गवर्नमेंट ने 2000 रुपए से महंगे मोबाइल फोन पर चार्ज बढ़ा दिया है. इसके बाद भी इस टफ कॉम्‍पटीशन में कंपनीज ने मोबाइल के रेट न बढ़ाने का डिसीजन लिया है.


गवर्नमेंट ने मोबाइल हैंडसेट पर टैक्स बढ़ाकर कंपनियों और कस्टमर्स की प्रॉब्लम्स बढ़ा दी थी. टैक्स बढ़ने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि कंपनियां जल्द ही मोबाइल के रेट बढ़ा देंगी. मगर मोबाइल कंपनियों का कहना है कि गवर्नमेंट अगर बढ़ा हुआ टैक्स वापस नहीं लेती है तो वे इसके बर्डन का बड़ा हिस्सा खुद बियर कर सकती हैं. बढ़ा टैक्स वापस ले गवर्नमेंटमोबाइल सेट बनाने वाली कंपनियां चाहती हैं कि फाइनेंस मिनिस्टर पी चिदंबरम प्रोडक्शन चार्ज कम करे क्योंकि इससे मोबाइल हैंडसेट मार्केट की बढऩे की स्पीड कम हो जाएगी. इस इंडस्ट्री ने फाइनेंस मिनिस्टर से इस बारे में अपील भी की है. फाइनेंस मिनिस्टर ने थर्सडे को पार्लियामेंट में पेश बजट में 2000 रुपए से अधिक की कीमत वाले मोबाइल हैंडसेट पर प्रोडक्शन चार्ज बढ़ाकर 6 परसेंट करने का प्रस्ताव रखा है. अभी इन हैंडसेट पर 1 परसेंट चार्ज लगता है.


हर साल बिकेंगे 25 करोड़ हैंडसेट

इस इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों का मानना है कि इंडिया में बिकने वाले मोबाइल हैंडसेट का बड़ा हिस्सा 2000 रुपए से अधिक की कीमत वाले हैंडसेट का ही है. एक अनुमान के मुताबिक इस साल के अंत तक देश में मोबाइल हैंडसेट की बिक्री सालाना 25 करोड़ को पार कर जाएगी. सैमसंग के वाइस प्रेसिडेंट मार्केटिंग (मोबाइल बिजनेस) असीम वारसी ने दैनिक जागरण से कहा कि फाइनें मिनिस्टर का यह कदम मोबाइल हैंडसेट इंडस्ट्री की ग्रोथ की स्पीड को कम करेगा.

Posted By: Garima Shukla