- पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान आचार संहिता के 26 मामले किये गए दर्ज

- पांच दर्जन से ज्यादा लोगों को बनाया गया अभियुक्त, 21 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल

- बीते पांच सालों से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी कई मामलों में अब तक जारी है ज्यूडिशियल इंक्वॉयरी

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KANPUR : चुनाव आयोग की ओर से स्पष्ट दिशा-निर्देशों के बाद भी शहर में आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है। उल्लंघन के आरोप में अब तक दो राजनैतिक पार्टियों के उम्मीदवारों के खिलाफ एक्शन भी हो चुका है। पिछले चुनावों के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो कानपुर में आचार संहिता के उल्लंघन का ट्रैक रिकॉर्ड बेहद खराब है। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में आचार संहिता का जमकर उल्लंघन किया जा चुका है।

हर चुनाव में इजाफा

लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इलेक्शन ऑफिस की रिपोर्ट इस बात की बानगी भर है। पिछले दो चुनावों के दौरान कुल ख्म् बार आचार संहिता का उल्लंघन हुआ। इलेक्शन ऑफिसर्स ने सन-ख्009 लोकसभा चुनाव में कुल 7 जबकि विधानसभा-ख्0क्ख् चुनाव में कुल क्9 मामले पकड़े। इन सब मामलों में कुल म्9 अभियुक्तों को नामित किया जा चुका है।

अब तक विचाराधीन

चुनावी नियम-कानूनों के उल्लंघन में फंसने वाले ख्क् अभियुक्त आज तक कार्यवाही झेल रहे हैं। इन सब मामलों की ज्यूडिशियल इंक्वॉयरी जारी है। डिप्टी इलेक्शन ऑफिसर शत्रुघन सिंह ने बताया कि पिछले दोनों चुनावों में ख्क् मामलों में आरोप पत्र भी दाखिल किये जा चुके हैं।

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आचार संहिता उल्लंघन के मामले :

लोकसभा चुनाव-ख्009

अपराध संख्या - 7

कुल नामित अभियुक्त - ख्0

आरोप पत्र - ब्

फाइनल रिपोर्ट -फ्

विचाराधीन - ब्

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विधानसभा चुनाव-ख्0क्ख्

अपराध संख्या - क्9

कुल नामित अभियुक्त - ब्9

आरोप पत्र - क्7

फाइनल रिपोर्ट -ख्

विचाराधीन - क्7

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आचार संहिता उल्लंघन में कार्यवाही -

आचार संहिता का करना उल्लंघन पब्लिक रिप्रेजेंटेशन एक्ट-क्9भ्क् के अन्तर्गत आता है। इसमें दोष साबित होने पर नामित अभियुक्त के खिलाफ एक्ट की धारा क्ख्फ् (ए) व 77 (ए) के तहत कार्यवाही का प्रावधान है। नियमों का उल्लंघन करने पर सजा व उसका प्रकार -

-क्7क् (ई) आईपीसी - वोटर्स को रिश्वत दिया तो क् साल की कारावास, जुर्माना अथवा दोनो।

-धारा-क्7क् (एफ) आईपीसी - वोटर्स पर धनबल पर अनुचित प्रभाव डालने पर एक साल का कारावास या जुर्माना अथवा दोनों।

-धारा-क्7क् (बी) आईपीसी - वोटर को अपने पक्ष में करने को धन का लालच देना।

-धारा क्7क् (सी) आईपीसी - धन-बल के अनुचित प्रभाव से वोटर को अपने पक्ष में प्रभावित करना।

वर्जन-वर्जन

चुनाव आयोग की क्लियर-कट गाइडलाइंस हैं कि आचार संहिता के उल्लंघन मामलों की जल्द से जल्द जांच करवाकर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। इसीलिए हमने इलेक्शन कंट्रोल रूम भी सेटअप किया है, जहां कोई भी व्यक्ति आचार संहिता उल्लंघन या चुनाव संबंधी अन्य शिकायतों की जानकारी दर्ज करा सकता है।

- शत्रुघन सिंह, डिप्टी इलेक्शन ऑफिसर

Posted By: Inextlive