Jamshedpur: वूमेंस की भी आईडेंटिटी उतनी ही जरूरी है जितनी कि मेंस की. आधार कार्ड बनवाने में वूमेंस को भी आगे आना चाहिए. तभी जाकर सोसाइटी में इक्विलिबिरियम मेंटेन रहेगा. ये बातें सिटी के बिष्टुपुर में एक प्रोग्राम में प्रेजेंट रहीं डीसी हिमानी पांडे ने कहीं. ईस्ट सिंहभूम में यूआईडी कार्ड एनरोलमेंट के डाटाबेस के अकॉर्डिंग गल्र्स-ब्वायज परसेंटेज में काफी डिफ्रेंस है.

UID Card बनवाने में girls पीछे
सिटी के बिष्टुपुर एरिया में लगाए गए यूआईडी कार्ड एनरोलमेंट सेंटर के राजीव ने बताया कि यूआइडी कार्ड बनवाने के लिए आने वाले गल्र्स और ब्वायज का रेसियो 70-30 का डिफ्रेंस है। जमशेदपुर नोटीफाइड एरिया के स्पेशल ऑफीसर आरएन द्विवेदी का भी मानना है कि यूआईडी बनवाने वालों में ब्वायज के कंपैरिटटिवली गल्र्स कम होती है।

जब इतने काम की चीज है तो
यूआईडी आइडेंटिटी कार्ड कई जगहों पर काम आता है जैसे बैंक में, गैस कनेक्शन लेने में, इप्लॉयमेंट रजिस्ट्रेशन करवाने में आदि। सिर्फ इतना ही नहीं ब्रॉडबैंड की स्कीम्स के तहत मिलने वाली सभी स्कीम्स को अवेल करने के लिए भी आपको यूआईडी कार्ड की जरूरत पड़ती है। और तो और गवर्नमेंट की ओर से चलाई जा रही डिफ्रेंंट-डिफ्रेंट स्कीम्स के तहत मिलने वाली रकम को अब सीधे बेनेफिशियरी के यूआईडी से जुड़े अकाउंट्स में ट्रंासफर करने की पॉलिसी इम्प्लीमेंट की जा रही है। ऐसे में चाहे वो मेल हो या फीमेल सभी के आधार कार्ड का होना काफी जरूरी हो गया है। वैसे भी गवर्नमेंट की ओर से गल्र्स लिए कई स्पेशल स्कीम्स चलाई जा रही हैं, जिनको अवेल करने के लिए आधार कार्ड का होना काफी जरूरी चला है।

यूआईडी कार्ड बनवाना वूमेंस का अधिकार है। ऐसे में उन्हें अपनी आईडेंटिटी के लिए खुद ही आगे आना चाहिए।
-प्रिया कामना कुजूर,  डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट ऑफिसर, यूआईडी
सिटी में यूआईडी कार्ड बनवाने के मामले में ब्वॉयज के कंपैरिजन में गल्र्स का फुटफॉल कम रहता है।
-आरएन द्विवेदी, स्पेशल ऑफिसर, जेएनएसी


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Posted By: Inextlive