-इंटरनेशनल वूमन बॉक्सर मोनिका शॉन ने बताई मनमानी

-नेशनल गेम्स में खेलती तो भी लगाया जाता प्रतिबंध

DEHRADUN : बॉक्सिंग खेल में भी अब अंदर की पॉलिटिक्स प्लेयर्स पर भारी पड़ रही है। उत्तराखंड बॉक्सिंग एसोसिएशन तरफ से प्रतिबंध लगाए जाने पर वूमन बॉक्सर मोनिका का कहना है कि उन पर प्रतिबंध फेडरेशन की आपसी राजनीति का परिणाम है, यदि वह खेलती तब भी उन पर प्रतिबंध लगने की पूरी संभावना थी।

खेलने से इन्कार कर दिया

ऐसा होने पर उनका करियर पूरी तरह बर्बाद हो जाता। इसी डर के कारण वह खेलने नहीं उतरी। हाल ही मेंकेरल में संपन्न हुए नेशनल गेम्स में उत्तराखंड की दो वूमन बॉक्सर ने गेम्स से कुछ दिन पहले खेलने से इंकार कर दिया था। इस मामले में कार्रवाई करते हुए मंडे को उत्तराखंड बॉक्सिंग एसोसिएशन ने बॉक्सर प्रियंका चौधरी व मोनिका शॉन पर राज्य की ओर से खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया।

अपने पंच की छाप छोड़ चुकी हैं

अब वह राज्य की ओर से खेल सकेंगी और न ही राज्य की किसी इन्विटेशनल कॉम्पिटीशन में ही भाग ले पाएंगी। पूर्व में यह दोनों खिलाड़ी उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करती आई हैं। दोनों इंटरनेशनल लेवल पर अपने पंच की छाप छोड़ चुकी हैं। वर्तमान में दोनों रेलवे में कार्यरत हैं और रेलवे के लिए ही कॉम्पिटीशन में भाग लेती हैं।

लंबे समय से चल रहा विवाद

दरअसल, बॉक्सिंग इंडिया व इंटरनेशनल बॉक्सिंग संघ के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। नेशनल गेम्स से पहले भी वह व‌र्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप खेलकर लौटी थी। रेलवे की ओर से नेशनल गेम्स में प्रतिभाग नहीं किया गया तो उत्तराखंड बॉक्सिंग एसोसिएशन ने मेडल की चाह में दोनों ही खिलाडि़यों को बिना ट्रायल के नेशनल गेम्स में शिरकत करने जा रही अपनी टीम में शामिल कर लिया, लेकिन प्रतियोगिता में न खेलने के कारण इन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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प्लेयर्स को अगर नहीं खेलना था तो उन्हें पहले बताना चाहिए था, ताकि हम अपने और खिलाडि़यों को मौका देते। उनके कारण राज्य, टीम व एसोसिएशन को शर्मसार होना पड़ा। जिस कारण उन्हें अब राज्य टीम से खेलने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

-निर्वाण मुखर्जी, अध्यक्ष,

उत्तराखंड बॉक्सिंग एसोसिएशन

Posted By: Inextlive