KANPUR: पक्षियों की चहचहाट हिरणों के झुंड और चारों तरफ हरियाली ही हरियाली. वेडनेसडे को मॉर्निंग वाकर्स जब जू पहुंचे तो ऐसा ही नजारा उनके सामने था. चारों ओर ऐसा माहौल कि वापस जाने का मन ही नहीं कर रहा था. दरअसल वेडनेसडे को जू में मॉर्निंग वाकर्स के लिए हिरण सफारी के गेट खोल दिए गए. जू डायरेक्टर ने सफारी का इनाग्रेशन करने के बाद खुद भी वॉकर्स के साथ ताजी हवा में वॉक किया.


7 साल बाद खुले गेटकरीब 65 लाख की लागत से जू सफारी को 2005 में तैयार कर विजिटर्स के लिए खोल दिया गया था। लेकिन योजना फ्लॉप हो गई और 6 महीने में ही सफारी के गेट बंद हो गए। वेडनेसडे को जू डायरेक्टर ने 7 साल बाद फिर से मॉर्निंग वॉकर्स के लिए हिरण सफारी के गेट खोल दिए हैं। डायरेक्टर के थॉमस के मुताबिक, अगर कारपुराइट्स का सपोर्ट मिला तो अब प्रोजेक्ट बंद नहीं होगा। वाह, मजा आ गया


वेडनेसडे को सुबह 7 बजे हिरण सफारी के गेट पर जू स्टॉफ और काफी संख्या में मॉर्निंग वाकर्स इकट्ठा हुए। जू डॉयरेक्टर ने जैसे ही रिबन कट किया सभी ने हिरण सफारी के अंदर जाने के लिए कदम बढ़ा दिए। 1.5 किमी के रन में वाकर्स सफारी के अंदर की हर स्पेशियलिटी को करीब से महसूस कर रहे थे। सफारी के अंदर बने पिकनिक टॉवर, पुल और रेस्ट वेन्यू को बहुत पसंद किया गया।आप भी कर सकते हैं सैर

हिरण सफारी में आप भी मॉर्निंग वॉक का मजा उठा सकते हैं। जू डायरेक्टर ने बताया कि जू में मॉर्निंग वाक के लिए मंथली 50 व एनुअल 500 रुपए का पास बनाया जाता है। पास को बनवाने के लिए आपको आईडी प्रूफ के साथ दो फोटो देनी होती हैं। अभी जू में 200 से अधिक मार्निंग वाकर रजिस्टर हैं। अभी नहीं जा सकेंगे विजिटर्सहिरण सफारी के गेट भले ही मॉर्निंग वॉकर्स के लिए गेट खोल दिए गए हों, लेकिन अभी जू विजिटर्स सफारी की सैर नहीं कर पाएंगे। जू डायरेक्टर के थॉमस ने बताया कि जून में एक नेचुरलिस्ट को अप्वाइंट किया जाएगा, जिसके  बाद ग्रुप में ही विजिटर्स को घूमने दिया जाएगा। डॉयरेक्टर के थॉमस के मुताबिक सफारी के अंदर जहरीले जीव-जंतु का खतरा है। विजिटर्स की सेफ्टी के बाद ही उनको जाने दिया जाएगा। सफारी की स्पेशलिटी- 36 हेक्टेयर का स्पेस- 1.5 किमी का पाथ वे- पिकनिक टॉवर- लेक में 100 से अधिक मगरमच्छ- लेक के पास डिफरेंट बड्र्स- 300 से ज्यादा हिरणWalkers' suggestions- पानी की व्सवस्था की जाए- पाथ-वे व पुल का रेनोवेशन- कॉसन बोर्ड लगाए जाएं- 3 रूट्स हैं जिसके नाम डिफरेंट बड्र्स के नाम पर हों "पहले हम सफारी के अंदर बर्थ-डे सेलीब्रेट करते थे। कई और आकेजन पर भी एक साथ होते थे। ये सब आज बहुत याद आ रहा है। "आरएल शर्मा

"नेचुरल है इसे नेचुरल ही रहने दिया जाए। अगर कोई कंस्ट्रक्शन किया गया तो सुंदरता पर फर्क पड़ेगा। "आनंद गुप्ता"सचमुच जंगल जैसा लुक है। ग्रुप के साथ वॉक करना तो अच्छा लगता है, लेकिन थोड़ी सेफ्टी बढ़ानी चाहिए। "आईआर सिंह"हमें गर्व होना चाहिए कि हमारी सिटी में ऐसी जगह है। इसे रेग्युलर चलाने के लिए पब्लिक का सपोर्ट जरूरी है."शीला सिंह"न्यूज पेपर्स में सुना था। तब से वेट कर रही थी कि  गेट कब खुलेंगे। अब रेग्यूलर मॉर्निंग वॉक पर आउंगी। "अलका गुप्ता"नेचुरलटी है। लेकिन अभी विजिटर्स के प्वाइंट ऑफ व्यू से थोड़ा रेनोवेशन जरूरी है। "सुनील चहल"मॉर्निंग वाकर के लिए पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। लेकिन सुना है कि मॉर्निंग वाकर्स ने मिलकर वॉटर कूलर दिया है। इसी तरह का सपोर्ट मिलने से यहां के एडमिनिस्ट्रेशन का आत्मविश्वास बढ़ेगा."पूनम चहल

Posted By: Inextlive