- अगर जांच सीबीआई को ट्रांसफर हुई तो किस तरह की दिक्कतें आएंगी सामने, आई नेक्स्ट ने एक सीबीआई ऑफिसर से की पड़ताल

- इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और डॉक्यूमेंट्री प्रूफ ही बनेंगे सहारा

LUCKNOW: मोहनलालगंज में लैब अटेंडेंट की सनसनीखेज हत्या के मामले में समय बीतने के साथ ही जिस तरह से नये-नये तथ्य सामने आ रहे हैं और मृतका के परिजनों का भरोसा पुलिस से उठ रहा है, यही वजह है कि नाराज परिजनों ने बुधवार को हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन कर सीबीआई जांच की मांग की। परिजनों की मांग को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि आज नहीं तो कल यह घटना सीबीआई को ट्रांसफर हो ही जाएगा। ऐसी हालत में इस केस की जांच में आने वाली दिक्कतों को समझने के लिये आई नेक्स्ट ने सीबीआई के एक ऑफिसर से बातचीत की। इसी बातचीत के दौरान सामने आए बिंदुओं पर एक नजर

बॉडी डिस्पोज करना पड़ेगा महंगा

सीबीआई ऑफिसर नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि पोस्टमार्टम के बाद आनन-फानन में आधी रात जिस तरह से महिला की बॉडी का अंतिम संस्कार कराया गया, वह हैरान करने वाला है और इसका खामियाजा आगे की जांच को उठाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इस तरह के मामलों में बॉडी को कम से कम 7ख् घंटे तक सुरक्षित रखा जाता है। वहीं, उसके बाद बॉडी की अंत्येष्टि दाह संस्कार के जरिए नहीं बल्कि दफना कर करना उचित होता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि अगर मामले में कोई विवाद उठे तो भविष्य में दोबारा पोस्टमार्टम या फॉरेंसिक जांच के लिये बॉडी उपलब्ध होती है और सभी तरह के संदेहों का निराकरण हो सकता है। उन्होंने उदाहरण दिया कि ठीक ऐसे ही विवादित बदायूं कांड मामले में मृत मिली दोनों बहनों का दफनाकर उनका अंतिम संस्कार किया गया था।

सर्विलांस और डॉक्यूमेंट्री प्रूफ का सहारा

महिला की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किडनी की संख्या और उसकी उम्र को लेकर उठे विवाद के बारे में सीबीआई ऑफिसर कहते हैं कि बॉडी डिस्पोज होने के बाद अब इन संदेहों का निराकरण सिर्फ डॉक्यूमेंट्री प्रूफ के आधार पर ही हो सकता है। वे कहते हैं कि जिस तरह से पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छेड़छाड़ की खबरें आ रही हैं, तो इसकी क्या गारंटी है कि फॉरेंसिक सुबूतों से छेड़छाड़ न की गई हो। अब तो सिर्फ किडनी डोनेशन और उसके पति के शरीर में ट्रांसप्लांट के डॉक्यूमेंट ही इस सच से पर्दा हटा सकते हैं। इसके अलावा हत्याकांड में शामिल रहे लोगों की असल संख्या भी इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से सामने आ सकती है।

डीआईजी ने शासन से मांगा डॉक्टर्स का पैनल

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किडनी की संख्या और मृतका की उम्र को लेकर उठे विवाद पर डीआईजी नवनीत सिकेरा ने प्रदेश शासन को पत्र लिखा है। डीआईजी सिकेरा ने इस पत्र में शासन से मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और वीडियोग्राफी की जांच के लिये छह डॉक्टर्स का पैनल बनाने की गुजारिश की है।

सीबीआई जांच को लेकर प्रदर्शन

महिला मर्डर मामले में पुलिस के खुलासे से असंतुष्ट मृतका के देवर और अन्य परिजनों ने बुधवार को हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि इस सनसनीखेज घटना को कोई अकेला शख्स अंजाम नहीं दे सकता। परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस इस वारदात में शामिल रहे किसी रसूखदार को बचा रही है, इसलिए मामले की जांच तुरंत सीबीआई को सौंप देनी चाहिये।

Posted By: Inextlive