Bareilly: तमाम मैरिड कपल्स इनफर्टिलिटी की प्रॉब्लम फेस कर रहे हैं. मेडिकल साइंस में इसके कारगर सॉल्यूशन होने के बावजूद कई कपल्स के घर किलकारी इसलिए नहीं गूंज पाती क्योंकि वह अवेयर नहीं है. बदलती लाइफ स्टाइल जॉब स्ट्रेस और लेट शादियां इनफर्टिलिटी में इजाफा कर रही हैं. सिटी में इंडियन फर्टिलिटी सोसाइटी आईएफएस की ओर से संडे को एक कांफ्रेंसऑर्गनाइज की गई. कांफ्रेंस में सोसाइटी के नेशनल प्रेसीडेंट डॉ. कुलदीप जैन सहित अन्य एक्सपट्र्स ने मेल व फीमेल्स में इनफर्टिलिटी के बढ़ते रीजंस और इसके ट्रीटमेंट के एडवांस तरीकों के बारे में जानकारी दी.


Laptop छीन रहा बच्चे का सुखमेल्स में बढ़ रही इनफर्टिलिटी के लिए डॉ। कुलदीप जैन ने एन्वायरमेंटल फैक्ट्स को रेस्पांसिबल ठहराया। उन्होंने बताया कि यूथ के साथ ही बड़ों में भी मोबाइल और लैपटॉप का चलन उनकी फर्टिलिटी पर इफेक्ट डाल रहा है। जेब में मोबाइल और गोद में लैपटॉप रख काम करने से मेल्स की फर्टिलिटी में कमी आ रही है। इसकी मेन वजह मोबाइल और लैपटॉप से जेनरेट होने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड है। जिससे मेल्स के स्पम्र्स को बहुत नुकसान पहुंचता है। वहीं फीमेल्स में भी यह उनके एग के लिए बहुत हार्मफुल है। Ignore करें misconceotion


यंग ही नहीं बल्कि 40 प्लस एजग्रुप वाले कपल्स भी इनफर्टिलिटी के सही इलाज से अवेयर नहीं है। गांव कस्बों के कई कपल्स फर्टिलिटी बढ़ाने और बच्चे के लिए नीम हकीम के पास जाकर अपना पैसा और समय बर्बाद कर रहे हैं। वहीं अर्बन एरिया में भी एजुकेटेड कपल्स पिन प्वॉइंट ट्रीटमेंट अवेलेबल होने के बावजूद फायदा न होने पर भी सालों तक एक ही डॉक्टर से इलाज करवाते रहते हैं। डॉ। कुलदीप जैन ने बताया कि जनरल डॉक्टर से 3-6 महीने इलाज के बावजूद फायदा न होने पर कपल्स को एक्सपर्ट के पास जाना चाहिए। एडवांस IVF बेस्ट तकनीक

इनफर्टिलिटी के ट्रीटमेंट में मेडिसिन बहुत ज्यादा इफेक्टिव रिजल्ट नहीं दे पाती। ऐसे में पेशेंट्स को एक्सपर्ट की काउंसलिंग की बहुत जरूरत होती है। मेडिकल साइंस ने निसंतान दंपत्तियों के लिए इंट्रा साइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन तकनीक (आईसीसएआई) ईजाद की है, जिसे एडवांड आईवीएफ भी कहा जाता है। जब मेल के सीमन में स्पर्म नहीं निकल पाते, तब इस तकनीक के जरिए मेल के स्पर्म को बाहर निकालकर आर्टिफिशियल तरीके से फीमेल के एग से फर्टिलाइज कराया जाता है। इस तकनीक के जरिए बच्चे होने की सक्सेस 40 परसेंट तक बढ़ जाती है।बचें पावर बढ़ाने वाली दवाइयों सेटीवी-न्यूजपेपर में सेक्स पावर बढ़ाने वाली दवाइयों के एड में फंसकर कई कपल्स अपनी फर्टिलिटी दांव पर लगा चुके हैं। एक्सपर्ट ने कपल्स को इन दवाइयों से बचने की नसीहत दी है। एक्सपर्ट ने बताया कि इस तरह की मेडिसिन बिना किसी स्टैंडर्ड और रिसर्च के मार्केट में बेची जाती है। ऐसे में इनकी कंपनीज को ही कई बार नहीं पता होता कि इन मेडिसिन के कंपोजीशंस क्या हैं? ऐसे में इनसे फायदा कम नुकसान की गांरटी ज्यादा है।Infertility का भी insurance

आईएफएस के नेशनल प्रेसीडेंट डॉ कुलदीप जैन देश में इनफर्टिलिटी जैसी सीरियस बीमारी पर गवर्नमेंट की उदासी पर निराशा जताते हैं। डॉ। जैन ने कहते हैं कि कई बीमारियों के लिए इंश्योरेंस कवर है पर इनफर्टिलिटी के लिए ऐसी कोई इंश्योरेंस सुविधा अब तक नहीं है। गवर्नमेंट और न ही कंपनीज इस बारे में पहल कर रही हैं। एडवांस आईवीएफ में एक से डेढ़ लाख रुपए का खर्च आता है। इस ट्रीटमेंट की सुविधा तो अवेलेबल है, पर आम इंसान इसके खर्च के लिए फंड कैसे जुटाएं? डॉ जैन सवाल करते हैं कि हार्ट डिजीज के लिए ढाई लाख का इंश्योरेंस है, पर दुनिया में नई जिंदगी लाने के लिए ऐसी कोई सुविधा नहीं। एकजुट हों Expertsकाफ्रेंस में आई डॉ। आभा मजूमदार ने कई जगह छोटे आईवीएफ सेंटर होने के बजाय एक बड़े आईवीएफ सेंटर में ही सभी एक्सपर्ट के साथ काम करने को ज्यादा बेहतर बताया। डॉ। मजूमदार 1991 में देश में आईवीएफ के जरिए पहले टेस्ट ट्यूब बेबी को जिंदगी देनी वाली टीम की मेंबर थीं। उन्हें बेस्ट मेडिकल ग्रेजुएट के लिए

Posted By: Inextlive