कागज में प्रजेंट, हकीकत में अब्सेंट
-जिले में तैनात दो दर्जन से अधिक डॉक्टर डिप्लोमा और डिग्री की कर रहे पढ़ाई
- बिना डॉक्टर चल रहे हैं कई केंद्र, इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं मरीज vineet.tiwari@inext.co.in ALLAHABAD: प्रशासनिक बैठक में स्वास्थ्य विभाग दिखाता है कि सभी हॉस्पिटल में डॉक्टरों की तैनाती पूरी है। लेकिन रिकॉर्ड में भरे दिखने वाले पद असलियत में खाली हैं। यहां पर तैनात डॉक्टर डिग्री और डिप्लोमा की पढ़ाई में बिजी हैं। सरकारी नियम की आड़ में इन डॉक्टर्स की की नौकरी तो सलामत रहती है, लेकिन धक्का खाते हैं मरीज। जिले में भी दो दर्जन से अधिक ऐसे पद हैं जो कागजों में तो प्रजेंट हैं, लेकिन असलियत में अब्सेंट हैं। पीजी में बिजी हैं डॉक्टर साहबफिलहाल, स्वास्थ्य विभाग में जिले में 242 पद डॉक्टरों के हैं। इनमें से 33 डॉक्टर इस समय पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री और डिप्लोमा की पढ़ाई के लिए लंबी छुट्टी पर हैं। यह कोर्स दो से तीन साल के होते हैं। ऐसे में इनके पद खाली पड़े हैं लेकिन तैनाती दर्शाई जा रही है। जिन स्वास्थ्य केंद्रों पर इनकी तैनाती है वहां पर मरीज निराश होकर लौटने को मजबूर हैं।
कहां पड़े हैं कितने पद खाली सीएचसी खाली पदकौडि़हार 1
सोरांव 1 बहरिया 2 धनुपुर 1 हंडिया 1 चाका 2 जसरा 1 कौंधियारा 2 करछना 1 न्यू पीएचसी खाली पद सीताकुंड 1 गारापुर 1 धरौता 1 कनेहटी 2 बीबीपुर 1 हरीपुर मुर्रो 1 कटहरा 1 बमैला 1असडि़या 1
जारी बाजार 1 (इसी तरह लालपुर भटपुरा, देवरा, बराव, बीरपुर, धरवारा, सिरसा, इटवाकला, कड़ेकर आदि में भी एक-एक पद खाली हैं) 242 जिले में कुल डॉक्टरों के पद 00 रिक्त पद 33 डिग्री या डिप्लोमा करने वाले डॉक्टर यहां तो संविदा डॉक्टर बने हैं पालनहार जिन न्यू पीएचसी में केवल एक पद हैं वहां से पीजी कर रहे डॉक्टरों की जगह स्वास्थ्य विभाग संविदा डॉक्टरों से काम चला रहा है। यह सभी आयुर्वेद या होम्योपैथी के होते हैं। ऐसी स्थिति में मरीजों को किसी तरह इलाज मुहैया कराया जाता है। जहां डॉक्टर्स नहीं होते हैं वहां के मरीज आसपास के स्वास्थ्य केंद्रों पर जाते हैं या प्राइवेट हॉस्पिटल में अपना इलाज कराते हैं। इसमें कुछ नहीं किया जा सकता। नियम में है कि वह तीन साल तैनाती के बाद आगे का कोर्स कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अवकाश मिलता है। जो पद खाली हो जाते हैं उनको संविदा के जरिए भरा जाता है। -डॉ। सतेंद्र राय, एसीएमओ, स्वास्थ्य विभाग