर नंबर की सफेद रंग की इनोवा ले जा रही है। सीमाएं सील करने नाकेबंदी के आदेश भी एमएलसी ने ही दिए थे।

पुलिस को किया गुमराह

एमएलसी उस वक्त लखनऊ में थीं जब इनकी सगी छोटी बहन डॉ। सविता गर्ग और उसके पति डॉ। विनोद गर्ग को भू्रण लिंग परीक्षण के आरोप में हरियाणा की हेल्थ और पुलिस टीम गिरफ्तार कर ले जा रही थी। सविता के पुत्र विदित ने एमएलसी से फोन पर कई बार बात की, जिसका ब्योरा इस प्रकार है

विदित : 'मौसी, मम्मी-पापा को कुछ लोग उठाकर ले गए हैं। अगवा कर ले गए हैं.'

एमएलसी- मैं देखती हूं।

(बहन और बहनोई के अपहरण की बात करते हुए एसएसपी दिनेश चंद्र दूबे को फोन किया, पूछा कहां हैं मेरे रिश्तेदार, एसएसपी ने बोला कि बता रहा हूं। मैम)

विदित : 'लिंग भू्रण परीक्षण के आरोप में मम्मी-पापा को पुलिस उठा ले गई है.'

एमएसली : एसएसपी को फिर फोन, पूछा मेरी बहन और बहनोई कहां हैं?

(थाने में फोन मिलाया, इंस्पेक्टर इकबाल अहमद कलीम से लोकेशन ली, मालूम चला कि वो मेरठ सीमा क्रॉस कर रहे हैं.)

इस बीच फिर बहन के लड़के विदित का फिर फोन आया।

विदित : तीन लोग आए थे उन्होंने तीन लाख रुपये मम्मी-पापा को छोड़ने के मांगे थे, रिश्वत के नाम पर, मैने दे दिए हैं।

(यह फर्जी आरोप है, जबकि सच्चाई यह है कि मेरठ सीमा क्रॉस करने के अंदेशे पर एमएलसी ने डीआईजी आशुतोष कुमार को फौरन फोन मिलाया)

अगला फोन डीआईजी आशुतोष कुमार को किया और कहा कि-

एमएलसी-मेरी बहन और बहनोई का अपहरण हो गया है। सफेद रंग की इनोवा कार जिसका नंबर (********) है। इसे पकड़ो, गाड़ी यूपी की सीमा पार न कर पाए, इसलिए सभी सीमाओं को सील कर दो, नाकेबंदी कर दो।

(सपा की एमएलसी और राष्ट्रीय सचिव द्वारा अपने रिश्तेदार के अपहरण की शिकायत पर डीआईजी ने प्रकरण को गंभीरता से लिया बागपत समेत जनपदों को गाड़ी का हुलिया बताते हुए, नाकाबंदी के आदेश दिए। हरियाणा की टीम के लिए नाकेबंदी की जानकारी जींद के डिप्टी कमिश्नर विनय कुमार यादव ने भी दी थी.)

नतमस्तक हुई पुलिस

दूसरी ओर, एमएलसी ने थाना सिविल लाइंस इंस्पेक्टर को लगातार फोन पर हरियाणा की टीम को वापस बुलाने के लिए दबाव बनाया। एमएलसी के आदेश के आगे नतमस्तक पुलिस ने हरियाणा की टीम को आनन-फानन एक पत्रकार के फोन से फोन किया, इंस्पेक्टर के पास टीम का नंबर नहीं था, जो पत्रकार से लिया। फोन करके इंस्पेक्टर ने टीम को साफ बोला कि 'तस्करा दर्ज कराओ आकर नहीं तो अपहरण में मुकदमा दर्ज कर देंगे'।

पुलिस बनी वकील

हरियाणा की टीम अब तक जान चुकी थी कि पकड़े गए दोनों आरोपी रसूखवाले हैं और मजबूरन उन्होंने दोनों गाडि़यों को वापस मेरठ की ओर मोड़ दिया। यहां आकर क्या हुआ, सब जानते हैं? पुलिस वकील बन गई और एक गंभीर अपराध के आरोपियों को थाने से ही जमानत दे दी गई।

रिश्वत की रची मनगढंत कहानी

प्रेसवार्ता में एमएलसी ने जिस तरह से हरियाणा पुलिस पर तीन लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया। यहां बैठे सपा के ही एक पार्षद ने कहा कि मेरे सामने हरियाणा पुलिस ने रिश्वत ली, जमानत पर छूटने के बाद रिश्वत की रकम वापस कर दी। एमएलसी के आरोप को थाना सिविल लाइन्स पुलिस ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हरियाणा पुलिस ने कोई रिश्वत नहीं ली, यह आरोप बेबुनियाद है। डॉ। सविता और उनके पति गिरफ्तारी पर ड्रामा कर रहे थे और हरियाणा टीम पर अनाप-शनाप आरोप लगा रहे थे।

इस पूरे प्रकरण में एमएलसी की भूमिका परिवार हित में दिखाई दी। प्रेसवार्ता में वे जो साबित करना चाहती थी, नहीं कर पाई। हां दबाव में इतना जरूर कहा कि यदि आरोप साबित हुआ तो वे सविता का गला दबा देंगी। वे खुद सगी बहन के खिलाफ रासुका के तहत मुकदमा दर्ज कराएंगी। उन्होंने कहा कि यदि सविता और उसका पति दोषी है तो उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो।

Posted By: Inextlive