Kanpur: आप ताजी हवा में मॉर्निंग वाक करने निकलें और चारों ओर दौड़ते हिरन चहचहाते पक्षी व झील में तैरते क्रोकोडाइल्स का नजारा दिखाई दे तो कैसा महसूस करेंगे? जाहिर सी बात है तबियत खुश हो जाएगी और दिल को सुकून आ जाएगा. जल्द ही आपकी ये ख्वाहिश पूरी होने जा रही है. कानपुर जू मई फस्र्ट वीक में मॉर्निंग वाकर्स के लिए हिरन सफारी के गेट खोल देगा. जिसके बाद सैकड़ों मॉर्निंग वाकर्स को ये सुखद अनुभव मिल सकेगा. तो फिर हो जाइए तैयार एडवंचर्स के साथ सुबह की ताजा हवा का लुत्फ लेने के लिए. क्योंकि ये हवा आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है.

कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं
जू डॉयरेक्टर के थॉमस ने बताया कि जू में लगभग 500 मॉर्निंग वाकर्स रेग्युलर आते हैं। जिनसे जू एडमिनिस्ट्रेशन मंथली 50 रुपए और एनुअल 500 रुपए चार्ज करता है। अब ये वॉकर्स हिरन सफारी के अंदर भी वॉक कर सकेंगे। इसके लिए कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लिया जाएगा। मॉर्निंग वॉक के लिए हिरन सफारी खुलने को लेकर वॉकर्स काफी एक्साइटेड हैं। इस सुविधा से वाकर्स की संख्या में बढ़ोतरी भी होगी। विजिटर्स भी अटै्रक्ट होंगे।

कर ली गई पूरी तैयारी
हिरण सफारी को रेनोवेट करने की तैयारी फरवरी लास्ट वीक से चल रही है। जू में इधर-उधर घूमने वाले 300 ओपेन हिरण को सफारी में पहुंचाकर चारो ओर की टूटी जालियों को सही कर दिया गया है। ताकि हिरण सफारी से बाहर न आ सकें। इसके साथ सफारी के अंदर साफ-सफाई भी कर दी गई है। जू डायरेक्टर के मुताबिक मार्निंग वाकर पूरी तरह से जू के एरिया से वाकिफ हैं, इसलिए पहले सफारी को मॉर्निंग वाकर्स के लिए ही खोला जाएगा।

कोई रिस्क नहीं
हिरण सफारी को मॉर्निंग वॉकर्स के लिए खोलने के इंतजाम भले ही पूरे कर लिए गए हों, लेकिन जू विजिटर्स अभी सफारी की सैर नहीं कर पाएंगे। जू डायरेक्टर के थॉमस ने का कहना है कि जून में एक नेचुरलिस्ट को अप्वॉइंट किया जाएगा, जिसके  बाद ग्रुप में ही विजिटर्स को घूमने दिया जाएगा। क्योंकि सफारी के अंदर जहरीले जीव-जंतु का खतरा है। इसलिए बिना सेफ्टी के विजिटर्स को अंदर जाने का रिस्क नहीं लिया जा सकता।

दो भागों में बटेगी ‘लेक’
हिरण सफारी में बनी लेक को दो हिस्सों में बांटा जाएगा। इससे लेक में मौजूद क्रोकोडाइल एक तरफ आ जाएंगे। जू डायरेक्टर के थॉमस कि मानें तो इससे अलग-अलग किस्म के पक्षी अपना डेरा जमाएंगे और सफारी के अंदर की सुंदरता बढ़ेगी। हलांकि इसकी शुरुआत कर दी गई है। सफारी के अंदर बनी लेक पर लगातार पानी भरा जा रहा है। जिससे सुबह-शाम पक्षियों की संख्या बढ़ रही है।

बाल ट्रेन भी गुजरेगी सफारी से
जू में चलने वाली बाल रेल ट्रेन को सफारी के अंदर से ले जाने की प्लानिंग है। इसके लिए पिछले दिनों निर्माण निगम की टीम ने सर्वे भी पूरा कर लिया है। ट्रेन चलने से आम विजिटर्स आसानी से सफारी और जू का लुफ्त एक साथ उठा सकेंगे। जू डायरेक्टर का कहना है कि कानपुर जू की सफारी का लुक, दुधवा और अन्य वन सफारी से भी अच्छा है। इसीलिए सफारी प्रोजेक्ट पर काफी ध्यान दिया जा रहा है।

60 लाख से बनी थी सफारी
जू में 2004 में हिरण सफारी को लगभग 60 लाख रुपए से बनाया गया था। जिसको 2005 में जू विजिटर्स के लिए खोला गया। लेकिन 6 महीने ही बीते थे कि योजना फ्लॉप हो गई, और सफारी को बंद कर दिया गया। करीब 7 साल बाद प्रोजेक्ट को दोबारा खोलने के लिए जू डायरेक्टर के थॉमस ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। जिसको सीजेडए और गवर्नमेंट भी सपोर्ट कर रही है।
एक नजर
जू का एरिया- 76 हेक्टेयर
सफारी एरिया- 38 हेक्टेयर
सफारी हिरन- 300
क्रोकोडाइल- 200

