-पुलिस की मॉक ड्रिल ने घंटों तक पब्लिक की सांस रोके रखी

-तिब्बती मार्केट से आने वाला सारा ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया

DEHRADUN: सिटी के हार्ट कहे जाने वाले परेड ग्राउंड स्थित कनक चौक पर मंडे दोपहर को पुलिस की मॉक ड्रिल ने घंटों तक पब्लिक की सांस रोके रखी। हैरानी की बात यह है कि अपनी ही मॉक ड्रिल में भी पुलिस को अपने 'बम' का सॉल्यूशन ढूंढने में भी सवा घंटा लग गया।

बैग में बम की थी फ‌र्स्ट इंफॉरमेशन

पुलिस कंट्रोलरुम को फ‌र्स्ट इंफॉरमेशन के रूप में मंडे दोपहर करीब दो बजे किसी ने सूचना दी कि कनक चौक के पास डूंगा हाउस के सामने कूड़े में एक काले रंग का बैग पड़ा हुआ है, जिसमें बम हो सकता है। इसके साथ ही वहीं एक काले रंग की होंडा सिटी भी लावारिस खड़ी हुई है। सूचना पर डालनवाला इंस्पेक्टर मय फोर्स मौके पर पहुंचे और कनक चौक व तिब्बती मार्केट से आने वाला सारा ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया।

बैरीकेडिंग लगाकर शुरू की चेकिंग

ट्रैफिक रोकने के लिए मौके से करीब भ्0 मीटर दूर बैरिकेडिंग लगा दी गई। करीब क्भ् मिनट बाद ही वहां पर बम निरोधक दस्ता भी पहुंच गया। पहले स्निफर डॉग से चेकिंग कराई गई और फिर बैग को उचित स्थान पर लाकर बम को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू की गई।

'विस्फोट' ने निकाली सबकी जान

बम निरोधक दस्ते के प्रक्रिया शुरू करते ही बैग के पास एक छोटा सा विस्फोट हो गया। इससे उसके भीतर रखी लोहे की रॉड छिटककर लगभग फ्0 मीटर दूर आकर गिरी। इस विस्फोट से वहां मौजूद सभी लोगों की एक बारगी जान निकल गई।

सवा घंटा लगा 'बम' नष्ट करने में

इस पूरी प्रक्रिया में दस्ते को लगभग सवा घंटा लगा। दस्ते ने बैग का रहस्य सुलझाया तो उसमें एक लोहे की रॉड और कुछ ईटें रखी हुई निकली। बैग में विस्फोटक नहीं था, यह जानकर सभी ने राहत की सांस ली। करीब डेढ़ घंटे बाद वहां का यातायात सुचारू किया गया।

गोपनीय रखी गई थी मॉक ड्रिल

हैरानी वाली बात यह रही कि मॉक ड्रिल को बेहद गोपनीय रखा गया था। इस मॉक ड्रिल के बारे में स्थानीय पुलिस को भी नहीं बताया गया था। जिसके चलते पुलिसकर्मी पूरी तरह से असली बम होने के अंदेशे में मामले को संभालते दिखाई दिए।

इलाके की बिजली रही गुल

बम मिलने की सूचना पर की गई कसरत को बिल्कुल असल तरीके से अंजाम दिया गया। बैग एक ट्रांसफार्मर के पास रखा गया था। जिसे देखते हुए पुलिस ने यूपीपीसीएल के जरिए इलाके की बिजली सप्लाई भी बंद करा दी थी।

पर इस लापरवाही का क्या

- बम मिलने की मॉक ड्रिल में तो पुलिस की मुस्तैदी और बम निरोधक दस्ते की तेजी के बावजूद कई कमियां दिखाई दीं।

- बम मिलने के स्थल से बेरिकेडिंग भ्0 मीटर से भी कम दूरी पर लगाई गई थी, जिसे असली बम को निष्क्रिय करते हुए विस्फोट होने की स्थिति में बेहद कम कहा जा सकता है।

- हाल के दिनों में आतंकी हमलों में यूज किए गए रिमोट बम या टाइमर बम के ट्रेंड को देखते हुए भी सवा घंटे का समय बहुत ज्यादा कहा जा सकता है।

यह भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड को देखते हुए पुलिस की मुस्तैदी जांचने को मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी। सूचना पर बम निरोधक दस्ते और पुलिस का रिस्पांस टाइम बिल्कुल सही रहा। इसी प्रकार बम नष्ट करने की प्रक्रिया को भी महज ब्0 से ब्भ् मिनट में पूरा कर लिया गया।

- अजय सिंह, पुलिस अधीक्षक नगर

Posted By: Inextlive