मासूम चेहरा, शातिराना दिमाग
-सिटी में सक्रिय है शातिर बच्चों का गैंग, पलक झपकते उड़ा देते हैं मोबाइल
-कई जगहों पर बनाया है ठिकाना, तलाश में जुटी पुलिस केस-वन मंडुवाडीह निवासी अभिषेक का मोबाइल 12 दिसंबर की शाम लहरतारा-मंडुवाडीह के बीच बाइक सवार कम उम्र के बाइक सवारों ने छीन लिया। पीडि़त पुलिस थाना पहुंचा तो पुलिस ने छिनैती के बजाय गुमशुदगी में रिपोर्ट दर्ज की। केस-टू लंका थाना के साकेतनगर निवासी पंकज चौबे का मोबाइल लंका स्थित एक मेडिकल की दुकान पर दवा लेते समय उचक्कों ने पार कर दिया। सीसी टीवी फुटेज में नाबालिग लड़का मोबाइल निकालते हुए दिखा। केस-थ्री 31 दिसंबर की शाम लहरतारा मार्केट में सब्जी खरीद रहे विवेक श्रीवास्तव का मोबाइल जेब से निकाल लिया गया। मोबाइल निकालने वाला लड़का नाबालिग निकला। उसे चौकी विद्यापीठ प्रभारी के हवाले कर दिया गया। जिसकी जांच पड़ताल चौकी प्रभारी द्वारा जारी है। मगर मोबाइल बरामदगी अभी तक नहीं हुई है।'मिशन मोबाइल' में बच्चे
यह तीन केस तो महज एक बानगी भर है। ऐसे अपराध हर दिन शहर में हो रहे हैं जिसमें बच्चों की संलिप्ता सामने आ रही हैं। मोबाइल चुराने से लेकर बाइक उड़ाने जैसे अपराध में कच्ची उम्र के मासूम चेहरे वाले बच्चों की संलिप्तता होती है। चेहरे जरूर मासूम होते है लेकिन शातिराना दिमाग की बदौलत बड़े ही सफाई से माल उड़ा देते है। 31 दिसंबर की रात लहरतारा में मोबाइल चुराकर भागे 12 साल के बच्चे को पकड़ा गया तो उसने चौंकाने वाले खुलासे किए।
शहर में घूम रही टोली पुलिस को जानकारी मिली है कि शातिराना दिमाग के दो दर्जन से अधिक बच्चे शहर में डेरा डाले हुए है और विभिन्न तरह की अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। ये बच्चे बंगाल और बिहार के हैं। उनकी तलाश में पुलिस परेडकोठी समेत कई इलाकों में धमकी लेकिन कोई हाथ नहीं लगा। ये शातिर बच्चे रेलवे स्टेशन परिसर, सिगरा, लंका, दशाश्वमेध क्षेत्रों में ज्यादा सक्रिय हैं। कार्रवाई से बचती है पुलिसबच्चों के जरिए हो रहे अपराध पर लगाम नहीं लग पाने की बड़ी वजह पुलिस है। आए दिन कितने ऐसे वारदात हो रहे हैं जो थानों तक नहीं पहुंच पा रहे है। यदि पहुंचते भी है तो पुलिस आरोपित की कम उम्र देखकर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से बचती है। जबकि एसएसपी आनंद कुलकर्णी ऐसे मामलों में कायदे से सुरागकशी कर अपराध के खुलासे पर थानाध्यक्षों को निर्देशित किए है लेकिन अभी भी हालात बहुत सुधरे नहीं है। यही वजह है कि बाइक-मोबाइल चोरी और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ सहित मकान-जमीन कब्जाने का खेल जारी है।