-संत मोरारी बापू ने कहा, टीकाकरण में कोई हर्ज नहीं

BEGUSARAI/PATNA: जीवन के विकास के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य की जितनी जरूरत है उतनी ही संस्कार की भी है। उत्कृष्ट ज्ञान, स्वस्थ तन और मन विकास की प्रथम सीढ़ी है। यह बातें संत मोरारी बापू ने सिमिरया गंगा घाट पर छठे दिन कही। मोरारी बापू ने कहा कि आज भी गांवों में आर्थिक तंगी के कारण मां-बाप मजदूरी के लिए निकल जाते हैं, जिससे वच् बच्चे की पढ़ाई पर ध्यान ही नहीं दे पाते हैं। इस वजह से काफी संख्या में गरीब आज पिछड़ा है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक शोध का लाभ उठाना चाहिए। कुछ लोग विभिन्न प्रकार के टीके नहीं लगवाते। जबकि टीका स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।

कविताओं पर तालियां बजाते रहे बापू

कवियों के नाम कार्यक्रम में लखनऊ की कविता तिवारी, मेरठ के सौरव जैन सुमन, अनामिका जैन अंबर, विनोद पॉल और एंकर रवि रंजन शामिल हुए। मुख्य यजमान विपीन ईश्वर के पुत्र अनिकेत ईश्वर, सुभाष कुमार ईश्वर कंगन, हैदराबाद से आए रामगोपाल चौधरी ने पच्ष्पगुच्छ से सम्मानित किया।

ताली ध्वनि नहीं आपका आशीर्वाद

कविता ठाकुर ने अपनी देश भक्ति, आज के राजनीतिक हालात में आम व्यक्ति की क्या धार होनी चाहिए और एक बेटी की जो जन्म लेने से पहले मां की कोख से पिता-माता और प्रभु को निवेदन करती है कि प्रस्तुति ने दर्शकों सहित बापू को भी मंत्र मुग्ध कर दिया। बापू ने उपस्थित दर्शकों से कहा ताली ध्वनि नहीं आपका आशीर्वाद है। आपकी तालियां ही हमारी उन्मुक्त आवाज हैं। कविता ठाकुर की प्रमुख कविता रही, किसी ने सह दिया किसी ने मात दे दी है, विधाता ने सबों को कुछ न कुछ बात दे दी है, आपको जिसने काव्य सुनने की ललक जगा डाली, उसी ने हमको काव्य पढ़ने की ललक जगा डाली, लोकहित में उठी वाणी सदा अपनायी जाएगी, मनुष्यता ही है मजहब बात यही समझी जाएगी, मगर कविता हरेक युग में जानी जाएगी।

Posted By: Inextlive