- टीवी सीरियल्स में निगेटिव रोल्स दिखाए जाने पर एक्ट्रेस उर्मिला शर्मा ने रखे बेबाक विचार

- द वॉर्डरोब डिजाइनर बुटीक पर कलेक्शन देखने पहुंचीं एक्ट्रेस उर्मिला शर्मा

टीवी सीरियल्स में निगेटिव रोल्स दिखाए जाने पर एक्ट्रेस उर्मिला शर्मा ने रखे बेबाक विचार

- द वॉर्डरोब डिजाइनर बुटीक पर कलेक्शन देखने पहुंचीं एक्ट्रेस उर्मिला शर्मा

DEHRADUN : dehradun@inext.co.in

DEHRADUN : निगेटिव किरदार तब तक अधूरे हैं, जब तक वो दर्शकों की नफरत न बटोर लें। किरदार तभी जीवंत होता है, जब दर्शक आपको उसी रूप में स्वीकार न कर लें यह कहना है टीवी एक्ट्रेस उर्मिला शर्मा का। साल ख्0क्फ् की बिग हिट मूवी 'रांझणा' में एक्टर धनुष की मां का रोल निभाने वाली और अपनी लाइफ की लंबी इनिंग निगेटिव किरदारों के नाम कर चुकी एक्ट्रेस उर्मिला शर्मा थर्सडे को दून पहुंची। अपनी फ्रेंड अंजली त्यागी के डिजाइनर बुटीक द वॉर्डरोब पर विजिट के दौरान वह मीडिया से रूबरू हुई। इस मौके पर उन्होंने अपने किरदारों को लेकर बेबाकी से विचार रखे।

फिल्मी करियर कैसे स्टार्ट हुआ?

एजुकेशन राजस्थान से हुई। शादी के बाद कोलकाता सेटल हो गए। कभी सोचा नहीं था कि इस फील्ड में आना होगा। साल ख्00फ् में कोलकाता में शौकिया एक पोर्टफोलियो बना दिया, इसी दौरान कुछ डायरेक्टर्स को फोटोग्राफ पसंद आ गई। बस तभी एक वीडियो एल्बम से करियर स्टार्ट हुआ।

आपने अब तक किस तरह के रोल किए हैं?

देखिए, मेरा मानना है कि किरदार कोई भी हो कलाकार के लिए सभी एक जैसे होते हैं। इसलिए मैने कभी सोचा नहीं कि किरदार कैसे करने चाहिए। जिस तरह के किरदार मिले मैंने उन्हें बखूबी निभाने की कोशिश की। मेरे ज्यादातर किरदार निगेटिव रोल्स से जुड़े रहे हैं।

निगेटिव रोल्स की छवि क्या असल जिंदगी में परेशान करती है?

नहीं, अगर कोई मेरे निगेटिव रोल के लिए कोई मुझे बुरा समझे यह मेरे लिए अवॉर्ड की तरह है। किसी भी कलाकार के लिए उसके किरदार ही पहचान होते हैं। निगेटिव रोल्स दर्शकों की नफरत न कमाएं तो मेरे नजरिए में वो किरदार बेकार है। कई बार लोग मिलते हैं, किरदारों को लेकर बात करते हैं। असल जिंदगी में जब लोग मुझसे मिलते हैं तो मेरे किरदारों से एकदम उलट पाते हैं।

दर्शकों को क्या मैसेज देना चाहेंगी ?

आज समाज को ओर बेहतर बनाने के लिए शिक्षा की बेहद जरूरत है। महिलाओं को सशक्त बनाना जरूरी है, ताकि वह अपनी एक नई पहचान बना सकें। आज भी देश में कई इलाकों में सुविधाएं नहीं है, ऐसे में लोगों को जागरुक होने की जरूरत है। समाज शिक्षित होगा तो जागरुकता आएगी।

Posted By: Inextlive