ये होंगे फायदे
- पॉपुलैरटी बढ़ेगी
- विजिटर्स की संख्या ज्यादा होगी
- फॉरेस्ट लुक को करीब से देख सकेंगे
यहीं रहेंगे ‘विष्णु’ और ‘लक्ष्मी’
हैदराबाद से जू लाया गया लॉयन जोड़ा विष्णु और लक्ष्मी कानपुर में ही रहेगें। जू डॉयरेक्टर के थॉमस ने बताया कि लॉयन इटावा जाएंगे इसका कोई लिखित आदेश मेरे पास नही आया है। उन्होंने बताया कि लॉयन पूरी तरह से स्वस्थ्य है इसलिए 29 अप्रैल को लॉयन को बारी-बारी बाड़े भी निकालना शुरू कर दिया जाएगा। इससे जू विजिटर्स लॉयन को देख भी सकेंगे।
सेहत के लिए कुछ भी करेगा
सिटी में ग्रीनरी कवर्ड एरिया महज 2.25 परसेंट ही है। ज्यादातर मोहल्लों में पार्क भी उजाड़ पड़े हुए हैं। हरियाली ढूंढने से भी नहीं मिलती है। ऐसी सिचुएशन में मॉर्निंग वॉक के लिए जगह तलाशना भी एक बड़ी प्रॉब्लम है। सिटी में कुछ चुनिन्दा स्थान ही हैैं, जहां ग्र्रीनरी है। इसीलिए घर से काफी दूरी तय करके भी हेल्थ कांसेश कानपुराइट्स मॉर्निंग वॉक के लिए  यहां पहुंचते हैं।

900 पार्क
कहने को तो सिटी में 900 के करीब पार्क हैं। इनमें से 675 से अधिक पार्क तो केवल नगर निगम के हैं। 188 केडीए के हैैं। लेकिन इनमें से एक तिहाई पार्क भी ऐसे नहीं हैैं, जहां ग्र्रीनरी हो। शायद इसी वजह से मार्निंग वॉकर्स को घर से काफी दूर होने के बावजूद भी मोतीझील, संजय वन, सीएसए, नानाराव पार्क, ग्र्रीन पार्क जैसी जगहों पर जाना पड़ता है। हर रोज सुबह इन स्थानों पर मॉर्निंग वॉकर्स की काफी भीड़ होती है। सीएसए, नानाराव पार्क सहित कई स्थानों पर तो लोग शाम को ग्र्रीनरी के बीच सैर करने को जाते हैैं। ग्र्रीन पार्क में तो मॉर्निंग वॉकर्स को रजिस्ट्रेशन भी कराना होता है। ग्र्रीन पार्क के पिच क्यूरेटर शिवकुमार के मुताबिक 10 रुपए में मॉर्निंग वॉकर्स का रजिस्ट्रेशन होता है और 200 रुपए का पास बनाया जाता है.  बावजूद इसके हर रोज सुबह लोग मॉर्निंग वॉक के लिए ग्र्रीन पार्क जाते हैैं।

मॉर्निंग वॉकर्स की मनपसन्द जगह
मोतीझील, अशोक नगर
नानाराव पार्क, फूलबाग के पास
संजय वन, किदवई नगर
सीएसए, कंपनी बाग चौराहा के पास
ग्र्रीन पार्क, सिविल लाइन्स
बीएस पार्क, बेनाझावर रोड
गौतम बुद्दा पार्क, इन्द्रा नगर
एकता पार्क, मेहरबान सिंह पुरवा
कमला नेहरु पार्क, जवाहर नगर
साकेत पार्क साकेत नगर
लेनिन पार्क, पी रोड
मो.अली पार्क, चमनगंज
गीता पार्क, नेहरु नगर
वाटर पार्क, आवास विकास हंसपुरम
कटहरी बाग कैंट
आनन्दपुरी पार्क
मार्र्निंग वॉक इज गुड फॉर हेल्थ
अगर आपको अपने दिल और दिमाग को स्वस्थ के साथ ही फ्रेश भी रखना है तो रेगुलर मार्निंग वॉक ही एक उपाय है। डॉक्टर्स और ओबेसिटी एक्सपट्र्स की मानें तो रेगुलर मार्निंग वॉक करने वाले लोग हार्ट, हाइपरटेंशन और डायबिटीज जैसी बीमारियों से दूर रहते हैं।

रेगुलर मार्निंग वॉक है फायदेमंद
डॉ। जेएस कुशवाहा के मुताबिक मार्निंग वॉक से शरीर को स्वस्थ और निरोग रखा जा सकता है। बॉडी की वर्किंग को सही रखने के लिए फिजिकल एक्टिविटी बहुत जरूरी होती है। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति को एक सप्ताह में 150 मिनट रेगुलर मार्निंग वॉक करनी चाहिए। व्यक्ति इस टाइम को अपनी सहूलियत से दिन और मिनटों में डिवाइड कर सकता है। इसमें पांच दिन में डेली 30 मिनट और तीन दिन में डेली 50 मिनट तक मार्निंग वॉक की जा सकती है। जिससे बॉडी फिट रहती है।
ये हैं फायदे
-हार्ट का फंक्शन सही रहता है। अगर कोई व्यक्ति रेगुलर वॉक करता है तो हार्ट प्रॉब्लम होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। और जो व्यक्ति हार्ट पेशेंट हंै, वो मार्निंग वॉक करके अपनी हेल्थ को मेंटेन कर सकते हैं।
-जो लोग डायबिटीज के शिकार हैं। उनके लिए मार्निंग वॉक बहुत फायदेमंद है। मार्निंग वॉक करने से डायबिटीज को कंट्रोल करना बहुत आसान हो जाता है।
-हाइपरटेंशन बहुत तेजी से बढ़ रही बीमारी है। इस बीमारी से बचने के लिए मार्निंग वॉक सबसे बेहतर ऑप्शन है।

Posted By: Inextlive