- 6 डॉट‌र्क्स के पैनल किया था पोस्ट मार्टम

- पीजीआई प्रशासन ने पुलिस को सौंपे रिकॉर्ड

- दो सदस्यी टीम ने शुरु की जांच

LUCKNOW: मोहनलालगंज में निर्भयाकांड में पोस्टमार्टम करने वाले और फॉरेन्सिक एक्सप‌र्ट्स की गर्दन फंसनी तय है। क्योंकि संजय गांधी पीजीआई प्रशासन ने पुलिस को जो कागजात सौंपे हैं उनसे स्थिति क्लियर हो जाएगी और गड़बड़ करने वाले फंस सकते हैं। पीजीआई प्रशासन की ओर से सौंपे गए कागजातों में महिला की फोटो, ट्रांसप्लांट की समरी और परमीशन के सभी कागज हैं। साथ ही सीएम के आदेश से गठित डीजी हेल्थ और डीजी मेडिकल एजूकेशन ने अपनी जांच शुरू कर दी है।

रात में ही ढूढ़ी गई थी फाइल

केस की गम्भीरता को देखते हुए पीजीआई प्रशासन ने देर रात में ही केस से जुड़ी फाइलों को ढूढ़ना शुरू कर दिया था। कर्मचारी देर रात तक रिकॉर्ड रूम में छानबीन करते रहे। तीन साल पुराना मामला होने के कारण सभी रिकॉर्ड मिलने में दिक्कत हो रही थी। सभी रिकॉर्ड मिलने के बाद डायरेक्टर प्रो। आरके शर्मा ने फाइल अपने पास रख ली। क्योंकि प्रो। आरके शर्मा ने ही पेशेंट की किडनी निकालने से लेकर ट्रांसप्लांटेशन में शामिल थे। सूत्रों के अनुसार सीओ कैंट स्वयं संजय गांधी पीजीआई गई और उन्होंने डायरेक्टर से सभी कागज मांगे। जिस पर उन्होंने सभी कागज उन्हें सौंप दिए। पीजीआई ने उन्हें ट्रांसप्लांट से रिलेटेड पूरी फाइल सील करके उनको सौंपी।

तो क्या जल्दबाजी में हुआ पीएम

पीजीआई की रिपो‌र्ट्स के अनुसार तो महिला की किडनी निकाली गई थी। इससे यह बात प्रूव होती है कि ट्रांसप्लांट करने वाली टीम ने जल्दबाजी में पुलिस की मर्जी के अनुसार रिपोर्ट बनाकर दी थी। बाद के लिए कोई साक्ष्य न बचे इसके लिए ही पुलिस ने आनन-फानन में रात क्ख् बजे ही डेड बॉडी का अंतिम संस्कार करा दिया। जबकि हिन्दू रीति रिवाजों के अनुसार सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार नहीं किया जाता।

पोस्ट मार्टम करने वाली टीम ने एक केजीएमयू व फारेन्सिक लैबोरेटरी के एक्सपर्ट के साथ ही चार डॉक्टर सीएमओ ऑफिस की बनाई टीम के थे। जिन्होंने सैम्पल पोस्ट मार्टम से लेकर सैम्पल कलेक्शन का काम किया।

जांच टीम भी पुलिस के भरोसे

सीएम के आदेश पर गठित डीजी हेल्थ और डीजी मेडिकल एजूकेशन की टीम भी पुलिस पर ही भरोसा किए बैठी है। वही पुलिस जिसने साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की और मनमाफिक रिपोर्ट तैयार कराई। डीजी के अनुसार पुलिस ने सभी साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए थे जिसके कारण जांच में देरी हो रही है। जब तक पीएम रिपोर्ट और वीडियो ग्राफी उन्हें नहीं मिलती है वे रिपोर्ट सही नहीं बना पाएंगे।

जांच शुरू कर दी गई है। अभी पुलिस की तरफ से सभी साक्ष्य नहीं मिले हैं। सभी साक्ष्य मिलने के बाद समय से रिपोर्ट दे दी जाएगी।

- डॉ। अमर सिंह राठौर, डीजी हेल्थ

Posted By: Inextlive