सीएम के गृह जिले में राजद नेता की गोली मारकर हत्या, गुस्साई भीड़ ने घर फूंके, 2 लोगों को पीट-पीटकर मार डाला, मरने के बाद भी मारती रही भीड़

PATNA : बिहार में सुशासन ही संकट में आ गया है। हर दिन मर्डर की घटना से राज्य दहल रहा है, ऐसे में सीएम के गृह जिले में ही मॉब लिचिंग की घटना ने पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए है। मामला नालंदा जिले का है। मंगलवार की रात को राजद नेता इंदल पासवान की मघड़ा गांव के पास बदमाशों ने हत्या कर दी। बुधवार की सुबह जब लोगों ने उनकी लाश देखी तो वे आक्रोशित हो उठे। आक्रोशित भीड़ ने शक के आधार पर तीन घरों में धावा बोल दिया। लोगों ने पहले इन घरों में आग लगा दी। आग की लपटें देख जब घर छोड़ लोग भागे तो तीन लोगों को भीड़ ने पकड़ लिया। उन्हें लात-घूसों से मारना शुरू कर दिया। हत्यारी भीड़ इतनी गुस्से में थी कि दो लोग मर चुके थे फिर भी उन्हें मारती जा रही थी। तीसरा व्यक्ति भी अस्पताल में आखिरी सांसें गिन रहा है।

क्या है मॉब लिंचिंग

मॉब लिंचिंग शब्द का प्रयोग ऐसी जगह पर किया जाता है जहां पर भीड़ अनियंत्रित होकर नियंत्रण से बाहर जाकर किसी वारदात या घटना को अंजाम देती है। लिंचिंग शब्द विलियम लिंच के नाम से जुड़ा है। विलियम कैप्टन लिंच एक न्यायाधिकरण बना रखा था और उसका स्वघोषित जज था। उसका हर फैसला उन्माद फैलाने वाला होता था। किसी भी आरोपी का पक्ष सुने बिना उसे सजाए मौत दे दी जाती थी।

4 साल में मॉब लिंचिंग के 134 मामले

पिछले 4 वर्षो में मॉब लिंचिंग के 134 मामले हो चुके हैं। 2015 से अब तक मॉब लिंचिंग में 68 लोगों की जानें जा चुकी हैं। साल 2014 में 3 मामले आए और उसमें 11 लोग जख्मी हुए। 2015 में अचानक यह बढ़कर 12 हो गया। 2016 में 24 मामले में 8 लोगों की मौत हुई वहीं 58 लोग घायल हो गए। 2017 में 37 मामले में 11 की मौत और 152 लोग घायल हो गए। 2018 में 9 मामले में 5 लोगों की मौत हुई वहीं 16 लोग जख्मी हो गए।

पहले से घात लगाए बैठे थे बदमाश

इंदल पासवान मघड़ा सराय गांव के रहने वाले थे। नालंदा जिले में राजद के बड़े नेताओं में उनका नाम शुमार था। मंगलवार को वे किसी गांव से श्राद्धकर्म में शामिल होने गए थे। देर रात वे बाइक से अपने घर लौट रहे थे। जैसे ही वे अपने गांव के पास पहुंचे, वहां अपराधी पहले से ही घात लगाए बैठे हुए थे। इंदल को देखते ही अपराधियों ने गोली चलाना शुरू कर दिया। एक गोली उनके सीने में लगी। जिससे उनकी वहीं मौत हो गई। रात में जब वह घर नहीं लौटे तो परिजनों ने खोजना शुरू किया। सुबह गांव के ही एक खेत में उनका शव मिला। पुलिस का कहना है कि जिस हालात में शव था, उसे देखकर लगता है कि पहले अपराधियों के साथ हाथापाई हुई होगी। अपराधी कितनी संख्या में थे, यह कह पाना अभी मुश्किल है।

मौत का तांडव देख सिहर गए लोग

खेत में इंदल पासवान की लाश देखकर भीड़ गुस्से में आ गई। भीड़ में से कुछ लोगों ने चिल्लाकर तीन लोगों पर हत्या कराने का शक जाहिर किया। गुस्से की इसी आवाज पर लोग इन तीन घरों पर टूट पड़े। पहले घर में तोड़फोड़ की फिर एक घर में आग लगा दी। इन घरों के 3 लोग आक्रोशित भीड़ के हत्थे चढ़ गए। गुस्साए लोगों ने संटी मालाकार (38 वर्ष) और रंजन यादव (18 वर्ष) को इस कदर पीटा कि उन्होंने वहीं दम तोड़ दिया। तीसरे व्यक्ति चुन्नी लाल को गंभीर स्थिति में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूचना पर थानाध्यक्ष धमेंद्र कुमार मौके पर तो पहुंचे, लेकिन मौत का तांडव देखकर वे भी उल्टे पांव हो गए। घटना के बाद डीआईजी राजेश कुमार भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने जांच के आदेश दिए।

यहां भी हो चुकी है मॉब लिंचिंग की घटनाएं

29 दिसंबर, 2018 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पीएम मोदी की रैली से ड्यूटी कर लौट रहे कांस्टेबल सुरेश प्रताप वत्स पीटकर मार डाला।

दिसंबर, 2018 मे यूपी के बुलंदशहर में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।

20 मई, 2018 को मध्य प्रदेश के सतना में गाय की तस्करी करने के शक में भीड़ ने रकबर खान को मार डाला।

10 नवंबर, 2017 को गो-रक्षकों ने राजस्थान के अलवर में उमर खान को गोली मार दी। इसमें मौत हो गई।

29 जून, 2017 को झारखंड में चार-चार अलग मामलों में कुल 9 लोगों को मॉब लिंचिंग में मार डाला।

1 मई, 2017 को गाय चुराने के आरोप में असम में दो युवकों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।

28 सितंबर,2015 को यूपी के दादरी में मोहम्मद अखलाक को बीफ खाने के शक में भीड़ ने ईट और डंडो से मार डाला।

Posted By: Inextlive