मोनू पहाड़ी का प्रोफाइल

KANPUR : पुलिस ने रिकार्ड में मोस्ट वांटेड मोनू पहाड़ी की हिस्ट्रीशीट ख्ख् साल की उम्र में खुल गई थी। उसकी हिस्ट्रीशीट का नम्बर क्88ब्/ए है। उसका पता 9क्/99 दलेलपुरवा अनवरगंज है। उसके पिता नासिर अली की रिक्शा कम्पनी थी। उसकी दो भाई नाजिम अली और आशू पुलिस के डर से मुंबई में रहते है। उसकी मां शहनाज बेगम घरेलू महिला है। उसकी तीन बहने गुलनाज बेगम, शहनाज और गौशिया अविवाहित है। उसको मामा चकेरी निवासी शोयेब, मो। अहमद, मौसी, शमीम बानो, चाचा महफूज और पप्पू है।

गैंग के सदस्य और उनकी भूमिका

शहर में छोटी से उम्र में ही जरायम की दुनिया में कदम रखने वाले मोनू ने कुछ ही दिनों में अपना गैंग बना लिया था। उसकी हिस्ट्रीशीट के मुताबिक उसके गैंग में हीरामन का पुरवा में रहने वाले शफीक ढपाली का बेटा शरीफ ढपाली, पनकी साहब नगर निवासी पप्पू खटिक उर्फ संजय सोनकर, हीरामन का पुरवा का शानू चिकना उर्फ शानू वाईकर, मियां मुनक्कू, छोटे मिया का हाता का रेहान उर्फ गुड्डू, हीरामन पुरवा के आफाक सुनहरा और अखलाख, चमनगंज का कालू उर्फ कार्लोस, नाला रोड का नौशाद, शेरू, रईस बनारसी, बाबूपुरवा का बबुआ झाड़ूवाला, शाह आलम और शानू उर्फ मोटा है। जिसमें मोनू सबसे ज्यादा भरोसा शानू चिकना, मिया मुनक्कू और रेहान उर्फ गुड्डू पर करता था। गैंग में पप्पू खटिक भाड़े पर हत्या, लूट, अपहरण और फिरौती वसूलता है। शानू चिकना गैंग के सदस्यों को गाड़ी और असलहे उपलब्ध करता है, जबकि रेहान किसी भी सदस्य के जेल जाने पर उसकी जमानत का इंतजाम करता है। वहीं, मिया मुनक्कू, आफाक सुनहारा और अखलाख सुनहरा गैंग के सदस्यों को फरारी के समय छुपने का इन्तजाम करता है।

दिनदहाड़े हत्या करने का था शौक

मोस्ट वांटेड मोनू पहाड़ी दिनदहाड़े मर्डर करता था, ताकि उसकी दहशत शहर में फैल जाए और उसको रंगदारी मिलने लगे। उसने सबसे पहले डी-ख् गैंग के सरगना से सुपारी लेकर हिस्ट्रीशीटर लाला हड्डी को दिनदहाड़े गोली मार दी थी। उसने लाला हड्डी को सात गोलियां मारी थी। इसके बाद उसने मूलगंज चौराहे में सरेआम हसीन टुण्डा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसने हसीन को पांच गोलियां मारी थी। उसने स्मैक तस्कर से सुपारी लेकर भरी बाजार में चौरसिया की हत्या की थी। उसने चौरसिया के आठ गोलियां मारी थी। इस दौरान उसका जूही निवासी निहा से लव अफेयर हो गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, तो उसका साथी हिस्ट्रीशीटर बरखुरदार उसकी प्रेमिका के घर जाने लगा। जिसका पता चलने पर मोनू कचहरी में पेशी के दौरान पुलिस कस्टडी से भाग गया। जिसके कुछ दिनों बाद उसने जूही में भरी दोपहर में निहा की गोली मारकर हत्या कर दी। वो उससे इतनी नफरत करने लगा था कि उसने निहा के सात गोली मारी थी। जिसमें छह गोलियां उसने निहा के गुप्तांग में मारी थी। इसके बाद उसने हिस्ट्रीशीटर बरखुरदार की सात गोली मारकर हत्या की। जिसमें उसने तीन गोलियों उसके चेहरे में मारी थी। इन दोनों मर्डर से उसकी दहशत और बढ़ गई। वो नवीन मार्केट समेत अन्य बाजारों में जाकर रंगदारी वसूलने लगा। इसके बाद उसने एसएसपी ऑफिस के पास वीआईपी रोड में सुबह क्क्.फ्0 बजे हिस्ट्रीशीटर शानू ओलंगा की गोली मारकर हत्या कर दी। जिसके बाद से वो फरार है।

