आजकल पूरे भारत में गोमांस समेत और भी कई विवाद छाए पड़े हैं। जिससे इसकी आवाज अब विदेशों तक पहुंच रही हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने इसे लेकर ऐलान किया है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हित में नहीं है। इससे भारत में विदेशी निवेशकों का भरोसा टूट सकता है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता खत्म होने का जोखिम भी दिख रहा है।


विवादों से दूर रखे


अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने इन दिनों भारत में गोमांस व हर दिन होने वाले नए नए विवादों के बारे मोदी सरकार को चेता रही है। वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज की विश्लेषण इकाई ने ऐलान किया है कि ये आए दिन भारत में उठ रहे गोमांस विवादों का असर काफी बुरा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पार्टी के सदस्य भी बेलगाम होते जा रहे हैं। जो उनके प्रभाव पर असर डाल रहे है। इसका खामियाजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को उठाना पड़ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही अपने को विवादों से दूर रखे हैं और अपने विचारों को लोगों के सामने बयां कर रहे हैं, लेकिन देश में उपजे तनाव से उनकी साख पर असर पड़ रहा है।  इधर पिछले कुछ महीनों से देश में अल्पसंख्यक समुदायों को उन्मादी तरीके से उकसाने से सामुदायिक तनाव पैदा हुए हैं। जो देश और उनकी सरकार के हित में नही है।सकल घरेलू उत्पाद

रिपोर्ट के मुताबिक देश में ऐसे हालातों से घरेलू एवं वैश्विक विश्वसनीयता खोने का जोखिम है। इसके साथ ही निवेशक यहां पर निवेश करने से भी कतराएंगे। सबसे खास बात तो यह है कि मूडीज ने इसके साथ ही यहां की तिमाही पर भी अपना अनुमान जताया है। मूडीज के मुताबिक सितंबर की तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहेगी जबकि पूरे वित्त वर्ष के दौरान 7.6 प्रतिशत रहेगी। बताते चलें कि मूडीज कार्पोरेशन की आर्थिक अनुसंधान एवं विश्लेषण शाखा मूडीज ऐनेलिटिक्स करती है। ऐसे में वह भारत के हालिया राजनीतिक विवादों पर टिप्पणी करने वाली पहली प्रमुख वैश्विक संस्था है।

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Posted By: Shweta Mishra