ग्‍लोबल क्‍लाइमेट कंडीशंस मानसून को टर्बोचार्ज कर चुकी हैं। इसी के साथ्‍ा अब मानसून को अगले तीन से चार दिनों में कश्‍मीर तक पहुंचने के लिए गति मिल गई है। अब सिर्फ एक हफ्ते का इंतजार और उसके बाद पंजाब और हरियाणा जैसे राज्‍यों में भी कृषि गतिविधियों को तेजी मिलने वाली है। इसका मतलब यह है कि एक हफ्ते के अंदर मानसून पंजाब और हरियाणा में भी दस्‍तक देने को पूरी तरह से तैयार है।


अच्छी रही बारिश की शुरुआत  


जून के महीने में शुरू हुई मानसून की बारिश सामान्य से भी कहीं ज्यादा अच्छी रही। ऑस्ट्रेलिया से US तक के वैज्ञानिकों ने मौसम को लेकर यह भविष्यवाणी की है कि चार महीने में होने वाली 75 प्रतिशत बारिश्ा से देश में एक वर्ष के लिए सिंचाई और जल विद्युत उत्पादनों की मदद के लिए जलाशयों में पर्याप्त पानी भर जाएगा। एक जून से अब तक मानसून 16 प्रतिशत बारिश पहले ही कर चुका है। इसके बाद इस महीने के अंत तक इस आंकड़े के और भी ज्यादा मजबूत होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसका मतलब यह है कि जून के अंत तक बारिश और ठीक-ठाक तरीके से हो जाएगी। ऐसी खबर से बाजार को मंदी के डर से राहत मिलनी चाहिए। ऐसे में यह कह सकते हैं कि मानसून से पहले बाजार को लेकर जिस तरह की नकारात्मक भविष्यवाणियां की गईं थीं, अब उनका डर नहीं है।       MJO ने किया मजबूत

बादल की भूमध्यरेखीय प्रणाली और गड़बड़ी के कारण फलाउंड्रिंग मानसून को उत्प्रेरित कर दिया गया है। मैडेन जूलियन ऑस्कीलेशन (MJO) नाम के सिस्टम ने बारिश कराने वाले बादलों को इतना मजबूत कर दिया है कि इससे देशभर में शनिवार को 33 प्रतिशत और रविवार को 88 प्रतिशत बारिश्ा हुई। भारतीय मैट्रोलॉजी डिपार्टमेंट में मेट्रोलॉजी विभाग के डायरेक्टर जनरल लक्ष्मण सिंह राठौर कहते हैं कि MJO इस समय निश्चित तौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून को सक्रीय कर रहा है। IMD के हेड DS पाई कहते हैं कि MJO आने वाले दिनों में लंबे समय की भविष्यवाणी को कमजोर करने वाला है। हां ये हो सकता है कि मानसून को लेकर वह पुरानी भविष्यवाणियां अगले 30 से 60 दिन में मुड़कर वापस आए, लेकिन तब तक सब कुछ बदल चुका होगा। मानसून के और मजबूत होने की है उम्मींद US का जलवायु पूर्वानुमान केंद्र भारत में मानसून की स्थिति को और भी ज्यादा मजबूत होने की उम्मींद जताता है। 23 जून से होने वाली भविष्यवाणियों के लेकर कहा गया है कि डायनामिकल मॉडल और MJO कंपोजिट दक्षिण एशियाई मानसून की वृद्धि के पक्ष में है। इन हफ्तों के लिए यह कहा जा रहा है कि डायनामिकल मॉडल्स दक्षिण भारत को छोड़कर दक्षिण एशियाई मानसून की गति को बढ़ाने में सहयोग करेगा। इसी के साथ यह कह सकते हैं कि MJO इस प्रांत में वापस लौटते-लौटते दक्षिण एशिया मानसून में वृद्धि कर सकता है।   मौसम विभाग का है कहना

इसके शुरुआती दौर में मानसून ने अच्छी रफ्तार पकड़ी है। स्थितियां दक्षिण पश्चिम मानसून के अग्रिम भाग में आगे के लिए पूरी तरह से अनुकूल हैं। मौसम विभाग का कहना है ठीक ऐसा ही अगले 3-4 दिनों के दौरान उत्तरी अरब सागर के शेष भागों, गुजरात राज्य, छत्तीसगढ़, झारखंड, पूरे बिहार, उत्तराखंड, हिमांचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, उत्तर प्रदेश के कुछ भागों, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली व राजस्थान के लिए भी है। इसी के साथ अब ऐसी स्थिति का अनुमान लगाने में कोई गुरेज नहीं है कि आने वाले दिनों में मानसून और भी ज्यादा बेहतर स्थिति में होगा।Hindi News from Business News Desk

Posted By: Ruchi D Sharma