पूर्वाचल के एक बाहुबली के संपर्क में था

शहर में मोनू पहाड़ी के आतंक से कारोबारी परेशान थी। वो वसूली से तंग आकर कारोबारियों के एक गुट ने आला ऑफिसर्स के शिकायत की थी। उस पर पचास हजार का ईनाम भी घोषित कर दिया। पुलिस उसको एकाउंटर करने के लिए ढूढ़ने लगी, तो वो बनारस भाग गया। वहां पर वो रईस बनारसी के जरिए एक बाहुबली के संपर्क में आ गया। उसने वहां पर बाहुबली के कहने पर कई वारदात को अन्जाम दिया है।

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इसरार पागल के तेवर को देखकर बना था अपराधी

दलेलपुरवा का मोनू पहाड़ी स्कूल में पढ़ाई में कमजोर था। वो बचपन में ही बुरी संगत में पड़कर बिगड़ गया था। उसको क्फ् साल की उम्र में पुलिस ने मकान के विवाद में गिरफ्तार किया था। उसको बाल सुधार गृह में रखा गया था। जहां से वो कुछ दिनों बाद भाग गया था। जिसके बाद से वो हिस्ट्रीशीटर इसरार पागल के साथ जुड़ गया। उसने इसरार पागल के तेवर और रसूख को देखकर उसी तरह का बड़ा अपराधी बनने का इरादा कर लिया। इसके बाद उसने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। कुछ दिनों बाद इसरार शहर छोड़कर गया, तो वो गैंग की कमान मोनू पहाड़ी को दे गया। बस यहीं से मोनू पहाड़ी जरायम की दुनिया में कदम रख दिया। उसने जल्दी रुपए कमाने की हवस में सानू बॉस के साथ मिलकर भाड़े में हत्या करने लगा। उसने रफीक के कहने पर कई मर्डर किए। उसने छह महीने में चकेरी से लेदर कारोबारी और श्यामनगर के वारदाना कारोबारी को अगवा कर मोटी फिरौती वसूल ली। जिससे उसने इतनी दहशत बना दी कि कारोबारी उसे रंगदारी देने लगे। वो ब्याज में रुपए बांटने लगा।

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शहर के मोस्ट वांटेड मोनू पहाड़ी के लिए जेल भी घर की तरह है। उसकी जेल में भी इतनी पकड़ है कि वो वहां से भी गैंग को आपरेट कर सकता है। वो कई बार जेल जा चुका है। उस दौरान वो जेल में बंदियों को व्याज में रुपया बांटता था। उसकी जेल में तूती बोलती है। उसके कई साथी वहां पर पहले से बन्द है। उसके खौफ से कोई बंदी मुंह खोलता नहीं है। वहीं, वो रुपए के दम पर जेल प्रशासन को भी सेट कर लेता है। इसके अलावा वो जब चाहता है। पुलिस कस्टडी से भाग जाता है। वो क्फ् साल की उम्र में बच्चा जेल से भाग गया था। वहीं, वो कचहरी में पेशी के दौरान पुलिस को गच्चा देकर भाग गया था। वहीं, जेल में उसकी मुखबिरी करने वाले हिस्ट्रीशीटर टायसन के भी चेले है। ऐसे में जेल में वो मारपीट कर सकता है।

मोनू पहाड़ी उर्फ राशिद भ्0 हजार रुपये का इनामी बदमाश है। इस पर कानपुर में लूट, फिरौती और हत्या समेत एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। ख्0क्क् में हुई शानू ओलंगा की हत्या में भी यह शामिल था। इसे कानपुर के नौबस्ता थाना अंतर्गत मछरिया इलाके से गिरफ्तार किया गया है।

-अमित पाठक,

एसएसपी, एसटीएफ।

Posted By: Inextlive